कहने को तो भारतीय जनता पार्टी के नेता कह रहे हैं की मोदी को दो हज़ार चौदह के चुनाव के पी ऍम पद के लिए उम्मीदवार अभी घोषित नहीं किया गया.लेकिन मोदी के व्यवहारों से तो नहीं लगता की वो अपने पार्टी के वरिष्ट नेताओं के बातो का जरा भी सम्मान करते हों.
मोदी तो वो आस्तीन के सांप मालूम पड़ते हैं की जिसने उन्हें राजनीती में पहचान दिलाई, उस संजय जोशी के मौजूदगी में वो मीटिंग में हिस्सा लेना गवारां नहीं समझा.और तो और बी जे पी का कमजोर केंद्रीय नेतृत्व झुक गया. एक क्षेत्रीय नेता के आगे.
वैसे बी जे पी में कई सारे लोग हैं जो पी ऍम बनाना चाहते हैं, लाल कृष्ण आडवानी तो कब से पीऍम इन वेटिंग हैं , यशवंत सिन्हा भी अपनी इच्छा जता ही चुके हैं की वो भी तो पी ऍम बनाने के योग्य हैं.वही कहावत है "ढेर जोगी मठ का नाश ".
और इस धर्म निरपेक्ष देश में तो मोदी को पी ऍम बनाना ही नहीं चाहिए. ऐसे कट्टर सांप्रदायिक नेता जिनके हाथ गुजरात के दंगो में मरे निर्दोष लोगो के खून से रंगे हो.
खैर बी जे पी में विपक्ष का रोल अदा करने का दम नहीं है वो, सरकार कैसे चला सकती हैं. उसके सारे नेता थके हारे रिटायर्मेंट के कगार पर खड़े हैं. सारे नेताओ का अपनी डफली अपना राग है. मुझे तो नहीं लगता की इसे पार्टी कहना चाहिए. क्यों की इसका हर नेता खुद को वन मैन आर्मी ही समझता है. वन मैन आर्मी की कहानी सिर्फ फिल्मों और किताबों में पढ़ने में अच्छी लगती है.
एक बात और सोचनीय है की बी जे पी मुखौटों वाली पार्टी है, पहले अटल बिहारी बाजपेयी को बी जे पी का मुखौटा माना जाता था, अब नरेन्द्र मोदी को.यानि दिखावटी लोग, स्पंदन हीन. कभी मस्जिद ढाते हैं कभी दंगे को प्रोत्साहित करते हैं.
वो तो भगवन का शुक्र है की बी जे पी सत्ता में अकेले नहीं आई थी, नहीं तो इस देश में गृह युद्ध हो रहा होता. धर्म के नाम पे, अगड़ों और पिछडो के नाम पे, तो क्षेत्र के नाम पे. मान्यता है की एक ट्रिक से किसी को एक बार ही बेवकूफ बनाया जा सकता है. भाजपा एक बार हिंदुत्व का ट्रिक आजमा चुकी है.
इस सर्वधर्म समभाव वाले देश को सांप्रदायिक नहीं धर्मनिरपेक्ष छवि वाले नेता की जरूरत है. जो देश के हर वर्ग विशेष, हर धर्म, हर क्षेत्र का विकास करे.
क्या भाजपा के पास है ऐसा नेता? जबाब है- नहीं है.क्या भाजपा के पास ऐसा कोई नेता है है को रास्ट्रीय छवि रखता है? जबाब है - की है , पर आउट डेटेड.
तरकश ! Turkash !: बी जे पी - बुजुर्ग जनता पार्टी
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