रविवार, 12 जून 2011

तानाशाही सत्ता की जय हो

अब तो मैं भी सत्ता के विरुद्ध कभी कुछ नही बोलूँगा
भ्रष्टाचार और कालेधन पर अपना मुंह नही खोलूँगा

अरे, मुझको भी तो अपनी जान बहुत प्यारी है
सच लिखने की ताकत मेरी, सत्ता के आगे हारी है
तो भला मैं, क्यूँ सच बोल कर अपना शीष कटाऊ
अमानवीय सरकार को भला क्यूँ अपना दुश्मन बनाऊ

जो सत्ता सोये हुए लोगो पर लाठी बरसा सकती है
न्याय की प्यासी जनता को बूँद-बूँद तरसा सकती है
जिसने सत्याग्रह का अर्थ ही कभी ना जाना हो
लोकतंत्र में जनता की पुकार को कभी ना माना हो

जिसे दुनिया ने पूजा सदा, वो उसको ठग बतलाती है
आधी रात को लाठिया बरसा मन ही मन मुस्काती है
वो सत्ता भला कलम की ताकत को क्या जानेगी
भ्रष्टाचार से पीड़ित प्रजा के आंसू क्या पहचानेगी

सत्ता के धर्म-अधर्म को अपनी कलम से नही तोलूँगा
अब तो मैं भी सत्ता के विरुद्ध कभी कुछ नही बोलूँगा

आज चली है लाठिया, कल गोली भी चलवा सकते है
सच लिखने के अपराध में मुझे भी अन्दर करवा सकते है
तानाशाह हो चुकी सरकार अब प्रजातंत्र को भूल रही
भ्रष्टाचार में लिप्त सरकार, सत्ता के मद में झूल रही

सिंहासन का राजा कोई, बागडोर किसी और के हाथ में
खरगोशों का शिकार कर रहे, सिंह-सियार दोनों साथ में
कसाब खा रहा बिरयानी, सत्याग्राही लाठिया है खा रहे
देश में आतंक फ़ैलाने वाले, लादेन जैसे सत्ता को भा रहे

सात समंदर पार, सत्ता के दलालों की भर रही है तिजोरिया
और एक योगगुरु को द्रोही बतलाकर कर रहे वो मुंहजोरिया
अब तो लगता है डर, कहीं ना कर दे मुझको भी बदनाम
मैं क्यूँ पडू इस झंझट में, करूँगा मैं सत्ता को सलाम

सिंहासन के फेंके सिक्कों पर, अब तो मैं भी डोलूँगा
अब तो मैं भी सत्ता के विरुद्ध कभी कुछ नही बोलूँगा

अपनी जेब भरने को, मैं दरबारों की जेबे टटोलूँगा
अपनी कडवा सच की कविताओं में झूठ की मिश्री घोलूँगा
अब तो मैं भी सत्ता के विरुद्ध कभी कुछ नही बोलूँगा
भ्रष्टाचार और कालेधन पर अपना मुंह नही खोलूँगा

-विभोर गुप्ता (9319308534)

9 टिप्पणियाँ:

आशुतोष की कलम ने कहा…

विभोर जी
गाँधी ने भी कई बार अनसन किया तोडा सत्याग्रह किया तब जा के कुछ सफलता हाथ आई..
यहाँ तो अंग्रेजो से बड़े कुत्ते बैठे हैं...और उनके बौधिक दलाल पत्रकार और TV चैनल के रूप में बाबा विरोध की मलाई खा कर नकारात्मक प्रसिद्धि पाने को आतुर हैं..
बाबा का मकसद पूरा हुआ हिन्दुस्थान जग गया..कुत्तों को भोंकने दे..वो भोंकने की अपनी स्वाभाविक वृत्ति कहाँ छोड़ पाएंगे..जहाँ हड्डी देखेंगे बाबा विरोध की भो भो करते चले आयेंगे
भारत माता की जय....
जय बाबा रामदेव

shyam gupta ने कहा…

हताश न होइए कविश्रेष्ठ भाई
न ये पहली न अंतिम लड़ाई|

बेनामी ने कहा…

आज सुबह डा.सुब्रमण्यम स्वामी ने देहरादून में ये आरोप लगाया की इधर देश में कोहराम मचा है और राजमाता सोनिया जी और युवराज पिछले चार दिन से switzerland में बैठे हैं ................पिछले कुछ सालों में उन्होंने बहुत बड़े बड़े ....विशालकाय घोटाले खोजे हैं ....उनपे बड़ी व्यापक खोजबीन की है ......अब इतनी बड़ी बात कह दी उन्होंने आज सुबह .........आरोप लगाया की दोनों माँ बेटा switzerland गए हैं अपने खातों की देखरेख करने .........पूरे देश में आम आदमी ये बात खुल कर कहता है और मानता है की प्रधानमन्त्री श्री मनमोहन सिंह जी व्यक्तिगत रूप से बेहद इमानदार होते हुए भी भ्रष्टाचार एवं काले धन पर कोई प्रभावी कदम इसलिए नहीं उठा पा रहे क्योंकि कांग्रेस के बड़े नेता गण......( गाँधी परिवार समेत ) की गर्दन सबसे पहले नप जाएगी ........अब ऐसे माहौल में आज कोढ़ में खाज हो गयी ....कमबख्त ..........मुए स्वामी ने इतनी बड़ी बात कह दी किसी एक चैनल पर ............अब हमारे जैसे लोग चिपक गए भैया टीवी से ...वैसे भी हम लोग चिपके ही रहते हैं ........पर वाह ....क्या बात है .......किसी भी माई के लाल हमारे न्यूज़ चैनल ने उस बयान को दुबारा नहीं दिखाया ....खोज बीन करना....बाल की खाल निकालना तो दूर की बात है ........सारा दिन टीवी पर surfing करने के बाद ( हांलाकि न्यूज़ तो अब भी चल रही है ) शाम को हमने इन्टरनेट पर गोते लगाए ........सारी न्यूज़ खोज मारी ..........कहीं तो कुछ निकलेगा .......कहीं तो कोई चर्चा होगी ...किसी ने डॉ स्वामी को quote ही किया होगा ...कहीं से कोई खंडन ही आया होगा ..........अब हम क्या जानें दिल्ली में कौन क्या कर रहा है ....पर दिल्ली वाले तो जानते हैं की कहाँ हैं सोनिया जी ....कहाँ हैं अपने राहुल बाबा .....और इन मीडिया वालों के लिए तो ये एक मिनट का काम है .....एक फोन मारा और ये लो .....हो गयी पुष्टि ....या ये रहा खंडन ..........पर कुछ नहीं ....शांति ...एकदम मरघट वाली शांति है आज ........न पुष्टि.... न खंडन ............
पर दोस्तों .....मरघट की ये शांति .......चीख चीख कर कुछ कह रही है ..............ध्यान से सुनिए .....दूर वहां कोई रो रहा है .........किसी की मौत पर .....पर मुझे सचमुच विश्वास नहीं होता की वो मर गया ..........इतनी आसानी से मरने वाला वो था तो नहीं ....बड़ी सख्त जान था कमबख्त .......क्या वाकई मर गया ...खबरनवीस ............न कोई आवाज़ न हलचल ........माजरा क्या है .....
आज सुबह एक लेख लिखा मैंने की कैसे सरकार हमारे मूल अधिकारों को कुचल रही है .....इसके अलावा मैं लिखता रहा हूँ की कैसे न्यूज़ मर रही है ............पिछले दस दिनों से मैं महसूस कर रहा हूँ की news channels पर सरकारी विज्ञापनों की बाढ़ सी आ गयी है .........अब ये कोई खोजी पत्रकार या संस्था ही आंकड़े खोजेगी की किस महीने में कब कितने सरकारी विज्ञापन आये news channels पर, और अखबारों में ........... .....सच्चाई सामने आनी ही चाहिए ...........और जैसे ही इन्हें सरकारी विज्ञापन मिले इनकी तोपों का मुह सिविल सोसाइटी की तरफ मुड़ गया ..........ये लगे जन आन्दोलन को बदनाम करने ....सरकार और पार्टी का गुणगान करने और भ्रम फैलाने ..............जो मीडिया एक एक byte के लिए मारा मारा फिरता है ....आज डॉ सुब्रमण्यम स्वामी के इतने सनसनीखेज बयान के बाद भी चुप है ....मरघट सी शांति है .......पुष्टि नहीं तो खंडन तो आना चाहिए ........सरकार की तरफ से न सही पार्टी की तरफ से ही सही .......अगर सोनिया जी और राहुल जी देश में हैं तो बताया जाए और डॉ स्वामी से कहा जाए की प्रलाप बंद करो ......और अगर कहीं बाहर हैं तो ये भी बताया जाए की कहाँ हैं .......... चुप्पी साध के देश का मीडिया गाँधी परिवार को बचा रहा है क्या ??????? या ये मुद्दा...ये प्रश्न ....सचमुच इतना छोटा ...इतना घटिया है की इसपे टिप्पणी करना नहीं चाहता ............पर ये बहुत कडवी सच्चाई है की आज अधिकाँश लोग ...चाहे वो कांग्रेस समर्थक लोग ही क्यों न हों........ ये मानते हैं की गांधी परिवार के खाते हैं...... विदेशी banks में .......अब इसका जवाब या तो हाँ में हो सकता है या ना में ........चुप रहना कोई जवाब नहीं है ....और चुप रहे तो गाँधी परिवार रहे ....मीडिया क्यों चुप है ???????? कुत्ते का काम है भोंकना ........यहाँ कुत्ते को एक गाली के रूप में न ले कर एक रक्षक के रूप में लिया जाए please ........कुत्ते का काम है भोंकना और गुर्राना ....ज़रा सी आहट पर भी भोंकना ..........क्यों चुप है आज ...आहट सुनाई नहीं दी ........या हड्डी चूसने में इतना मगन है .......देखो कहीं मर तो नहीं गया ........खबरनवीस बिक गया क्या ???????? लोकतंत्र का चौथा खम्बा भी टूट रहा है क्या ????????




Posted by Ajit Singh Taimur

तेजवानी गिरधर ने कहा…

oh, itani ghatiya bhaasha, itni kunthaa kyo hai?

तेजवानी गिरधर ने कहा…

इतनी कुंठा से तो आपकी तबियत खराब हो जाएगी, बाबा आपका भला करे

गंगाधर ने कहा…

तेरा राम जी {देव} करेंगे बेडा पार.

आशुतोष की कलम ने कहा…

ajit singh taimur ki baat men styata hai..
media bik chuka hai....
ab log kyu anragal apni sakh bacha rahen hai..

ye sab prabhuchawla aur barkhadatt ko apna aadarsh mante hain..aur radiya ke yahan haziri lagate hain..

आशुतोष की कलम ने कहा…

ajit singh taimur ki baat men styata hai..
media bik chuka hai....
ab log kyu anragal apni sakh bacha rahen hai..

ye sab prabhuchawla aur barkhadatt ko apna aadarsh mante hain..aur radiya ke yahan haziri lagate hain..

Vibhor Gupta ने कहा…

प्रिय मित्रों,
आप सभी का बहुत बहुत आभार.
इस रचना को पोस्ट करने के बद्द मुझे बहुत फ़ोन कॉल और मेसेज आये, जिसके लिए मैं सभी का धन्यवाद करता हूँ. बहुत लोगों ने मुझसे पूछा कि मैं सत्ता के विरुद्ध क्यों नही मुंह खोलूँगा?
मैं आप सभी को बताना चाहता हूँ कि ये सिर्फ मेरी सत्ता के खिलाफ एक प्रतिक्रिया थी, मैं अपना कविधर्म नही छोडूंगा. मैं हमेश सत्य ही लिखूंगा, चाहे वो एक सत्ता के पक्ष में हो या विपक्ष में.

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