शुक्रवार, 10 जून 2011

मेरा गला मत घोटो ...मुझे बोलने दो....क्योंकि ये मेरा मूल अधिकार है

मेरा गला मत घोटो ...मुझे बोलने दो....क्योंकि ये मेरा मूल अधिकार है




दोस्तों हालात अच्छे नहीं हैं .....पिछले कुछ महीनों से सरकार का आचरण ठीक नहीं है ......नागरिक समाज आन्दोलन की राह पर चल रहा है ........धरना ....प्रदर्शन ....हड़ताल ......अनशन ....परन्तु इसकी प्रतिक्रिया जो सरकारों की तरफ से आ रही है वो ठीक नहीं है .....अगर आपको याद हो तो पिछले महीनों में उत्तर भारत में जाटों और गुर्जरों ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग को ले कर पूरा हरियाणा राजस्थान ही ठप्प कर दिया था ...रेलें बंद थीं .....रास्ते बंद थे .....सब कुछ ठप्प था .....पर सरकार की हिम्मत नहीं हुई की उन आन्दोलन कारियों को रोक सके ....कोई कार्यवाही करना तो दूर ,इतनी हिम्मत नहीं जुटा पाई की उन्हें सख्ती से एक वार्निंग दे सके ......अब रामदेव और अन्ना आन्दोलन कर रहे हैं ......सरकार बर्बर दमन पर उतर आयी है .....यहाँ आन्दोलनकारी एकदम शांति से बैठे हैं ,समाज को उन्होंने बंधक नहीं बनाया हुआ .......कोई चक्का जाम नहीं ...कोई रेल रोको नहीं ......पर सरकार लाठियों से पीट रही है ,144 लगा रही है ......बाबा के चरित्र हनन पर उतर आयी है ....बेशर्मी से बाबा का character assasination कर रही है ........सिर्फ आरोप लगा रही है ....सोचने वाली बात है की बाबा 17 साल से काम कर रहा है ....पर उसके खिलाफ जांच आज ही क्यों शुरू हुई .......5 साल पहले क्यों नहीं ......सरकार कह रही है की जो सर उठाएगा ...कुचल देंगे .......भ्रष्टाचार के खिलाफ सत्याग्रह ?????? नहीं होने देगी .......जंतर मंतर पर प्रदर्शन ....नहीं होने देगी ........कहती है की इन सत्याग्रह से क्या होता है ......भूख हड़ताल से क्या होता है .........शर्म आती है ये सोच कर कि गाँधी की पार्टी कह रही है कि सत्याग्रह और अनशन से कोई समस्या हल नहीं होगी ....उस गाँधी की पार्टी जिसका सारा जीवन ही सत्याग्रह और अनशन करते बीता ......जिसके अनशन ने ब्रिटिश सरकार के घुटने टिकवा दिए ......उन्हें भारत छोड़ कर भागना पड़ा ......ये सरकार भूल गयी है कि सत्याग्रह में कितनी ताकत होती है ..........
दोस्तों .....सावधान .....हमारे मूल अधिकारों का हनन हो रहा है .....संविधान कहता है की भारत के नागरिक अपना विरोध प्रकट करने के लिए किसी भी सार्वजनिक स्थल पर ....किसी भी समय .........कितनी भी संख्या में ....इकट्ठे हो कर शांति पूर्वक प्रदर्शन कर सकते हैं ...सत्याग्रह कर सकते हैं ....सूचने दे कर उपवास कर सकते हैं .....आमरण अनशन पर बैठ सकते हैं ...........कोई भी आदमी कर सकता है ........1) चाहे वो rss से सम्बद्ध हो 2) चाहे वो 20 साल पहले साइकल पर चलता था और अब charterd jet से चलता हो ....3)...चाहे उसकी 35 कम्पनियां हों दवा बनाने की ...4) चाहे वो 2 रूपये की पुडिया 150रु में बेचता हो ........5 ) चाहे उसके ट्रस्ट की कुल संपत्ति 1177 करोड़ हो या वो भिखारी हो ........ 6) वो चाहे सन्यासी हो या सजायाफ्ता कैदी .....जी हाँ एक सजा याफ्ता कैदी को भी अपनी बात कहने का और अनशन ...सत्याग्रह का हक़ है .....याद है भगत सिंह की जेल में की गयी भूख हडताल ......पर सरकार कह रही है की बाबा और उसके साथियों को सत्याग्रह का अधिकार ही नहीं है .....
चलो बाबा को न सही ....मुझे तो है ......मैं वहां रामलीला मैदान में सत्याग्रह कर रहा था .....मुझे क्यों भगाया ..वहां से ....लाठियों से पीट के .........रात को 2 बजे ......ऊपर से मुझे शिक्षा दी जा रही है की सत्याग्रह से कुछ नहीं होने वाला .....मेरा वहां आने का मकसद राजनीती है ....मैं RSS से सम्बद्ध हूँ .......और RSS को क्या हक़ नहीं है ......भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाने का ......
एक बात और जो मुझे लगातार परेशान कर रही है .......अगर पुलिस के लाठी चार्ज के मकसद मुझे भगाना था तो हम तो पहली लाठी पड़ते ही भाग लिए थे ( मुझे रात 4 बजे कनाट प्लेस के पास सड़क पर पीटा जब हम जलूस बना के जंतर मंतर जा रहे थे ) फिर भी वो पुलिस वाले हमें एक किलोमीटर तक दौड़ा दौड़ा कर पीटते रहे .......जैसे हम उनके दुश्मन हों .......अक्सर लाठी चार्ज में पुलिस आपे से बाहर हो जाती है ....पर तब जब लोग हिंसक हों ...और पुलिस पर वार कर रहे हों ....पर हम तो एकदम निहत्थे और शांत थे .......फिर पुलिस का ये रवैया .......मुझे लगा की वो पुलिस वाला मुझे अपने दुश्मन की तरह देख रहा था ....क्योंकि वो भी तो रोज़ हज़ार दो हज़ार रूपये बनाता है लूट के ....और हम उस लूट के खिलाफ बोल रहे हैं .......सलमान खान और शाहरूख खान विरोध कर रहे हैं .....क्योंकि इनका भी तो जमा होगा वहां स्विस बैंक में ....सचिन ,धोनी और अमिताभ बच्चन जैसे लोग चुप हैं .....क्योंकि इनका भी तो जमा है वहां ....और हमारे इस आन्दोलन से उसके मिटटी हो जाने का खतरा है ......इसलिए हम तो मान के चल रहे हैं की इन तथा कथित बड़े लोगों और स्टार्स का समर्थन तो नहीं मिलने वाला ......आम आदमी खड़ा होगा हमारे साथ ...सो सरकार की strategy है की आन्दोलन को बदनाम कर दो ....RSS से जोड़ दो,सांप्रदायिक बता दो ....मुसलमान कट जायेगा .....बाबा को ठग ...चोर बता दो .....आम आदमी कट जाएगा ......इसे पूँजी पति बता दो ....गरीब कट जायेगा ......जनता के आन्दोलन को जनता के बीच बदनाम कर रही है सरकार ......
बाबा के ट्रस्ट और कम्पनियां 20 साल से हैं ....अगर कुछ गलत है तो जांच 20 साल पहले से शुरू होनी चाहिए थी ...आज क्यों शुरू हो रही है .....दोस्तों बाबा का जीवन खुली किताब है ........20 साल पहले साईकिल पे चलता था .......11000 रु से ट्रस्ट शुरू किया था आज 1200 करोड़ का है....ये पैसा आपके मेरे जैसों ने ही दिया है .....11 रु से ले कर करोड़ रु तक का चंदा लेता है बाबा .......खुले आम मांगता है ......पर उसके सेवा कार्यों को देखिये .......दुनिया का सबसे बड़ा आयुर्वेदिक हॉस्पिटल .......सबसे बड़ा naturopathy hospital ....एकदम फ्री सेवा .....आयुर्वेदिक कॉलेज .....योग research सेण्टर..... गरीब मरीजों के लिए फ्री रहना खाना .........200 से ज्यादा आयुर्वेदिक दवाइयां .....cosmetics ......एवं साबुन से ले के पेस्ट ...biscuit तक .....जी हाँ बाबा बिस्किट भी बनाता है ....पूरी दुनिया मैं मैदे का बिस्किट बनता है पर बाबा का बिस्किट आटे और अन्य 6 मोटे अनाजों का है और उसमे मेथी दाना है ......साबुन में जड़ी बूटियाँ और मुल्तानी मिटटी है ......अगर बाबा के प्रयासों से आयुर्वेद पुनः समाज में जीवित हो रहा है तो उसकी सराहना होनी चाहिए न की निंदा .........और जहाँ तक योग की बात है .....मेरा स्वयं का अनुभव है .....मैं अपने बढ़ते वज़न से परेशान था 80 किलो से बढ़ता हुआ 101 तक जा पहुंचा ....सब कोशिश की ...dieting की ...कम नहीं हुआ .....घुटनों में दर्द शुरू हो गया .....मुझे रात में सांस आने में दिक्कत होने लगी ....जोर जोर से खर्राटे लेता था ........साथ सोने वाला का सोना दूभर हो जाता था ........पतंजलि में मैंने 7 मई से योग शुरू किया रोज़ सुबह एक घंटा .......वो भी सिर्फ प्राणायाम .....कपाल भाति ...अनुलोम विलोम ......एवं उज्जायी ........3 हफ्ते में मेरा वज़न 6 किलो कम हुआ ....बिना किसी dieting के .....कल मेरी पत्नी मुझे देख के दंग रह गयी .........आज सुबह उसने मुझे बताया कि मेरे खर्राटे बिलकुल बंद हो गए हैं .......सिर्फ 3 हफ्ते में मेरा कायाकल्प हो गया है .......योग जो इस देश से तो लुप्त हो गया था उसे बाबा ने पूरे विश्व में पुनर्स्थापित किया है .....और उसे ये देश गरिया रहा है की बाबा चोर है ....ठग है .....अरे भाई बाबा अपने लिए कुछ नहीं मांग रहा ....वो बाहर जमा पैसा वापस लाने की बात कर रहा है .....आपका पैसा ...मेरा पैसा ......हमारे हिस्से का पैसा जिसे इन चोरों ने लूट लिया ......

आपने कहा की मैं चोर हूँ ,ठग हूँ .......ठीक है ....संवैधानिक तरीके से जांच कराओ ....मामला बनता है तो मुकदमा चलाओ ...और मुझे फांसी पे चढाओ ...........पर वहां सूली पे लटकाने से पहले .....मेरा गला मत घोटो ........मेरी आवाज़ को मत दबाओ ........क्योंकि बोलने का हक़ है मुझे...ये मेरा मूल अधिकार है


दोस्तों हालात अच्छे नहीं हैं .....पिछले कुछ महीनों से सरकार का आचरण ठीक नहीं है ......नागरिक समाज आन्दोलन की राह पर चल रहा है ........धरना ....प्रदर्शन ....हड़ताल ......अनशन ....परन्तु इसकी प्रतिक्रिया जो सरकारों की तरफ से आ रही है वो ठीक नहीं है .....अगर आपको याद हो तो पिछले महीनों में उत्तर भारत में जाटों और गुर्जरों ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग को ले कर पूरा हरियाणा राजस्थान ही ठप्प कर दिया था ...रेलें बंद थीं .....रास्ते बंद थे .....सब कुछ ठप्प था .....पर सरकार की हिम्मत नहीं हुई की उन आन्दोलन कारियों को रोक सके ....कोई कार्यवाही करना तो दूर ,इतनी हिम्मत नहीं जुटा पाई की उन्हें सख्ती से एक वार्निंग दे सके ......अब रामदेव और अन्ना आन्दोलन कर रहे हैं ......सरकार बर्बर दमन पर उतर आयी है .....यहाँ आन्दोलनकारी एकदम शांति से बैठे हैं ,समाज को उन्होंने बंधक नहीं बनाया हुआ .......कोई चक्का जाम नहीं ...कोई रेल रोको नहीं ......पर सरकार लाठियों से पीट रही है ,144 लगा रही है ......बाबा के चरित्र हनन पर उतर आयी है ....बेशर्मी से बाबा का character assasination कर रही है ........सिर्फ आरोप लगा रही है ....सोचने वाली बात है की बाबा 17 साल से काम कर रहा है ....पर उसके खिलाफ जांच आज ही क्यों शुरू हुई .......5 साल पहले क्यों नहीं ......सरकार कह रही है की जो सर उठाएगा ...कुचल देंगे .......भ्रष्टाचार के खिलाफ सत्याग्रह ?????? नहीं होने देगी .......जंतर मंतर पर प्रदर्शन ....नहीं होने देगी ........कहती है की इन सत्याग्रह से क्या होता है ......भूख हड़ताल से क्या होता है .........शर्म आती है ये सोच कर कि गाँधी की पार्टी कह रही है कि सत्याग्रह और अनशन से कोई समस्या हल नहीं होगी ....उस गाँधी की पार्टी जिसका सारा जीवन ही सत्याग्रह और अनशन करते बीता ......जिसके अनशन ने ब्रिटिश सरकार के घुटने टिकवा दिए ......उन्हें भारत छोड़ कर भागना पड़ा ......ये सरकार भूल गयी है कि सत्याग्रह में कितनी ताकत होती है ..........
दोस्तों .....सावधान .....हमारे मूल अधिकारों का हनन हो रहा है .....संविधान कहता है की भारत के नागरिक अपना विरोध प्रकट करने के लिए किसी भी सार्वजनिक स्थल पर ....किसी भी समय .........कितनी भी संख्या में ....इकट्ठे हो कर शांति पूर्वक प्रदर्शन कर सकते हैं ...सत्याग्रह कर सकते हैं ....सूचने दे कर उपवास कर सकते हैं .....आमरण अनशन पर बैठ सकते हैं ...........कोई भी आदमी कर सकता है ........1) चाहे वो rss से सम्बद्ध हो 2) चाहे वो 20 साल पहले साइकल पर चलता था और अब charterd jet से चलता हो ....3)...चाहे उसकी 35 कम्पनियां हों दवा बनाने की ...4) चाहे वो 2 रूपये की पुडिया 150रु में बेचता हो ........5 ) चाहे उसके ट्रस्ट की कुल संपत्ति 1177 करोड़ हो या वो भिखारी हो ........ 6) वो चाहे सन्यासी हो या सजायाफ्ता कैदी .....जी हाँ एक सजा याफ्ता कैदी को भी अपनी बात कहने का और अनशन ...सत्याग्रह का हक़ है .....याद है भगत सिंह की जेल में की गयी भूख हडताल ......पर सरकार कह रही है की बाबा और उसके साथियों को सत्याग्रह का अधिकार ही नहीं है .....
चलो बाबा को न सही ....मुझे तो है ......मैं वहां रामलीला मैदान में सत्याग्रह कर रहा था .....मुझे क्यों भगाया ..वहां से ....लाठियों से पीट के .........रात को 2 बजे ......ऊपर से मुझे शिक्षा दी जा रही है की सत्याग्रह से कुछ नहीं होने वाला .....मेरा वहां आने का मकसद राजनीती है ....मैं RSS से सम्बद्ध हूँ .......और RSS को क्या हक़ नहीं है ......भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाने का ......
एक बात और जो मुझे लगातार परेशान कर रही है .......अगर पुलिस के लाठी चार्ज के मकसद मुझे भगाना था तो हम तो पहली लाठी पड़ते ही भाग लिए थे ( मुझे रात 4 बजे कनाट प्लेस के पास सड़क पर पीटा जब हम जलूस बना के जंतर मंतर जा रहे थे ) फिर भी वो पुलिस वाले हमें एक किलोमीटर तक दौड़ा दौड़ा कर पीटते रहे .......जैसे हम उनके दुश्मन हों .......अक्सर लाठी चार्ज में पुलिस आपे से बाहर हो जाती है ....पर तब जब लोग हिंसक हों ...और पुलिस पर वार कर रहे हों ....पर हम तो एकदम निहत्थे और शांत थे .......फिर पुलिस का ये रवैया .......मुझे लगा की वो पुलिस वाला मुझे अपने दुश्मन की तरह देख रहा था ....क्योंकि वो भी तो रोज़ हज़ार दो हज़ार रूपये बनाता है लूट के ....और हम उस लूट के खिलाफ बोल रहे हैं .......सलमान खान और शाहरूख खान विरोध कर रहे हैं .....क्योंकि इनका भी तो जमा होगा वहां स्विस बैंक में ....सचिन ,धोनी और अमिताभ बच्चन जैसे लोग चुप हैं .....क्योंकि इनका भी तो जमा है वहां ....और हमारे इस आन्दोलन से उसके मिटटी हो जाने का खतरा है ......इसलिए हम तो मान के चल रहे हैं की इन तथा कथित बड़े लोगों और स्टार्स का समर्थन तो नहीं मिलने वाला ......आम आदमी खड़ा होगा हमारे साथ ...सो सरकार की strategy है की आन्दोलन को बदनाम कर दो ....RSS से जोड़ दो,सांप्रदायिक बता दो ....मुसलमान कट जायेगा .....बाबा को ठग ...चोर बता दो .....आम आदमी कट जाएगा ......इसे पूँजी पति बता दो ....गरीब कट जायेगा ......जनता के आन्दोलन को जनता के बीच बदनाम कर रही है सरकार ......
बाबा के ट्रस्ट और कम्पनियां 20 साल से हैं ....अगर कुछ गलत है तो जांच 20 साल पहले से शुरू होनी चाहिए थी ...आज क्यों शुरू हो रही है .....दोस्तों बाबा का जीवन खुली किताब है ........20 साल पहले साईकिल पे चलता था .......11000 रु से ट्रस्ट शुरू किया था आज 1200 करोड़ का है....ये पैसा आपके मेरे जैसों ने ही दिया है .....11 रु से ले कर करोड़ रु तक का चंदा लेता है बाबा .......खुले आम मांगता है ......पर उसके सेवा कार्यों को देखिये .......दुनिया का सबसे बड़ा आयुर्वेदिक हॉस्पिटल .......सबसे बड़ा naturopathy hospital ....एकदम फ्री सेवा .....आयुर्वेदिक कॉलेज .....योग research सेण्टर..... गरीब मरीजों के लिए फ्री रहना खाना .........200 से ज्यादा आयुर्वेदिक दवाइयां .....cosmetics ......एवं साबुन से ले के पेस्ट ...biscuit तक .....जी हाँ बाबा बिस्किट भी बनाता है ....पूरी दुनिया मैं मैदे का बिस्किट बनता है पर बाबा का बिस्किट आटे और अन्य 6 मोटे अनाजों का है और उसमे मेथी दाना है ......साबुन में जड़ी बूटियाँ और मुल्तानी मिटटी है ......अगर बाबा के प्रयासों से आयुर्वेद पुनः समाज में जीवित हो रहा है तो उसकी सराहना होनी चाहिए न की निंदा .........और जहाँ तक योग की बात है .....मेरा स्वयं का अनुभव है .....मैं अपने बढ़ते वज़न से परेशान था 80 किलो से बढ़ता हुआ 101 तक जा पहुंचा ....सब कोशिश की ...dieting की ...कम नहीं हुआ .....घुटनों में दर्द शुरू हो गया .....मुझे रात में सांस आने में दिक्कत होने लगी ....जोर जोर से खर्राटे लेता था ........साथ सोने वाला का सोना दूभर हो जाता था ........पतंजलि में मैंने 7 मई से योग शुरू किया रोज़ सुबह एक घंटा .......वो भी सिर्फ प्राणायाम .....कपाल भाति ...अनुलोम विलोम ......एवं उज्जायी ........3 हफ्ते में मेरा वज़न 6 किलो कम हुआ ....बिना किसी dieting के .....कल मेरी पत्नी मुझे देख के दंग रह गयी .........आज सुबह उसने मुझे बताया कि मेरे खर्राटे बिलकुल बंद हो गए हैं .......सिर्फ 3 हफ्ते में मेरा कायाकल्प हो गया है .......योग जो इस देश से तो लुप्त हो गया था उसे बाबा ने पूरे विश्व में पुनर्स्थापित किया है .....और उसे ये देश गरिया रहा है की बाबा चोर है ....ठग है .....अरे भाई बाबा अपने लिए कुछ नहीं मांग रहा ....वो बाहर जमा पैसा वापस लाने की बात कर रहा है .....आपका पैसा ...मेरा पैसा ......हमारे हिस्से का पैसा जिसे इन चोरों ने लूट लिया ......

आपने कहा की मैं चोर हूँ ,ठग हूँ .......ठीक है ....संवैधानिक तरीके से जांच कराओ ....मामला बनता है तो मुकदमा चलाओ ...और मुझे फांसी पे चढाओ ...........पर वहां सूली पे लटकाने से पहले .....मेरा गला मत घोटो ........मेरी आवाज़ को मत दबाओ ........क्योंकि बोलने का हक़ है मुझे...ये मेरा मूल अधिकार है

1 टिप्पणियाँ:

हरीश सिंह ने कहा…

अजित जी, आप अच्छा लिखते हैं और हम आपका सम्मान करते हैं. किन्तु आप एक बार इस मंच का नियम भी पढ़ ले. धन्यवाद

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