मैं झूठा क्यों.
दोस्तों मैंने कहा था " सबसे बड़ा झूठ बोलने वाला मैं" क्योंकि मैं कहता था की मुझे ब्लॉग परिवार में प्रेम चाहिए फिर मैं महाभारत करा रहा हूँ. जी हां आज से मैं महाभारत का आगाज़ कर रहा हूँ . यह महाभारत होगी विचारों की, लेखन की, यदि झूठ बोलने से आपस में प्रेम बढ़ता है तो तो झूठा बनने में मुझे कोई एतराज़ नहीं है. आखिर महाभारत क्यों ?
सवाल उठता है की महाभारत क्यों. मैं जबसे इस ब्लॉग की दुनिया में प्रवेश लिया हूँ. देख रहा हूँ. जितने भी ब्लोगर हैं जो चाहते है अपनी मर्ज़ी से पोस्ट लिखते है और चल देते है. जी नहीं यह अच्छी प्रवित्ति नहीं है. " सामुदायिक ब्लॉग पर कुछ तो अलग होना ही चाहिए. आज जब हर जगह प्रतियोगिता का दौर है तो यहाँ क्यों नहीं......... यहाँ भी होगी प्रतियोगिता..............यहाँ भी होगा महाभारत..
प्रतियोगिता का स्वरूप.......
हर माह में एक प्रतियोगिता का आयोजन होगा. इसके लिए हर बार अलग-अलग एक निर्णायक मंडल का गठन होगा .... पुरस्कार..........
इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले हमारे " भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" के सदस्यों के अलावा वे लोग भी शामिल हो सकते हैं , जो सिर्फ हमारे पाठक है, हमारे लेखक भाई जहाँ अपनी पोस्ट प्रकाशित करेंगे वही जो लोग इस ब्लॉग के लेखक नहीं बने है वे मेल द्वारा अपनी रचनाये हमें भेजेंगे जिन्हें हम प्रकाशित करेंगे. इस प्रतियोगिता में जो भी लेखक भाग लेगा, उसकी रचनाओ को एक निर्णायक मंडल परखेगा और चुने गए लेखको को प्रथम द्वितीय और तृतीय पुरस्कार से प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जायेगा. चुने गए लेखको को प्रशस्ति पत्र "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" की ओर से दिया जायेगा. यह प्रतियोगिता लगातार छः माह तक चलेगी, हर बार अलग अलग विषयों पर .. यह प्रतियोगिता का प्रथम स्टेज होगा समाप्ति नहीं. हर छः माह के बाद विजयी हुए सभी लेखको को एक कार्यक्रम आयोजित करके ऐसा पुरस्कार दिया जायेगा जो आज तक किसी प्रतियोगिता में नहीं मिला होगा... उसकी कीमत का अंदाज़ा कोई नहीं लगा सकता. और यह कार्यक्रम पहले चरण की समाप्ति के बाद सितम्बर में लखनऊ में होगा.
प्रतियोगिता का पहला महाभारत...................?
लेखनी का महाभारत |
प्रेम उदय तो होता है एह क्षणिक आकर्षण से परे पलता और पुष्ट होता है विश्वास के विशाल
वृक्ष के तले और तब्दील हो जाता है स्वयं एक विशाल वृक्ष में जिसके तले जीवन के अन्य
आवेग पलते है जैसे ममता क्रोध इत्यादि और रसमय कर देता है खुद को अपनी ही
प्रतिध्वनियों में, पर अंत नहीं होता प्रेम का जब तक साँसे साथ नहीं छोडती, या स्पन्दन्हीन नहीं होता मन........
आज प्रेम का मतलब बदल गया जहा पर भी लोग प्रेम की बात करते है वह सिर्फ प्रेमी और प्रेमिका की परिकल्पना होती है. पर आप भी जानते है. प्रेम का स्वरूप बहुत विस्तृत है. प्रेम किसी से भी हो सकता है.
तो महाभारत के प्रथम अध्याय में आप लोंगो को विषय दिया जाता है. ....
"प्रेम का जीवन में वास्तविक महत्व और सच्चे प्रेम का स्वरुप "इस विषय पर अपनी रचनाये इस सामुदायिक ब्लॉग पर पोस्ट करें.
निर्णायक मंडल .............
इस प्रतियोगिता के पहले चरण में चार लोग निर्णायक मंडल में शामिल होंगे......१......... डॉ, श्याम गुप्ता जी.
२....... डॉ. अनवर जमाल साहब
३....... बहन रेखा श्रीवास्तव जी
४....... बहन निर्मला कपिला जी.
इस प्रतियोगिता के विजयी की घोषणा निर्णायक मंडल करेगा ..... अंतिम निर्णय "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" मंच करेगा.."
इस प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल शामिल नहीं होगा. बल्कि निर्णायक मंडल के लिए के विशिष्ट पुरस्कार निर्धारित किया जा रहा है..... निर्णायक मंडल भी पोस्ट करेगा और निर्णायक मंडल के प्रतिभागी विजेता की घोषणा LBA & AIBA के संयोजक सलीम खान करेंगे.
...... शर्ते लागू... इस प्रतियोगिता के पहले चरण में सलीम खान, मिथिलेश द्विवेदी और मैं खुद पोस्ट लिख सकते है किन्तु इनकी पोस्ट प्रतियोगिता में शामिल नहीं की जाएगी.....
तो आप सभी लोंगो से आह्वान है आईये और अपने सारे हथियार लेकर महाभारत की पहली जंग में शामिल होकर हिंदी ब्लोगिंग में एक नयी शुरुआत करिए, तो देर किस बात बोल दीजिये हमला और देखिये विजय किसकी होती है..इस नए महाभारत की जंग में शामिल होकर हिंदी ब्लॉग में एक नई और विशुद्ध परम्परा का आगाज़ करे.
हरीश सिंह/मिथिलेश दूबे ........ 7860754250
23 टिप्पणियाँ:
महाभारत मे हम भाग लेने के लिये तैयार हे
Topic to mast hai thodi mushkil bhi par main likhungi jarur bas is mahabharat ka hissa banne ke liye
" सामुदायिक ब्लॉग पर कुछ तो अलग होना ही चाहिए. आज जब हर जगह प्रतियोगिता का दौर है तो यहाँ क्यों नहीं......... यहाँ भी होगी प्रतियोगिता... aapki yah baat mujhe bahut janchi
हरीश जी आपका धन्यवाद । लेकिन आज कल कुछ परेशानियाँ चल रही हैं मै ये भार वहन न कर सकूँगी। अगली बार जरूर आऊँगी। आप अन्यथा नही लें धन्यवाद।
ummid karte hain aayojan safal rahega..:)
.अच्छी शुरुआत है । विषय भी मजेदार है.....फिर काहे का इन्तजार है.....अच्छे प्रयास के लिऐ हार्दिक शुभकामनाऐ ......
डॉ.योगेन्द्र मणि कौशिक
....
अरे कहा हो भाई कलम रुपी हथियार के महारथियों आओ और लग जाओ. कही महाभारत के जंग से घबरा तो नहीं गए. हरीश जी हमें भी इस ब्लॉग का लेखक बनाये, मुझे भी इस जंग में कूदना है.... मेरा तो दिल उछल रहा है...... मेरा पता है...... sinha.rubi0@gmail.com
नया विचार और सराहनीय प्रयास ।
भाई ये बताइये कि क्या इस प्रतियोगिता में बम्बई वाली आपकी ' वो ' भी शामिल हो रही हैं जिन्हें आपने अपने विवाहित होने के बारे में नहीं बताया था और फिर भी कुछ ऐसा नहीं हुआ कि आपका प्रेम अपवित्र होता ?
अच्छा प्रयास...बधाई..
क्या गुरु जी बच्चे की जान लोगे क्या. अरे कुछ तो शर्म करो यार.. anwar bhai aisa julm mat karo.
dr. saheb thanks, sahyog banaye rakhe.
इस नाचीज़ को भी इसमे शामिल कर लीजिए प्रभु.
http://aghorupanishad.blogspot.com
http://damini-isthisprogression-damini.blogspot.com/
here is my blog
कविता चलेगी क्या या लेख जरूरी है ।
महाभारत में भाग लेने के लिय अपनी प्रविष्ठी किस पते पर भेजनी होगी.. बताने की कृपा करें।
यह जान्कारी भी दें कि इस प्रतियोगिता में केवल लेख ही शामिल किये जाएंगे या कविताएं भी शामिल की जाएंगी.. ।
धन्यवाद.. ।
कमल जी, आशा जी ,आदित्य जी, आप अपना इ-मेल हमें indianbloger@gmail.com ya editor.bhadohinews@gmail.com पर भेजे हम आपको आमंत्रण भेजेंगे जिसे स्वीकार कर आप सीधे इस ब्लॉग पर पोस्ट करें. या फिर अपनी रचना हमें. सीधे मेल द्वारा भेजें. आपका स्वागत है.
आप इसमें किसी भी विधा की रचना भेज सकते हैं.
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आपका धन्यवाद। तैयार हैं हम भी
एक अच्छी परंपरा की शुरूआत के लिए बधाई!
हरीश जी यह अति सुन्दर आयोजन है और निश्चय ही यह हिन्दी ब्लॉग लेखकें हेतु अतीव उत्साह-बर्धक सिद्ध होगा । मेरा भी प्रयाश होगा कि इस प्रतियोगिता में भागीदार बन सकूँ।
swagat devendra ji,
शायद मैं खोज नहीं पा रहा हूँ अंतिम तिथि क्या है ???
महाभारत अब २० मार्च तक
सम्मानित स्वजन, लेखको के बीच जिस महाभारत के जंग की घोषणा की गयी थी. उसकी अंतिम तिथि १५ मार्च निर्धारित थी, किन्तु कुछ लेखक इस परिवार में बाद में जुड़े जो इस जंग में हिस्सा लेना चाहते थे. हम सबकी भावनाओ का सम्मान करते हुए अंतिम तिथि २० मार्च निर्धारित कर रहे है. हमने सोचा इस महाभारत का विषय प्रेम है, लिहाजा प्रेम और भाईचारे के त्यौहार तक महाभारत चलता रहे.. उसके पश्चात् इस विषय पर आये सभी लेख निर्णायक मंडल के हवाले कर दिया जायेगा. तत्पश्चात जो निर्णय होगा वह आपके समक्ष होगा. अनवर भाई साधना में जाने की बात कहकर गायब है, उनसे अनुरोध है की अपनी जिम्मेदारी को अवश्य समझे. आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामना..
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