आप सभी मित्रों को स्वतंत्रता की ६५ वीं सालगिरह
के इस पावन अवसर की अनेकानेक बधाईयाँ
आज हमारे देश को आजाद हुए ६५ वर्ष हो गए,
आजाद हैं ?
क्या यह वही भारत है जिसका सपना हमारे
वीर सपूतों ने अपनी प्राणों की बलिदान
देकर देखी थी ?
पहले हम अंग्रेजों के गुलाम थे पर आज हम
महंगाई, भ्रष्ट नेताओं और अफसरों के
गुलाम है,
महंगाई इस कदर हमें घेर चुकी
है जहाँ से निकालने का कोई राह दिखाई
नहीं पड़ रही है
इस महंगाई रुपी डायन का अत्याचार
इस कदर है कि इसकी मार सभी
वस्तुओं पर देखी जा सकती है इसकी
असर को
खैर मैंने तो आप लोगों को स्वतंत्रता दिवस
कि बधाई देने के लिए लिखना शुरू किया
था पर मैं भटक कर कहाँ जा रहा हूँ इस
महंगाई के फेर में ........
पर एक बात जरुर बोलूंगा कि मुझे तो पता
2 टिप्पणियाँ:
aapko bhi dhero badhai is pavan parv ki jai hind .aapka aadha sach namak blog kai din se kholne ki koshish kar rahi hoon magar khul nahi raha .
sarthak v vicharniy prastuti hetu badhai .
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