तरकश ! Turkash !: कुत्तों का लिंगानुपात - (A)
बरसात का मौसम इंसानों के लिए हीं नहीं जानवरों के लिए भी मस्ती लेकर आता है.
मुझे याद है, जब में छोटा था, बरसात के मौसम में जब कुत्तों का झुण्ड देख के उन्हें भगाने लिए लिए पत्थर उठाया था तो एक बुजुर्ग ने डांट लगाई - क्या कर रहे हो? बरसात का मौसम है, सारे कुत्ते बौराए रहते हैं, काट लेंगे.
खैर, तब तो समझ नहीं आया था की क्यों बौराए रहते हैं. बाद में समझ आया की यहो वो वक़्त होता है जब उनकी कामेक्षा चरम पे होती हैं. या यूँ कहें की सिर्फ बरसात में हीं वो सहवास के लिए तैयार होते हैं. यही कारण है की उनकी जनसँख्या इतनी कंट्रोल में हैं. इंसान तो आधे सेकेण्ड में ही "गेट रेडी फ़ॉर एक्शन" हो जाता है, और तडातड तडातड जनसँख्या बढाता है.
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