बुधवार, 26 अक्तूबर 2011

दीप जलाएं

आओ दीप जलाएं
घर में, आंगन में
हर जगह
हर राह पर
सभी के लिए
प्रेम का पाठ पढ़ाएं
आओ दीप जलाएं

न हो गिला
शिकवे की न जगह हो
दिल में किसी के
हो इंसान में इंसानियत
दीपक ऐसा जलाएं
आओ दीप जलाएं


न हो कहीं दिखावा
मस्ती के रंग में
हो रोनक की बिसात
दोपों के संग में
न बुझे जन्मान्तर तक
ऐसी ज्वाला फैलाएं
आओ दीप जलाएं




आधुनिकता की बहाव में
कहीं बह न जाना
जहां जाना
संस्कृति न भुलाना तुम
गाएं गीत बंशज
ऐसी दीवाली मनाएं
आओ दीप जलाएं
- मंगल यादव

5 टिप्पणियाँ:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

चर्चा मंच परिवार की ओर से दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ!
आइए आप भी हमारे साथ आज के चर्चा मंच पर दीपावली मनाइए!

अनुपमा पाठक ने कहा…

सुन्दर!
शुभ दीपावली!

mangal yadav ने कहा…

thanks

चंदन ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति!
शुभकामनायें!

हरीश सिंह ने कहा…

दीपावली की आपको और आपके पूरे परिवार को बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

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