आप सभी सहयोगियों को हार्दिक शुभकामना
हम अकेले चले थे जानिबे मंजिल मगर ...
लोग मिलते गए और कारवां बनता गया..प्रेम भाईचारा समर्पण विश्वास |
जब ११ फरवरी को मैंने इस परिवार की परिकल्पना के साथ आप सभी से सहयोग की कामना की थी तो मुझे आप सभी ने आशीर्वाद , प्रेम व स्नेह दिया . आज आपके इसी प्रेम व विश्वास के चलते हमारा छोटा सा परिवार एक बृहद रूप धारण कर चुका है. आप लोंगो का ही सहयोग व आशीर्वाद है की इस परिवार की पहचान ब्लॉग जगत में होने लगी है. प्रेम व भाईचारे से समृद्ध इस परिवार को आज एक माह पूर्ण हो चुका है. १०३ समर्थको व ५२ लेखको तथा 127 पोस्ट से परिपूर्ण यह परिवार हमेशा ब्लॉग जगत में एक नई पहचान के साथ बुलंदियों को छूता रहेगा, किन्तु यह तभी हो सकता है जब परिवार का प्रत्येक सदस्य अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन उसी प्रेम व भाईचारे के साथ करे जैसा हमेशा करते रहे है.
हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आपका सहयोग व आशीर्वाद हमेशा बना रहेगा . आप सभी को हार्दिक शुभकामना व बधाई .
सादर नमन ........
आपका भाई
हरीश सिंह
मिथिलेश दुबे
13 टिप्पणियाँ:
शुभकामनाएं।
नई ऊंचाईयों को छुए यह मंच।
हर कदम पर आपके साथ हैं हम।
आगे भी उन्नति का यह क्रम जारी रहे बहुत-बहुत बधाई के साथ शुभकामनाएं ।।
हरीश जी और मिथिलेश भाई आपका छोटा भाई मंगल सदैव आपके साथ है। निश्चित रुप से इस ब्ल़ॉक के जरिये हम लोग अभी और ब्लॉक की दुनिया में क्रांति फैलायेगें। ईश्वर आपके मकसद को मूर्तिरुप दे।
आपके इस उपक्रम में आपके साथ ।
जो आपके खिलाफ है हम उसके खिलाफ हैं । बस उसका नाम बताकर आप इशारा कर देना । अपुन ब्लॉग माफ़ियाओं से बहुत खुन्नस खाएरेला है।
बधाई !
अतुल जी, सदा जी, मंगल जी एवं आशा जी आपके सहयोग लिए आभार, यूँ ही सहयोग बनाये रखें. अनवर भाई आपने तो मेरे ऊपर सुरक्षा कवच डाल दिया, हमें ऊमीद है बड़े भाई का आशीष यूँ ही मिलता रहेगा, हम पर आप जो स्नेह करते है उसका मैं ऋणी हूँ. आभार.
welcome sir BBLM din dooni rat chauguni tarkki kar.
हरीश जी, मान गए आपको आपने उत्तरप्रदेश ब्लोगर मंच पर लिखा था की उत्तरप्रदेश के ब्लोगरो का संगठन तो कई लोंगो ने नाराजगी जताई, आपको झूठा कहा. न जाने क्या क्या कहा पर मैं देखती थी की बिना किसी बात का बुरा माने सबको गले से लगाया सभी को भाई कहा..... आज आपने साबित कर दिया की प्रेम में ही सबसे बड़ी शक्ति है. जिन ब्लोगर संगठनो की स्थापना आपसे पहले हुई उनको भी पीछे छोड़ दिया, निश्चय ही आपने लोंगो को बता दिया की इंसानियत से बड़ा धर्म कोई नहीं होता. आज मैं आपको दिल से प्रणाम करती हूँ. आपको अपना बड़ा भाई मानती हूँ. निश्चय ही यह ब्लॉग भारत का ही नहीं विश्व का सबसे बड़ा ब्लॉग बनेगा. मैं सभी लोंगो से इस भारतीय परम्परा को निभाने का निवेदन करुँगी..
प्रेम और विश्वास की अनूठी मिशाल...... इश्वर करे आप सफलता की बुलंदियों को छूए. शुभकामना
एक बात कहना भूल गया था. सलीम भाई ने कहा था आप लबा के हनुमान हैं. यहाँ भी आप हनुमान ही हैं. लक्ष्मण जी के दर्शन नहीं हो रहे है... सलीम भाई ने ही यह नाम दिया था. किसी को आप तो समझ ही गए होंगे.
आपने आमंत्रण में जो लिखा उसे सच भी साबित कर दिया . जब आपका आमंत्रण पढ़ा था तो यही समझा था की सिर्फ दावे ही बड़े-बड़े होंगे पर यहाँ तो वास्तव प्रेम, भाईचारा है. मुझे अघोसित प्रचारक समझिएगा. मुझे लिखना आता नहीं हा पढना अवश्य आता है. और टिप्पणिया भी खूब करुँगी. मेरा सहयोग इस परिवार को सहयोग देना है और मैं करूगी. चल पुढे चलते रह बाबा अमी तुमरे साथ आहे........ बधाई..
क्या बात है..
बना रहे यह प्रेम हमेशा......... और सृजन हो नवयुग का ...
प्रेम का दो तुम संदेसा ऐसा.......... जगमग सबका जीवन हो.
बधाई, शुभकामना.... जय हो इंसानियत धर्म की.
---चरैवैति चरैवैति.....
---तवै तुमि एकला चलो रे....
-- when no body answer thy call, walk alone...
एक टिप्पणी भेजें