आज पहली बार कुछ दिल से
ब्लॉग कि दुनिया में मैंने कई उतार चढाव देखे। कितने लोंगो को आते तो देखा पर वे कब चले गए पता भी नहीं चला। ऐसे में गत वर्ष एक नाम तेजी से उभर कर सामने आया। हरीश सिंह । जब प्रोफाइल में गया तो देखा वे भदोही के रहने वाले हैं, वह भदोही जो विदेशो में कालीनो के लिए मशहूर है। जिस क्षेत्र में लोग ब्लॉग के बारे में अच्छी तरह जानते भी नहीं हैं वहा ब्लॉग जगत में अपनी पहचान बनाना निश्चय ही आसान नहीं है। हरीश जी उन मुद्दों पर बोलने पर कभी परहेज़ नहीं किये जिस पर बोलने से अधिकतर लोग डरते हैं। चाहे हिन्दू हो मुस्लिम, जिस किसी ने मानवता और इंसानियत के खिलाफ ज़हर उगला उसके खिलाफ खड़े हो गए। इसके लिए उन्होंने अपमान जनक शब्द भी सुने पर कभी भी गुस्सा नहीं किया।
वर्ष २०११ कि शुरुवात में जब LBA पर विवाद कि शुरवात हुयी तो उन्होंने कहा मिथिलेश जी, आखिर क्यों लड़ते हैं लोग धर्म के नाम पर। किसने देखा है कि मरने के बाद स्वर्ग मिलेगा या नरक, जन्नत मिलेगी या हूर, पर आपसी विवाद करके हम जो इस मृत्युलोक पर ही नरक भोग रहे हैं क्या उसकी भरपाई कभी हो पायेगी। उन्होंने कहा कि मैं एक ऐसे मंच कि नीव रखूंगा जो हिन्दू मुस्लिम एकता और भाईचारे का प्रतीक हो। उस पर मैंने कहा कि " सर जी" संगठन बनाना आसान है। पर उसकी पहचान बनाना कठिन। उन्होंने ने कहा कि " आप देखिएगा यह मंच अपनी अलग पहचान बनाएगा क्योंकि यह प्रेम कि नीव पर रखा जा रहा है।
और "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" कि जो पहचान मात्र दो माह में बन गयी, वह पहचान वर्षो पहले बने संगठन नहीं बना पाए। इतने जल्दी इतने समर्थको का जुट जाना भी आश्चर्यजनक है। आज चर्चित ब्लोगरों में चाहे जिसका नाम लिया जाय। पर यह कहने में मुझे तनिक भी संकोच नहीं है कि सबसे चर्चित ब्लोगर हरीश जी हैं।
आज सुबह उनका फ़ोन आया उन्होंने कहा कि " पिछले आठ माह से चल रहा जीवन और मृत्यु का संघर्ष आज समाप्त हो गया। मेरे प्रिय उपेन्द्र की जीवन लीला समाप्त हो गयी। शायद कुछ दिनों तक मैं ब्लॉग जगत की हलचलों से दूर रहू । पर सोचता हूँ दूर कैसे रहा पाउँगा। क्योंकि यह भी मेरा परिवार है। जिसे मैंने खुद बनाया है।" उन्होंने आप सभी लोंगो को सन्देश भेजा है की इस मंच की जो गरिमा है। उसे बरक़रार रखने की जिम्मेदारी सभी की है। "
हर हालात में हंसने वाले श्री सिंह हमेशा कहते हैं। " जिन्दगी जिन्दादिली का नाम है, मुर्दा दिल क्या खाक जिया करते हैं।
प्रिय उपेन्द्र सिंह को BBLM परिवार की तरफ से हार्दिक श्रद्धांजलि, हम कामना करते हैं की हरीश जी इस दुःख से उबार कर शीघ्र ही हम सब के साथ खड़े दिखाई दें। ॐ शांति ।
13 टिप्पणियाँ:
हर हाल मे चलते रहना ही है जिन्दगी....बहुत दुख हुआ जानकर विनम्र श्रद्धांजली ...ईश्वर से प्रार्थना है वे इस दुखद घड़ी मे परिवार को दुख सहने कि शक्ति दे...
श्रद्धांजली...
यही आशा और इश्वाश है की ये मंच हम सब के सहयोग से अपनी उचाईयों को छुए ..
आभार आप का
उनको हमारी तरफ से श्रद्धांजली .... इस दुःख की घडी में हम उनके साथ हैं भगवन उनकी हिम्मत बनाये रखे |
इस दुःख की घड़ी में मैं उनके साथ हूँ
mithilesh ji ye khabar vastav me bahut dukhad hai aur kitni bate kahi jayen par dukh ko kam nahi kiya ja sakta.hareesh ji v unka parivar is dukh ko jhel sake to hame rahat milegi.is dukh kee ghadi me ham sabhi hareesh ji ke sath hain.
Priy Upendr kee aatma ko prampita aseem shanti pradan karen v samast parivar ko yah dukh sahne kee shakti pradan kare .
प्रिय उपेन्द्र सिंह को BBLM परिवार की तरफ से हार्दिक श्रद्धांजलि, हम कामना करते हैं की हरीश जी इस दुःख से उबार कर शीघ्र ही हम सब के साथ खड़े दिखाई दें। ॐ शांति ।
हार्दिक श्रद्धांजलि...
हरीश जी की सोच वाले बहुत से लोग हैं और सब एक ही दिशा में सोच रहे है हम इस दुःख की घड़ी में उनके साथ हैं. उपेन्द्र जी को मेरी श्रद्धांजलि.
हरीश जी और उनके परिवार जनो को इश्वर इस असीम दुख की घड़ी मे संबल प्रदान करे
हर जीव इस पृथ्वीलोक पर ईश्वर द्वारा सौंपे गए कार्यों को पूर्ण करने आता है, जब वे कार्य समाप्त हो जाते हैं तो उन्हें वापस बुलाकर ईश्वर दूसरे कार्य सौंप देता है. इसी को मौत कहते है. यह मृत्युलोक है, जो आया है उसे जाना ही होगा, परन्तु समय से पूर्व प्रस्थान दुःख देता है. .. ॐ शांति.
इस फानी दुनिया मे जो पैदा हुआ है उसका अंत भी सुनिश्चित है, मगर किसी का साथ छूट जाना पीडादायक होता है, मेरी ओर से विनम्र श्रद्धांजलि
उपेन्द्र जी के असामयिक निध्न पर हार्दिक श्रद्धांजलि....ईश्वर उनके परिवर को इस दुखद घडी का सामना कर्ने की शक्ति दे.
एक टिप्पणी भेजें