शुक्रवार, 25 फ़रवरी 2011

प्यारी सी कली जब फूल बन खिली



एक प्यारा सा सन्देश बेटियों के नाम .............

तुम तो इस बगिया की 
              प्यारी सी वो कली  हो |
माँ - बाबा के प्यार से 
             अब फूल  बन खिली हो |
जिन्दगी की इस दौड़  मै 
            खुद को कम न समझना |
तुम पर ही टिकी होगी नींव  
           पर उसे विरासत न समझना |
किसी के अत्याचार को  तुम 
                 हरगिज कभी  न सहना |
पर किसी को प्यार देने से भी 
               पीछे कभी  तुम ना हटना |
 बच्चों  को प्यार देना 
                      अच्छे संस्कार देना |
कोई तुम्हें दुत्कारे तो 
                   उसका भी जवाब देना |
सबका ख्याल रखना 
                     बेचारगी  मै न जीना |
स्त्री की हिम्मत को समझना 
                      उसको बनाये रखना |
जिंदगी तो रोज़ एक सवाल है 
           तो उसका  जवाब देते रहना |
फिर अपने इस संसार को तुम 
                    एसे   खुशहाल रखना | 
दोनों घरों की इज्ज़त  को तुम.....
                      एसे  बरकरार रखना |
अपनी प्यारी सी बगिया को तुम 
                    हर दम आबाद रखना |  
सबकी दुआएं  लेना 
                       सबको दुआएं  देना |
तुमसे ही है ये दुनिया 
                 हर दम ख्याल रखना |

3 टिप्पणियाँ:

शिव शंकर ने कहा…

पर उसे विरासत न समझना |
किसी के अत्याचार को तुम
हरगिज कभी न सहना |
पर किसी को प्यार देने से भी
पीछे कभी तुम ना हटना |
बच्चों को प्यार देना
अच्छे संस्कार देना |

मीनाक्षी जी,
सुन्दर और सीख देती रचना ,आभार

Mithilesh dubey ने कहा…

सुन्दर और भावनात्मक रचना के लिए बधाई.

हरीश सिंह ने कहा…

जिंदगी तो रोज़ एक सवाल है
तो उसका जवाब देते रहना |

बहुत अच्छी सीख बच्चियों के लिए. सुन्दर रचना आभार.

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