
2/11/2023 07:43:00 pm

Yogendramani
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मुंबई भ्रमण का
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कभी कभी हम कहीं बाहर जाते हैं तो नई जगह पर ओटो ‘ टेक्सी या बस का सफ़र भी करना ही होता है और नए शहर की कुछ नई यादों को हम अपनी झोली में भर लाते हैं,लेकिन कभी कभी कुछ ऐसे लोग मिल जाते हैं कि अनजाने में ही छोटा सा सफ़र भी यादगार बन जाता है ।कुछ ऐसा ही कल हुआ ।
आजकल मैं सपत्नी मुंबई में बेटे के पास आया हूँ ।सनातन धर्मावलम्बी होने के कारण कभी कभी मंदिर दर्शन के विचार भी प्रबल हो जाते हैं तो मैं मंदिर भी चला जाता हूँ। मुंबई में भी सिद्धि विनायक और महालक्ष्मी मंदिर बहुत प्रसिद्ध हैं अतः मुंबई के सिद्धि विनायक और महालक्ष्मी मंदिर जाने का विचार बना ।
हम सभी घर से दोपहर को कैब द्वारा सिद्धि विनायक मंदिर गए और वहाँ आराम से दर्शन किए। दोपहर को इसलिए ताकि अधिक भीड़ का सामना न करना पड़े,क्योंकि हमने सुना था कि सुबह शाम वहाँ बहुत भीड़ होती है और अधिक भीड़ में हो सकता है गणपति महाराज की कृपा दृष्टि हम पर कुछ कम पड़ पाए । दोपहर का निर्णय सही भी रहा क्योंकि उस समय हमें दर्शन के लिए अधिक मशक्कत नहीं करनी पड़ी ।
वहाँ से महालक्ष्मी मंदिर के लिए टैक्सी से रवाना हुए तो टैक्सी में बैठते ही हमें अहसास हो गया कि यह टैक्सी ड्राइवर तो ड्राइवर के साथ साथ मुंबई दर्शन के लिए अच्छा गाइड भी है ।लगभग 15-20 मिनट के सफ़र में उसने पूरे रास्ते के इतिहास के साथ वर्तमान के दर्शन बड़े ही मज़ेदार ढंग से करा दिए ।
कल 13 जून तारीख़ थी जगह जगह आदित्य ठाकरे के नाम के बड़े बड़े होर्डिंग लगे थे तो उसने बताया कि आज साहिब का जन्म दिन है ।साहिब …..के नाम पर हमने उसकी तरफ़ देखा तो उसने स्पष्ट किया ,साहिब आदित्य ठाकरे का जन्म दिन है आज …. बहुत अच्छा है साहिब …. बहुत काम कराया है मुंबई में ….. महाराष्ट्र का भावी मुख्य मंत्री है साहिब ……। ये जो कोस्टल रोड बन रहा है वो साहिब के प्रयास से बन रहा है। कई बार आधी रात को भी देखने आजाते हैं कि काम ठीक हो रहा है या नहीं अगले साल 2023 में बन कर पूरा हो जाएगा ।उसकी बातों से हम समझ गए कि यह पक्का शिव सैनिक है ।
रास्ते में एक पाँच मंज़िला खूब सूरत बंगले की ओर इशारा करते हुए उसने बताया कि यह बंगला मुकेश अम्बानी ने अपनी बेटी इशा अम्बानी को गिफ़्ट दिया है । तीन हज़ार करोड़ का बंगला है ।इसमें तीस कमरे हैं दो लोग रहते हैं और तीन सो नौकर है । मुझे भी एसा ससुराल मिल जाता तो आज टैक्सी नहीं चलाता …….।
थोड़ी दूर पर ही रेसकोर्स फ़ील्ड था उसे देखते ही बोला यहाँ पर कुछ गधे,घोड़ों पर रुपए लगा कर घोड़े के जीतने की उम्मीद करते हैं। हमें आश्चर्य हुआ कि यह क्या कहा रहा है । उसने स्पष्ट किया कि यहाँ घोड़ों की रेस होती है ।लोग घोड़ों पर इस उम्मीद में पैसा लगाते हैं ,कि उनका घोड़ा जीतेगा …… वह आगे बोला कि यदि जिताना ही है तो स्वयं को जिताओ घोड़े को क्या जिताना ….?वास्तव में उसकी बात में दम था ।
मैंने मन ही मन सोचा अगर यह बात घोड़े पर पैसा लगाने वाले लोगों की समझ में आ जाए तो घुड़ दौड़ की यह दुकान ही बंद हो जाएगी ।
रास्ते में दिखाई देती अधिकांश बंगले और बिल्डिंगों के बारे में भी पूरा लेखा जोखा उससे पास था चाहे वो किसी फिल्म के ऐक्टर का हो या किसी अन्य का ।रास्ते में भीड़ को देख उसने बताया यहाँ पास ही लता जी का घर है यहाँ से ब्रिज बनना था लेकिन लता जी ने कोर्ट में केस कर दिया ,लेकिन अब वे तो नहीं हैं मगर कोर्ट में केस चल रहा है ।
दूर सामने एक ऊँची सी बिल्डिंग देख कर वह बोला वो बिल्डिंग मुकेश अम्बानी की है वहाँ तीन सो कमरे हैं दो लोग रहते हैं हेलीपेड भी है । उसके ड्राइवर को भी साढ़े तीन लाख रुपए महीने मिलता है मेरी घरवाली को मैं एक लाख रुपए भी दे दूँ तो एक साल का राशन लाकर घर में भर लेगी । वह बोला आपको मालूम है महा लक्ष्मी मंदिर से सुबह पाँच बजे लक्ष्मी जी अम्बानी के घर चली जाती हैं और रात को नो बजे तक वहीं रहती हैं लक्ष्मी जी ……! और अब सरकार भी उनकी है इसलिए सबसे ज़्यादा अच्छे दिन उनके ही आयें हैं।महालक्ष्मी मंदिर पहुँच कर हमने देखा कि मंदिर के बाहर से ही अम्बानी की बिल्डिंग दिखाई दी,तब हमें समझ आई उसकी बात ।
इस थोड़ी सी देर का यह सफर एक यादगार सफर बन गया । एक आम आदमी की समझ…… सोच…जो जीवन को वास्तव में स्वयं के बल पर जीता है स्वयं की मेहनत से रोज़ नित नए घरोंदे बनाता है ।
डा योगेन्द्र मणि कौशिक
कोटा

1/27/2020 07:33:00 pm

deepti sharma
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सरहदों के मौसम एक से
बस अलग था तो
मार दिया जाना पंछियों का
जो उड़कर उस पार हो लिए
रंगनी थी दिवार
कि जब तक खून लाल ना हो
जमीन भींग ना जाए
और हम सोते रहें
देर रात जश्न मनाते
शराब पी बे- सूद
अपनी औरतों को मारते
हम अलग नहीं
चौराहे
अलग रंग के
अलग शहरों के
घटना एक सी
रेप कर दिया
चाकू मार दिया
हम एक हैं अलग नहीं
ये खून हरा है
खून बहेगा तबतक
जबतक वो लाल नहीं होता
मरेगी औरतें, मारेगा आदमी
होंगे रेप
चलेंगे चाकू
आदमी सोच रहा
हम हरे खून वाले
जब बहेंगे
तब बहेगा जहर
तो खून लाल कर दो देवता
या पानी बना बहा दो सब
आ जाने दो प्रलय
अब जलमग्न हो जाने पर ही धूल पाएगी दुनिया
हम हो पायेंगे इंसान
तब ये खून लाल होगा
Deepti Sharma

12/03/2019 07:51:00 am

Shalini kaushik
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जो दिखाई देता है, हम सभी जानते हैं कि वह हमेशा सत्य नहीं होता है किन्तु फिर भी हम कुछ ऐसी मिट्टी के बने हुए हैं कि तथ्यों की जांच परख किए बगैर दिखाए जा रहे परिदृश्य पर ही यकीन करते हैं और इसका फायदा भले ही कोई भी उठाता हो लेकिन हम अपनी भावुकतावश नुकसान में ही रहते हैं.
अभी दो दिन पहले ही तेलंगाना में एक पशु चिकित्सक डॉ प्रियंका रेड्डी की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गयी और हत्या भी ऐसे कि लाश को इस बुरी तरह जला दिया गया कि उसकी पहचान का आधार बना एक अधजला स्कार्फ और गले में पड़ा हुआ गोल्ड पैंडैंट और मच गया चारों ओर कोहराम महिला के साथ निर्दयता का, सोशल मीडिया पर भरमार छा गई #kabtaknirbhaya की, सही भी है नारी क्या यही सब कुछ सहने को बनी हुई है, क्या वास्तव में उसका इस दुनिया में कुछ भी करना इतना मुश्किल है कि वह अगर घर से बाहर कहीं किसी मुश्किल में पड़ गई तो अपनी इज्ज़त, जिंदगी सब गंवाकर ही रहेगी, आज की परिस्थितियों में तो यही कहा जा सकता है किन्तु अगर बाद में सच कुछ और निकलता है तब हम सोशल मीडिया पर क्या लिखेंगे? सोचिए.
स्टार भारत पर प्रसारित किए जा रहे सावधान इंडिया में दिखाए गए एक सच ने मुझे यह सोचने पर मजबूर कर दिया और उनकी दिखाई गई एक सत्य घटना के बारे में सर्च की और थोड़ी मशक्कत के बाद मुझे वह घटना इस तरह प्राप्त भी हो गई, जिसे आप सब भी पढ़ सकते हैं -
कक्षा आठ की छात्रा आरती हाथरस के मुरसान थाना क्षेत्र के गांव करील में पिछले छह साल से अपने मामा भूरा के घर रह रही थी। गांव वालों ने बताया कि भूरा के घर से धुंआ उठने पर जब वे घर के अंदर गए तो उन्हें आरती जली मिली। थोड़ी देर तक तो वे समझे कि ये बहू ममता है, लेकिन बाद में उसकी पहचान आरती के रूप में हुई। दरअसल ग्रामीणों को आरती की पहचान में इसलिए गफलत हुई क्योंकि उसके हाथ में चूड़ियां और पांव में बिछुआ थे। ममता ने आरती को क्यों मारा, इस बारे में किसी को कुछ पता नहीं है। वारदात के समय मामी और भांजी ही घर पर थे।
ऐसे ही थोड़ा अवलोकन अब इस मामले का करते हैं, ध्यान दीजिये -
डॉक्टर को हैदराबाद-बेंगलुरु हाईवे पर स्थित जिस टोल प्लाजा पर आखिरी बार देखा था, वहां से करीब 30 किमी दूर एक किसान ने गुरुवार सुबह उसका जला हुआ शव देखा। उसने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर के परिवार के लोगों को घटनास्थल पर बुलाया। अधजले स्कार्फ और गले पड़े गोल्ड पेंडेंट से डॉक्टर के शव की पहचान हुई। पुलिस को आसपास से शराब की बोतलें भी मिलीं।
जैसे कि उपरोक्त पहले मामले में............ आगे पढ़ें नीचे दिए लिंक 👇
शालिनी कौशिक एडवोकेट

11/26/2019 07:27:00 pm

कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹
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हम बेख़बर थे ,अपने कल के लिए
क़दम ठिठके ,एक पल के लिए।
बहुत दूर जाते, दिखे वो सभी
रुक गए थे राह में, जिनके लिए।
मन्ज़िल की राह, कुछ दुशवार थी
हाथों से कांटे चुने थे इनके लिए।
जख़्म रिसते रहे,पर दर्द काफूर था
नहीं वक़्त था ,उफ़ करने के लिए।
आसमां में दिखी,एक चिड़िया उड़ती हुई
चोंच में दबाए कुछ तिनके लिए।
कमलेश' आबाद है दुनिया इस उम्मीद पर
कुछ छोड़ जाएं अच्छा
कल के लिए।।💐

11/22/2019 11:23:00 pm

कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹
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हम बेख़बर थेअपने कल के लिए
क़दम ठिठके एक पल के लिए।
वो बहुत दूर जाते, दिखे वो सभी
रुक गए थे राह में, जिनके लिए।
मन्ज़िल की राह, कुछ दुशवार थी
हाथों से कांटे चुने थे इनके लिए।
जख़्म रिसते रहे,पर दर्द काफूर था
नहीं वक़्त था ,उफ़ करने के लिए।
आसमां में दिखी,एक चिड़िया उड़ती हुई
चोंच में दबाए कुछ तिनके लिए।
कमलेश' आबाद है दुनिया इस उम्मीद पर,
कुछ ना कुछ छोड़ जाएं अच्छा
कल के लिए।।💐

1/19/2018 06:53:00 pm

Anil Pusadkar
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1/17/2018 06:36:00 pm

Anil Pusadkar
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1/12/2018 04:38:00 pm

Anil Pusadkar
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11/22/2017 06:40:00 pm

Anil Pusadkar
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11/13/2017 02:37:00 pm

Anil Pusadkar
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