रविवार, 6 मार्च 2011

सलीम खान एक गैरजिम्मेदार व्यक्ति

ब्लॉग की खबरे में प्रकाशित इंटरव्यू में हरीश सिंह ने कहा सलीम खान एक गैरजिम्मेदार व्यक्ति, अभी सलीम पर लगेंगे और भी आरोप, डॉ.  श्याम गुप्ता और डॉ.  अनवर जमाल की भी होगी घेराबंदी. LBA _AIBA _HBFI _ABBs जैसे संगठन आयेंगे घेरे में.... कहा सभी को खड़ा करेंगे कटघरे में.
आपने पढ़ा की कैसे भारतीय ब्लॉग लेखक मंच के संस्थापक हरीश सिंह ने  कल दावा किया था की वे सलीम खान , अनवर जमाल , डॉ. श्याम जैसे ब्लोगरो सहित कुछ संगठनो  की पोल खोलेंगे. साथ ही महाभारत २०११ {प्रथम} के बारे भी चर्चा करेंगे.  आज वे फिर हमारे साथ है. सिंह साहब "ब्लॉग की खबरे" की तरफ से आपका स्वागत है. आपकी आज्ञा हो तो आगे चर्चा  की जाय.........
हरीश सिंह...  अरे भाई जब आये है तो बात करेंगे ही और घबराईये मत आपकी बात हमारे साथ चलती रहेगी. अच्छा यह बताईये आपने अपने संपादक को मिठाई खिलाई की नहीं.
ब्यूरो....... हा खिलाई थी सर, बड़े खुश हो रहे थे, कह रहे थे हम तो समझते है की सिर्फ अख़बार और चैनल वालो की ही दावत होती है, पर यहाँ भी मिठाई खाने के लिए मिल गयी. बड़े खुश थे बच्चो  को भी खिलाई, भाभी को तो उन्होंने अपने हाथ से खिलाया था. ख़ुशी के मारे भाभी ने दांत से उनकी अंगुली भी काट ली. एक झोलाछाप डाक्टर से दवाइयां ली.
हरीश सिंह ... .. हा हा हा हा क्या बात है, कह दीजियेगा अपनी उम्र का ख्याल रखे, इस उम्र में आशिकी सूझ रही है... इतनी ख़ुशी अच्छी नहीं. वे मेरी ख़बरें छापते रहे, मैं रोज़ मिठाई खिला दूंगा.
ब्यूरो........ सर आपने कहा था की "उत्तरप्रदेश ब्लोगर असोसिएसन" शुरू करने पर विवाद हुआ तो आपने नाम बदल दिया. ?
हरीश सिंह..... जीहा आपने सच कहा UBA शुरू करने का मकसद मेरा एक सपना है. जो अब BBLM  है इसके बारे में हम विस्तृत चर्चा करेंगे. फ़िलहाल  LBA पर मैं जरुर पदाधिकारी था और हूँ भी  किन्तु इस ब्लॉग का उद्देश्य जो मेरी समझ में आया की यहाँ पर ब्लोगरो की भीड़ जमा करनी है, जब कोई संगठन शुरू किया जाता है तो उसका एक मकसद होना चाहिए, एक नियमावली होनी चाहिए. सलीम भाई ने ब्लॉग की परिकल्पना की, जिसे चाहा अध्यक्ष बना दिया, जिसे चाहा पद वितरित कर दिया. जिन पदों पर जो लोग रखे गए उनमे से किसी को भी जिम्मेदारी नहीं बताई गयी. सब पद पाकर मगन थे. ब्लॉग पर क्या लिखा जा रहा,  क्या हो रहा है,  इस पर नियंत्रण रखने वाला कोई नहीं. हर घर की एक मर्यादा होती है किन्तु यहाँ  पर क्या हुआ, जिसने जो चाहा लिख दिया, जिसने जो चाही टिप्पणी कर दी और चले गए. किसकी भावनाए आहत हुयी कोई मतलब  नहीं. धर्म के माखौल उडाये जाने लगे किसी से कोई लेना देना नहीं. .... कोई हिन्दू पर तो कोई मुस्लिम  पर उड़ा रहा है और पदाधिकारी चुप होकर तमाशा देख रहे है. .. जब हम परिवार बनाये तो परिवार के दायित्वों को भी निभाएं पर यहाँ किसने निभाए,  निश्चित ही रविन्द्र प्रभात अध्यक्ष पद के लायक थे, वे जो ब्लॉग और ब्लोगरो की विवेचना करते थे उससे लगता था की वे काफी अध्यन करते थे..... पर जब असली जिम्मेदारी आई तो मैदान छोड़कर फरार हो गए. यह कैसा अनुशासन है ... अरे यार कुछ तो जिम्मेदारी होनी चाहिए. 
ब्यूरो........ लेकिन सलीम भाई का क्या दोष है ?
हरीश सिंह....... क्यों उनका दोष क्यों नहीं है. वाही तो सबसे बड़े दोषी है. आप जानते है, परिवार के दो जिम्मेदार होते है. एक जो मालिक होता है. सबका ख्याल रखता है. और एक मुखिया होता है जो परिवार के साथ समाज का भी ख्याल रखता है... आखिर आप संयोजक है जब परिवार के लोग आपस में लड़ रहे है तो आप चुप बैठकर तमाशा देख रहे रहे है. आपको सामने आना था लोंगो को समझाना  था. हर विवाद में परिवार के मुखिया की जिम्मेदारी बढ़ जाती है आप चुप  होकर तमाशा नहीं देख सकते... नया गठन करने से पूर्व आपको चाहिए था की आप कारण बताते रविन्द्र प्रभात क्यों भाग गए. . संगठन में बदलाव किया गया तो किससे राय ली गयी,  फिर संगठन के पदाधिकारियों की क्या जिम्मेदारी है. इनमे से तो कुछ ऐसे चेहरों को शामिल किया गया है जो काफी दिनों से दिखाई ही नहीं दे रहे है. वही दूसरी तरफ जब LBA पर हमने अपने परिवार की पोस्ट लगायी तो उन्हें पढ़ने के बाद फिर भी लोग हमपर आरोप लगाये, हमें गलियां दी, न जाने क्या क्या कहा, यहाँ तक की उसी नाम पर एक सज्जन ने संगठन बना डाले. उन्हें तो किसी ने कुछ नहीं कहा, हम लोग तो वहा पर जाकर folow भी कर आये और वे सज्जन गधे के सर से सींग की तरह गायब हो गए. हमारे घर में आज तक नहीं आये. सलीम खान बोले क्यों नहीं, भैया हरीश भाई को गाली मत दो, वे हमसे पूछकर ही LBA पर पोस्ट लगायी है. यह कैसा अन्याय है, संगठन के लोंगो को भला बुरा कहा जा रहा है औए वे चुप्पी साधे पड़े है.
ब्यूरो ... आपके कहने का मतलब है की सलीम खान गैरजिम्मेदार है ?
हरीश सिंह........ जी नहीं मैं उन्हें गैर जिम्मेदार नहीं लापरवाह मानता हूँ. पहले आप संगठन की निति बनाईये.. पदाधिकारियों की जिम्मेदारी बाँटिये.... और जो लोग नियमो का पालन न करें उन्हें खुद बहार का राश्ता दिखाएँ. आज तक वे कर पाए क्या. अरे यार जो लोग नाकाबिल हैं, कामचोर है, ऐसे लोंगो की जरुरत ही क्या है. सलीम भाई को चाहिए की नाकारा लोंगो को पदमुक्त करें और जिम्मेदारी उन्हें दे जो जिम्मेदारियों का निर्वहन करना जानते है. आप संगठन के कप्तान है तो कप्तान की तरह रहिये.

ब्यूरो..... वही काम तो आप भी कर रहे हैं ? "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" के सर्वेसर्वा बने है कोई पद क्यों नहीं बांटते.......?
हरीश सिंह.......... जी नहीं, हमने शुरुवात में ही कह दिया था की यह कोई संगठन नहीं परिवार है... परिवार में पद नहीं जिम्मेदारिया दी जाती हैं मैंने पहले ही कहा है की हम और मिथिलेश इस मंच के पहरेदार है मालिक नहीं, हमारे सभी परिवार के सदस्य बराबर के जिम्मेदार है. सभी अपनी जिम्मेदारिया निभाए, इस परिवार में शामिल होने वाले किसी भी धर्म के मानने वाले हो यहाँ  पर सिर्फ इंसानियत  धर्म को माने... और प्रेम, इंसानियत ,  भाईचारे को बढ़ावा  दे. 
ब्यूरो....... लेकिन यह कैसे होगा, आपने जो प्रतियोगिता आयोजित की है उससे भला कैसे प्रेम बढेगा, मुझे तो लगता है काफी विवाद शुरू होने वाले हैं ? आपने दो धुर विरोधियों को जज बना दिया है. आपसी सहमति कैसे बनेगी........?
हरीश सिंह...... मैं जानता हु डॉ. श्याम गुप्ता और डॉ. अनवर जमाल में वैचारिक विरोध भले है किन्तु उनका फैसला सभी मानेंगे और आपको विश्वास दिलाता हूँ की उन्हें आपसी सहमती बनाने  पर मैं मजबूर कर दूंगा..... 
 ब्यूरो...... { आश्चर्य से} आखिर यह कैसे संभव  है, यह तो कदापि नहीं हो सकता. निश्चित  रूप से विवाद होगा, कही आपकी प्रतियोगिता खटाई  में न पड़ जाय... ?
हरीश सिंह....... यह राज़ मैं इंटरव्यू के अंतिम अध्याय में खोल दूंगा, अभी नहीं बता सकता... चालाकी मत दिखाईये.... और यह लीजिये पैसे आज मिठाई के साथ समोसे भी ले लीजियेगा.... अपने संपादक से बता  देना की वह यह न कहे की मैं इमानदार गरीब हु बल्कि बात यह है की इमानदार गरीब नहीं होता बल्कि गरीब ही इमानदार होता है..... और आज कह देना आज भाभी जी को बचा कर खिलाएं ऐसा न हो दूसरी अंगुली भी कट जाय.... हा हा हा हा........
ब्यूरो...... यह रही हमारी  और हरीश सिंह की वार्ता उन्होंने जाते जाते वादा किया है की अभी और भी राज खोलेंगे सब के बारे में, प्रतियोगिता के बारे में भी बताते रहेंगे. फ़िलहाल आप अपनी लेखनी को धार दीजिये नहीं तो महाभारत में हिस्सा न लेने  पर पछताना पड़ेगा. और हा हमारे संपादक ने इस साक्षात्कार की लोकप्रियता देखकर बेचने का निर्णय भी लिया है.. इस मामले  में LBA . AIBA ..... HBFI  जैसे संगठन अपने ब्लॉग पर प्रकाशित करने की बात कर रहे है, हो सकता है की कुछ ले दे कर मामला तय हो जाय.... संपादक का कहना है की यदि ऐसे समझौते होते रहे तो शीघ्र ही दाल रोटी का खर्चा चलने लगेगा.. तो दोस्तों कल फिर मिलेंगे. तब तक के लिए खुदा हाफिज़....

12 टिप्पणियाँ:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

सब अपना-अपना काम कर रहे हैं फिर व्यक्तिगत दोषारोपण क्यों?
यहाँ भी कुछ लोग रंग में भंग डालने वाले कार्य करने में सिद्धहस्त हैं!

Pramendra Pratap Singh ने कहा…

चमर पंचाईत से बचे

Nirantar ने कहा…

सब देख कर कहें अच्छा नहीं लगता
क्यों ना अपना काम करते रहे
"सबसे बड़ा रोग क्या कहेंगे लोग "

shyam gupta ने कहा…

पहले रंग जमने दीजिये...भंग को भी देख लिया जायगा...

हरीश सिंह ने कहा…

डॉ. मयंक जी व महाशक्ति जी, यहाँ न तो व्यक्तिगत दोषारोपण हो रहा है और न ही किसी को अपमानित किया जा रहा है. भाई जी जो हमारे अपने है उनके बारे में तो भड़ास निकालनी ही है, अब बताईये इससे बढ़िया मौका कहा मिलेगा. होली का त्यौहार आने वाला है, अब ऐसे में सभी को कुछ न कुछ तो सुनना ही पड़ेगा.
फिर भी किसी को ठेस पहुंचे तो सिर्फ यही कहना है "बुरा न मानो होली है"
एक निवेदन और सिर्फ शीर्षक पढ़कर नहीं बल्कि पूरी पोस्ट पढ़कर टिप्पणी करे .

--

saurabh dubey ने कहा…

हरीश भाई का सलीम खान के प्रति प्रेम झलक रहा हें

गंगाधर ने कहा…

जब मैंने पोस्ट की हेडिंग पढ़ी तो लगा हरीश भाई ने सलीम की बुराईया की होगी पर पूरी पोस्ट पढने के बाद पता चला की दोनों लोगों के अन्दर एक दुसरे के प्रति समर्पण का भाव है, एक मित्र ही ऐसे बात कर सकता है. एक सकारात्मक आलोचना के लिए बधाई. वास्तव में संगठन के प्रति गंभीर होना चाहिए. इश्वर करे आप दोनों के बीच ऐसा ही मित्र भाव बना रहे.... और भाई साहब ऐसे इंटरव्यू तो पहली बार पढ़ रहा हु. रोचक

Saleem Khan ने कहा…

are baap re !

bade bhaiya ee kaa kah diya ... khair ab to lagta hai laparwahi khatm karni hi padegi...

Jogira Sarararara ~!!~~

रेखा श्रीवास्तव ने कहा…

harish jee,

blog ki jimmedari sirph mukhiya ki hi nahin hoti balki usase jude sare sadasya aur padadhikari bhi isake liye sajag hote hain. blog par kai din tak na aana insaan ki smajikta bhi hoti hain. agar ghar men koi dukhad ghatna ghat jati hai to blog se adhik ghar ki jimmedari hoti hai.
apaka aashay main samajh rahi hoon. meri 200 mail unread padi hain to ise bhi gair jimmedarana ravaiya hi kaha jayega. niyamavali ban chuki hai aur usake ullanghan ki bat to sakriy hone par hi dekhi ja sakati hai. har blog ka ek uddeshya hota hai phir aap kya kar rahe hain? main to isaki bhi sadasya hoon aur isake prati utana hi daayitva samajhti hoon. vyaktigat aalochana se blog kee readership bhale badh jaaye lekin usaki garima usake garimamay lekhon men hi hoti hai.
BBLM ko usake naam ke anuroop hi chalayen.
kuchh ati likh gaya ho to kshama chahti hoon.

मंगल यादव ने कहा…

हरीस जी आप का इंटरव्यू लाजवाब रहा। मैं तो कहता हूं आप सारे भ्रष्टाचारियों का पोल खोलें जो देश की जनता को लूट रहें हैं।
दमदार प्रश्न और उसके जवाब के लिए आप दोनों
बड़े भाइयों को शुक्रिया

किलर झपाटा ने कहा…

खुल्लम-पुल्ला बात करेंगे हम दोनों,
ब्लॉगिंग पर आघात करेंगे हम दोनों !
वार हम करते हैं लड़ते नहीं,
लिखते ही रहते हैं पढ़ते नहीं !
मुल्लागिरी का हैं करते जतन,
भाड़ में झोंक दिया हमने वतन !
हमको अमन से है क्या ?
... खुल्लम-पुल्ला बात करेंगे हम दोनों......
हा हा एम आय राँग अबाउट बोथ ऑफ़ यू, मिस्टर हरीश एण्ड सलीम ?

Rehan hashmi ने कहा…

yahan kya ho reha hai jang

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