शनिवार, 27 अक्तूबर 2012

तरकश ! Turkash !: चंचल बाबा के नुस्खे

चंचल बाबा शहर में आये थे. उनके आगमन से शहर का वातावरण काफी बाबामय हो गया था. शाम में चंचल बाबा अपना प्रवचन शुरू करने वाले थे. चंचल दरबार में काफी लोग जमा हो चुके थे. नियत समय पर बाबा का प्रवचन शुरू हुआ. बाबा देश में बदती हुई गरीबी, भुखमरी, अशिक्षा से बहुत परेशान और व्यथित थे. और वे इसे जड़ से ख़त्म कर देना चाहते थे.


चंचल बाबा बोलना शुरू किये - गरीबी, भुखमरी और अशिक्षा के लिए सिर्फ बढती हुई जनसँख्या जिम्मेदार हैं. हमे जनसँख्या पे कंट्रोल करना चाहिए. और जनसँख्या पे कंट्रोल करने का सबसे उत्तम तरीका है ब्रह्मचर्य का पालन. यानी शादी हीं नहीं की जाये. और इसके लिए युवाओं को आगे आना चाहिए. है कोई हमारे इस सत्संग में युवा मौजूद जो शादी नहीं करने की प्रतिज्ञा कर सके. 

तरकश ! Turkash !: चंचल बाबा के नुस्खे -1

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