5/04/2011 06:15:00 pm
PRIYANKA RATHORE
4 comments
दूर जाने की कोशिश
तेरे और करीब ले आती है ,
पत्थर बनने की कोशिश
पानी बन बह जाती है !
तेरे होने के अहसास से
जीवन में आस जुडती जाती है ,
इस कारण -
दूर जाने की कोशिश
बेकार ही हो जाती है ................
प्रियंका राठौर
4 टिप्पणियाँ:
श्रीमान जी,मैंने अपने अनुभवों के आधार ""आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें"" हिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है. मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग www.rksirfiraa.blogspot.com पर टिप्पणी करने एक बार जरुर आयेंगे.ऐसा मेरा विश्वास है.
bhut hi khubsurat hai panktiya...
khubsurat
प्रियंका जी खूबसूरत रचना के लिए आपको बधाई.
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