जैसा कि देखा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश ब्लॉगर असोसिएशन के बनने से कुछ लोग नाखुश हैं । लेकिन एक बात जो कचोट रही है वह यह कि ये नाराजगी कैसी? इनके बीच दुश्मनों का मत है कि मिथिलेश दुबे और हरीश सिंह जी ने एलबीए के साथ गद्दारी की है । ऐसा सोचने वालों के लिए ये संदेश है कि एलबीए पहले भी हमारा परिवार था अब भी है और हमेशा रहेगा । शायद कुछ लोगों के ये मालुम न था कि सलीम भाई और हम जब एलबीए नहीं बना था तब के अच्छे दोस्त और सलीम भाई मेरे बडे भाई जैसे हैं । जब मैंने और हरीश जी ऊत्तर प्रदेश ब्लॉगर असोसिएसन बनाने की सोची थी तब सलीम भाई से हमने राय ली थी और सलीम भाई ने हमारे साथ रहने की बात कही। लेकिन कुछ लोग भ्रम पाले हैं कि हमारा ये कदम एलबीए में टकराव के कारण उठाया गया , ये सरासर मनगढ़त कहानी है । एलबीए हमारा परिवार है और सब एक परिवार जैसे जुड़े है आपस में । बडे भईया अनवर जमाल जी ने हमें सराहा भी उत्तरप्रदेश ब्लॉगर्स असोसिएसन के गठन पर । शायद यही बात लोगों को पच नहीं रहा , कुछ लोग परेशान हैं कि ये लोग एक कैसे हैं, तो उनके यही कहना चाहूंगा कि हमारे बीच अगर कुछ टकराव होता भी है तो वह मात्र पोस्ट के उपर होता है न कि व्यक्तिगत रुप से । एलबीए हो उत्तरप्रदेश ब्लॉगर्स असोसिएसन हो हम सब एक हैं और एक ही रहेंगे । इसलिए उन लोगों से विनम्र निवेदन है कि जो लोग सोचते हैं कि हमारे बीच मनमुटाव है ,कृपया ऐसा कुछ ना लिखे जिससे हमें अपना रौद्र रुप दिखाना पडे़ वरना मिथिलेश और सलीम से सब वाकिफ हैं ।
3 टिप्पणियाँ:
कृपया ऐसा कुछ ना लिखे------ " हमें अपना रौद्र रुप दिखाना पडे़ वरना मिथिलेश और सलीम से सब वाकिफ हैं ।".....इससे टकराव बढता है....
blog jagat bane abhi kuchh hi samay hua hai.abhi iske falne-foolne ke din hain aise me ye man-mutav theek nahi.
मिथिलेश जी, डॉ. गुप्ता जी और शालिनी जी की सलाह उचित है. यदि एक व्यक्ति गलती करे तो जरुरी नहीं की दूसरा भी वही आचरण अपनाये. यार आप तो धमकी पर उतर आये. परशुराम मत बनो ब्राह्मन देवता. गुस्सा उचित नहीं.
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