सारी दुनिया दुश्मन है ! आज एक ईमानदार व्यक्ति क्या सोचता है और महसूस करता है इस गाने में उन्ही भावों को संजोने का प्रयास किया है - मैं सच कहना चाहता हूँ ये कहने ना है देती ; मैं चुप रहना चाहता हूँ ये रहने ना है देती ; मेरी हर चाहत को ये रौंद रही हर पल सारी दुनिया दुश्मन है ,सारी दुनिया दुश्मन है . पैसे वाले के पीछे ये पूंछ हिलाती चलती ; पर हाय कुटिल चालों से निर्धन को है ये छलती , हाँ!देख तमाशा इसका हो जाता हूँ मैं पागल . सारी दुनिया दुश्मन ....................................... जो गिरा फिसल कर कोई ये नहीं सहारा देती ; जो पा जाता है मंज़िल उसके पीछे हो लेती ; मक्कारों की ये मजलिस कहती है दिल की धड़कन . सारी दुनिया दुश्मन .................................................. यहाँ चहुँ ओर रावन का बजता रहता है डंका ; वो ले जाता है हरकर प्रतिदिन सीता को लंका ; फिर अग्नि परीक्षा माता सीता की ही ली जाती . सारी दुनिया दुश्मन है ...................................... शिखा कौशिक http://shikhakaushik666.blogspot.com
बुधवार, 29 जून 2011
सारी दुनिया दुश्मन है !
6/29/2011 03:46:00 pm
शिखा कौशिक
4 comments
4 टिप्पणियाँ:
bahut sundar dhang se aapne bahut sahi bate kahi hain.gaya bhi bahut madhur hai.badhai
शिखा और शालिनी जी, एक दूसरे के प्रति आपका समर्पण अच्छा लगता है. आपमें से किसी ने कहा था, वापस आने पर बताउंगी, यह आपने तब कहा था जब मैं अवकाश पर जा रहा था, अभी आने वाला नहीं था, पर आप दोनों के डर से चला आया. धमकी से डरा हुआ इन्सान क्या कर सकता है. वैसे उत्तरप्रदेश में माया का साम्राज्य है, केंद्र में भी सोनिया जी बैठी, लिहाजा अ बलाशक्ति [नारीशक्ति} से डरना जरुरी है.
अच्छी रचना के लिए बधाई.
shalini ji ne kaha tha aap bhi bhram me pad gaye .unse hi kahen .aabhar
hareesh ji,
ham jo kahte hain usse peechhe nahi hatte.ye hamne kaha tha ki ham aapki vapas aane par khabar lenge.
aap gayab the pahle bhi par aap jab gaye tab aapne kaha ki aap ab kuchh dino ke liye yahan se ja rahe hain .
vaise hamse darne ki zaroorat nahi kyonki hame nahi lagta ki hame yahan blog jagat me nari shakti dikhane ki koi zaroorat hai yahan to pahle se hi nari shakti ka samman hai.
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