आदरणीय अन्ना अंकल ,
मम्मी ने अनशन पर जाने की धमकी दी तो पापा डर गए और हमारे घर में नया ए.सी. लग गया.
लग तो गया लेकिन पापा मुंह लटका कर बोले “बिल“
मम्मी हंसने लगी, “ कौन सा,लोकपाल या जन लोकपाल ?“
पापा झल्लाए, “नालायक, मैं बिजली के बिल की बात कर रहा हूं. अगले महीने बिल आएगा,तो ए.सी. का पता चलेगा.“
मम्मी मुस्कुराई, “तुम भी भोले शंकर ही हो. दो दिन रूको फिर मेरा कमाल देखना.“
दो दिन बाद एक अंकल हमारे घर आए और बिजली की तार,मीटर और स्विच के साथ पता नहीं क्या करने लगे. मैंने पूछा तो पापा ने डांट दिया,“ जाकर गली में खेलो, दोस्तों के साथ “
अंकल जी, यह तो मेरे एक दोस्त ने बताया कि इसे बिजली चोरी कहते हैं. सुनकर मेरा तो मुंह उतर गया और सोचने लगा तो क्या मेरे पापा चोर हैं?
घर पर मम्मी ने डांट दिया, “क्यों दिमाग खराब करता है. सारे ही तो करते हैं. नेताओं को देख ना देश को लूट कर खा गए.“
लेकिन, अंकल जी, मेरा दिमाग अभी खराब ही है. मेरे पापा चोर कैसे हो सकते हैं ? वे तो पूरा दिन अन्ना- अन्ना करते रहते हैं. कल कह भी रह थे कि अन्ना भ्रष्टाचार के खिलाफ जो बिगुल बजा रहे हैं, उसका अच्छा नतीज़ा ही आएगा.
अंकल जी,मेरे पापा कभी दिखें तो डांटना ज़रूर. ऐसा न हो कि बिजली चोरी में हम पकडे जाएं और मुझे अपने हाथ पर लिखवाना पडे “मेरा बाप चोर है“
आपका अपना बच्चा
मन का सच्चा
अकल का कच्चा
प्रदीप नील
रविवार, 6 नवंबर 2011
अन्ना ,मेरा बाप चोर है
11/06/2011 07:51:00 pm
प्रदीप नील वसिष्ठ
3 comments
3 टिप्पणियाँ:
sahi samya par sahi bat ,galti choti ho ya bari gunahagar kahlane se kiyo darte hai log.
bahout hi prabhvi
sahi samya par sahi bat ,galti choti ho ya bari gunahagar kahlane se kiyo darte hai log.
bahout hi prabhvi
धन्यवाद सर . आपने रचना पढ़ने के लिए समय निकाला और उत्साहवर्धक टिप्पणी दी
मेरे ब्लॉग पर आते रहिएगा , आपका स्वागत है
प्रदीप नील
www.neel-pardeep.blogspot.com
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