हरीश सिंह के ब्लॉग डंके की चोट पर पर एक निंदनीय लेख लगा है..शायद अनवर जमाल ने लिखा है..शिवलिंग के बारे में..
आप सब से अनुरोध है की उस लेख को पढ़ें और अपना विरोध या समर्थन(अगर कर सके तों) प्रदर्शित करें..उन्होंने शीर्षक गलत लगाया है सिर्फ मुस्लिम ब्लागर ही नहीं, सभी हिन्दू ब्लागर भी इसका विरोध करें. क्योंकि कुछ लोंगो की मानसिकता हिन्दू धर्म को और अराध्य को बदनाम करने की है, जब कुरान और इस्लाम के बारे में कोई लिखता है तो मुस्लिम भाई चिल्लाने लगते हैं. सच बोलने की ताकत है तो अपना विचार अवश्य रखें.
मैं निंदा करता हूँ ऐसे वाहियात लेख की...सच तो ये है की ये निंदा के लायक भी लेख नहीं है..
अनवर भाई धार्मिक भावनाओं से न खेले..अब हालत बदल रहें है...
आशय समझ गए होंगे...हिन्दू अब पंगु नहीं रहा...
मत धैर्य की परीछा लें हमारी . अनवर भाई..
आखिर सहने की सीमा होती है..
सागर के उर में ज्वाला सोती है..
मलयानिल कभी बवंडर बन ही जाता है..
भोले शिव का तृतीय नेत्र खुल ही जाता है...
लेखों,जेहादी नारों से हथियारों से..
हिन्दू का शीश नवा लोगे ये मत सोचो..
हिंसा और सेकुलरिज्म के हथियारों से
शिव पर ऊँगली तुम उठा लोगे ये मत सोचो............
कृपया विश्व बंधुत्व की भावना का सम्मान करें..एक दुसरे का सम्मान करें.. और समाज को तोड़ने वालों को मुहतोड़ जवाब दे,
ॐ नमः शिवाय