बुधवार, 25 जुलाई 2012

''मन के उद्गार '': रिम-झिम ,रिमझिम -मेघ ...!!!

''मन के उद्गार '': रिम-झिम ,रिमझिम -मेघ ...!!!: रिमझिम - रिमझिम मेघ बरसता , गिरती बूँदें शाखों से , याद के बादल जब - जब छाये , निर्झर निकला आँखों से । देख उमड़ते मेघो...

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