मंगलवार, 17 जुलाई 2012

हरियाणा के अपना घर में मानवता शर्मशार

हरियाणा में कई एनजीओ ऐसे हैं जिनकी सच्चाई जानने के बाद आप की रुह कांप उठेगी। गरीब और असहायों को संरक्षण देने के नाम पर मानवता को कलंकित कर देनी वाली कई ऐसी घटनाएं हैं जिन्हें जानकर आप को हैरानी तो होगी ही साथ में ऐसी संस्थाओं से विश्वास भी उठ जायेगा। जहां पर बच्चों को गोद देने के नाम पर बेचा जाता है और लड़कियों से अनैतिक गतिविधियों में ढकेला जाता है। हैरानी की बात तो यह है इन एनजीओ की लड़कियों और महिलाओं के साथ सेक्स करने वालों में कुछ नेताओं और पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गृहनगर रोहतक में एनजीओ अपना घर में संरक्षण के नाम पर बच्चों, महिलाओं और लड़कियों के साथ हैवानियत की ऐसी नंगी नाच का खेल होता था जिसे भगवान की नही इंसान की भी कोई अदालत माफ नही करेगी। रोहतक के अपना घर में लड़कियों और महिलाओं को हाई प्रोफाइल लोगों में परोसा जाता था। जिसे अमीर लोग अय्यासी में अपनी वासना की भूख को शांत करते थे। आइए आप को बताते हैं कैसे हुआ अपना घर का खुलासा---- इस तरह हुआ अपना घर रोहतक का पर्दाफाश- एनजीओ अपना घर में रहने वाले लोगों के साथ ऐसे जुल्म होते थे जिन्हें देखकर इंसान के रुह कांप जाएं। अपना घर की संचालिका जयवंती नरवाल के अत्यचार जब असहनीय हो गये तब तीन बहादुर लड़कियों ने अपना घर से भागने की 07 मई को योजना बनाई। और इस योजना में सफल भी हुईं। 09 मई को इन लड़कियों ने दिल्ली राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग में जाकर अपनी आफबीती सुनाई, तो आयोग के सभी कर्मचारी दंग रह गए। आयोग ने इन लड़कियों के बयान के आधार पर 9 मई की रात को अचानक अपना घर, रोहतक में छापा मारा। आयोग के सदस्यों ने यहां के बच्चों से पूछताछ की। आयोग की पूछताछ में एक-एक करके सच्चाई सामने आने लगी। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की टीम ने जमकर जिला प्रशासन की फटकार लगाई। और जसवंती नरवाल की गिरफ्तारी के आदेश जारी किए। 10 मई को जसवंती को जिला अदालत में पेश किया गया। जिसके बाद कोर्ट ने जसवंती को चार दिन की रिमांड पर भेज दिया। इस मामले में एनजीओ संचालिका जसवंती समेत 6 लोगों को विभिन्न धाराओं में गिरफ्तार किया गया। इसमें जसवंती की बेटी सिम्मी, दामाद जय भगवान, भाई जसवंत भी शामिल हैं। इस सभी लोगों पर यौंन शोषण, देह व्यापार, मानव तस्करी और बाल श्रम समेत कई आरोप लगे हैं। इन सभी आरोपियों को 23 मई तक बार-बार रिमांड पर लिया गया। पुलिस इस सभी से बहुत सी जानकारी और सबूत जुटाए। अपना घर रोहतक का मुद्दा हरियाणा विधान सभा में भी उठा। विपक्ष के जोरदार हंगामे और मीडिया में लगातार तूल पकड़ते मामले को देखते हुए हरियाणा सरकार सीबीआई जांच की मंजूरी दे दी। इससे पहले पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट इसी मामले में चार सदस्यीय टीम की एक कमेटी गठित करके हरियाणा के सभी एनजीओ की जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया। दूसरी ओर महिला आयोग औऱ NCPCR की टीम भी इन्हीं सब मामले की जांच रही है। परत दर परत सच्चाई आई सामने पंजाब -हरियाणा हाइकोर्ट के द्वारा गठित की गई टीम के दो सदस्यों ने कोर्ट में रिपोर्ट दी है कि जसवंती नरवाल के दामाद जयभगवान और उसके गाड़ी का ड्राइवर सतीश पर लड़कियों ने यौंन शोषण का आरोप लगाया है। रिपोर्ट मं कहा गया है कि अपना घर में पहुंचे बच्चों को जहां गोद लेने के नाम पर बेचा जाता था। वहीं लड़कियों का इस्तेमाल अनैतिक गतिविधियों में किया जाता था। अपना घर की लड़कियों और महिलाओं को पिकनिक के बहाने चंडीगढ़ औऱ हरिद्वार ले जाया जाता था। औऱ वहां होटलों में ब्लू फिल्म बनाई जाती थी। हाइकोर्ट द्वारा गठित टीम कमेटी को पीड़ित महिलाओं और लड़कियों ने बताया कि उन्हें स्वीमिंग पूल में जबरन नहाने के लिए मजबूर किया गया और उनके कपड़े उतारे गए। जिसकी वीडियो फिल्म भी बनाई गई। कमेटी अपना घर की पीड़ित महिलाओं की इस बयान को हाइकोर्ट के समक्ष रखा है। जसवंती के घर बनाने के लिए मजदूरी भी की भिवानी के बाल सेवा अनाथाश्रम में शिफ्ट की गई लड़कियों ने जांच कमेटी को बताया कि यौंन उत्पीड़न ही नही बल्कि उनसे मजदूरों की तरह काम भी लिया गया। जांच कमेटी ने कोर्ट को दी रिपोर्ट में कहा है कि इन पीड़ित लड़कियों ने जसवंती के मकान निर्माण में वहां पर मजदूरी भी की। शारीरिक शोषण के साथ डांस करने को मजबूर भिवानी में रह रही लड़कियों ने बताया कि उनका शारीरिक शोषण के साथ-साथ लोगों का दिल बहलाने के लिए नाचने को भी विवश किया जाता था। शारीरिक संबंध बनाने से पहले जसवंती आश्वासन देती थी कि इन लोगों के साथ उसकी शादी करवा दी जायेगी। यमुनानगर- बालकुंज में 12 बच्चों ने भी सुनाया दुखड़ा अपना घर रोहतक से यमुनानगर में छछरौली स्थित बालकुंज में पहुंचे 12 बच्चों ने भी जांच कमेटी को अपना दुखड़ा सुनाया। जांच कमेटी ने कोर्ट को दिए रिपोर्ट में कहा है कि बच्चों को शराब पिलाकर निर्वस्त्र कर दिया जाता था। छोटे बच्चों को जहां नौकरों की तरह रखा जाता था वहीं लड़कियों की शिकायत थी कि उनसे होटलों में पुलिस वाले भी संबंध बनाते थे। करनाल – नारी निकेतन में जबरन गर्भपात नारी निकेतन में रहने वाली 5 लड़कियों ने जांच कमेटी के समक्ष शारीरिक उत्पीड़न की शिकायत की। लड़कियों ने कहा कि उन्हें जबरन गर्भ निरोधक गोलियां खिलाकर गर्भपात करवाया गया। पानीपत- टेरेसा मिशनरी ऑफ चेरेटी के बच्चे नशे में- कमेटी के सदस्यों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चेरेटी में रहने वाले बच्चे कमेटी के सामने शिकायत की हालत में नही थे। शून्य में खोए बच्चों को देखकर लगा कि बच्चे नशे की हालत में थे। गुड़गांव में ली जाती थी लड़कियों की न्यूड फोटो कोर्ट द्वारा गठित जांच कमेटी के रिपोर्ट में गुड़गांव स्थित शेल्टर होम का भी खुलासा हुआ। यहां कि लड़कियों ने बताया कि उन्हें सेक्स करने से पहले शराब पिलाई जाती थी। इसके बाद नंगी तस्वीरें ली जाती थी। जांच एजेंसियां अपना घर की लड़कियों औऱ महिलाओ के साथ कुछ नेताओं और पुलिस अधिकारियों के संबंध से इनकार नहीं कर रहीं हैं। अपना घर की 18 साल की एक लड़की ने मीडिया कर्मियों से मुखातिब होते हुए कहा कि ऐसा अपना घर किसी और को ना मिले जहां उसे 08 साल गुजारने पड़े। ठीक कहा उस लड़की ने जो लाचारी में एक आसियाना की तलास में आई थी लेकिन उसे मिले जख्म जो कभी भी भरा नही जा सकता है। खैर हरियाणा सरकार इन सभी मामले को गंभीरता से लेते हुए सीबीआई जांच की मंजूरी दे दी है, और जांच भी शुरु हो चुकी है। हालांकि अपना घर रोहतक मामले की जांच पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट के द्वारा गठित की गई टीम भी कर रही है। देखना होगा कि गरीब और असहायों को मदद देने के नाम पर गैर सरकारी संगठनों पर क्या नकेल कसती है औऱ भविष्य में ऐसे मामलों से निपटने के लिए सरकारी क्या कदम उठाती है।

1 टिप्पणियाँ:

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) ने कहा…

शायद अब हम कुछ भी नहीं बचा सकते.....!!??
बहुत अजीब हालत है मेरे मन की !!बहुत कुछ लिखना चाहता हूँ, कहना चाहता हूँ,गाना चाहता हूँ,मंचित करना चाहता हूँ....पल-दर-पल आँखों के सम्मुख बहुत कुछ घटित होता रहता है,जो मानवता को शर्मसार और मुझे व्यथित करता रहता है,जिससे पीड़ित होकर खुद को व्यक्त करना चाहता हूँ मगर साथ ही कुछ भी लिखने में लगने वाले वक्त की अपेक्षा अपने लिखे जाने के "अ-परिणामों " पर विचार करता हूँ तो अपने लिखे हुए को बिलकुल "अ-सार्थक " पाता हूँ !!और इस कारण लेखन-कर्म मुझे एकदम से बेकार और वाहियात कर्म लगने लगता है !!
रोज जब भी नेट पर बैठता हूँ तब कई प्रकार की वेदना होती है मन में,जो कभी भी बिलकुल से निजी समस्याओं की वजह से नहीं,बल्कि अपने आस-पास घटने वाली दुःख देने वाली घटनाओं के कारण उपजती हैं,जिन्हें मैं मिटा नहीं सकता,मिटा भी नहीं पाता...और कुछ भी नहीं बदल पाने का यह गम मुझे सालने लगता है....जी घुटने लगता है...मगर कोई उपाय भी नहीं होता मेरे पास खुद को राहत देने का...क्योंकि गैर-तो-गैर अपने भी सीधी-सच्ची और सूरज या आईने की तरह साफ़ सी चीज़ तक को नहीं मानते....कोई भी व्यक्ति महज अपने आत्ममुग्ध अहंकार की वजह से अपनी गलतियों को नहीं मानता और ना सिर्फ वो अपनी गलती नहीं मानता बल्कि सीधा-साधा यह तक भी एलान कर डालता है की मैं ऐसा ही हूँ...मेरे साथ मेरी शर्तों पर निभाना है तो ठीक...वरना मैं चला....यह थेथरई धरती के तकरीबन समस्त मानवों में है,जो दरअसल धरती की सारी समस्याओं की जड़ भी है !!
मगर किसी समस्या का दरअसल कोई ईलाज नहीं है क्योंकि आप किसी को उसकी गलतियों की माफ़ी के लिए विवश तो दूर,उसे इस बात को मानने को भी तैयार नहीं कर सकते कि उसने कोई गलती भी है !! और इस तरह सारी धरती पर ऐसी-ऐसी बातों पर बाबा आदम के जमाने से ऐसे-ऐसे झगड़े होते चले आ रहे हैं, जिनका की मानव जाति से दूर-दूर तलक का भी नाता नहीं होना चाहिए था,मगर ना सिर्फ ऐसा होता चला आ रहा है,बल्कि ऐसा ही होता भी रहना है,तो फिर मेरे या किसी के भी किसी भी माध्यम से खुद को अभिव्यक्त करने का कोई अर्थ भी है ??.....है तो भला क्या अर्थ है....??
हर महीने की किसी तारीख पर जब नेट का कनेक्शन ख़त्म हो जाता है तब कई दिनों तक इसी उधेड़-बून में रहता हूँ कि उसे फिर से भरवाऊँ कि ना भरवाऊँ....क्योंकि मेरा जो काम है वो सिर्फ मेरे कुछ भी व्यक्त-भर कर देने से खत्म नहीं हो जाता....दरअसल मेरा काम तो मेरे खुद को व्यक्त करने के बाद ही शुरू होता है।....जो कि कभी शुरू ही नहीं होता.....मेरे भीतर वेदना चलती रहती है....चलती ही रहती है !!
इस वेदना का क्या करूँ मैं....लोगों की आत्मा को जगाने के प्रयास में लगी मेरी अभ्यर्थना....मेरा लेखन अपने किसी लक्ष्य को पाता नहीं प्रतीत होता ऐसे में फेसबुक का क्या करना है...ब्लॉगों का क्या करना है...या अन्य किसी भी अभिव्यक्ति का क्या होना है.....और जब कुछ होना ही नहीं है...तब मुझे भी भला क्यूं होना है......इन्हीं सब छिछली बातों में मैं झूठ-मुठ का वक्त शायद जाया करता आया हूँ,और शायद मरने तक ऐसा ही चलता भी रहेगा.....!!
ऐसे में, मैं नहीं जानता कि मैं धरती पर अपने होने का क्या करूँ......मैं नहीं जानता कि हम सब धरती पर खुद को धोने के अलावा अपने होने से अपने होने का क्या साबित कर रहें,जबकि धरती आदमी से कलंकित है......और मानवता भी आदमी से शर्मसार है....!!??

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