शुक्रवार, 10 जून 2011

साहित्यिक मंच पर धार्मिक विवाद उचित नहीं - BBLM आज शनिवार को पोस्ट लगाने पर प्रतिबन्ध है. बिना पूरी पोस्ट पढ़े टिपण्णी न करें .

सम्मानित लेखक बंधुओ, "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" अल्प समय में ही नित नई ऊँचाइयों को छू रहा है, इसमें आप सभी का महत्वपूर्ण योगदान है. पर पिछले कुछ दिनों से देख रहा हूँ. कुछ लोग अनायास ही अपने लेखो को धार्मिक विवाद का केन्द्र बना रहे हैं. अभिव्यक्ति की स्वंतत्रता का अधिकार सभी को है, पर उस स्वतंत्रता पर तब सवाल उठते हैं जब लोग दूसरे की भावनाए आहत करने लगते हैं. मैं नहीं चाहता की इस परिवार का कोई सदस्य बाहर निकले, जिस तरह लोग मिल जुल कर योगदान करते रहे हैं उसी तरह करते रहे. किसी विषय पर जब हम पोस्ट लिखें तो उसकी भाषा संसदीय होनी चाहिए. पोस्ट या टिप्पणिया ही हमारे मनोभावों को अभिव्यक्ति हैं. टिप्पणियों पर हमारा कोई अधिकार नहीं है. क्योंकि टिपण्णी वह भी करता है जो इस मंच का लेखक नहीं है. पर लेखको को यह ध्यान देना होगा की जो बाते हम कह रहे है उसकी भाषा क्या है और लोंगो पर उसका प्रभाव क्या पड़ेगा. यह एक "साहित्यिक मंच" है. यहाँ पर हिन्दू और मुसलमान को लक्ष्य बनाकर लेख लिखना कदापि उचित नहीं है. धार्मिक परिचर्चा, विवाद आदि के लिए कई सामूहिक मंच है. कोई बात यदि आपसी संबंधो में कटुता पैदा करे तो उन बातों से हमें परहेज़ करना होगा.
एक बार पुनः आप नियमो को पढ़े और उसी के अनुरूप पोस्ट करें, किसी सह्त्यिक मंच की गरिमा तभी है. जब उसके लेखक बुद्धिजीवी हो, और आप कितने बुद्धिजीवी है वह आपके लेखों से ही झलकता है. 
बंधुओ, हममे से कोई बहुत पढ़ा लिखा है और किसी ने अल्प शिक्षा प्राप्त की है, कोई उच्च पदों पर है तो कोई व्यवसायी, पत्रकार, चिकित्सक, समाजसेवी आदि है. कोई मोटा तो कोई पतला है, किसी के पास बहुत संम्पति होगी तो कोई बमुश्किल अपना परिवार चलाता है. इसके बावजूद हम सभी एक साथ जुड़े है जबकि अधिकतर लोग एकदूसरे को देखे भी नहीं है. फिर भी हमारा एक परिवार है.
हमारे कहने का भावार्थ सिर्फ इतना है की हमारी पहचान सिर्फ हमारे विचार और अभिव्यक्ति है. हमारे लेख ही हमारी पहचान है. 
बंधुओ इस मंच पर यह कही नहीं लिखा है की यह किस धर्म को बढ़ावा देता है. जरा गौर फरमाइए : भारतीय ब्लोगरों तथा लेखकों का एक सशक्त परिवार : इसके प्रत्येक शब्द की जो गरिमा है उस पर ध्यान दे. ..
भारतीय ......... इस मंच का लेखक "भारतीय" हो चाहे वह विश्व के कोने में कही भी रहता है. ....
ब्लोगरो तथा लेखको --  यहाँ पर हम एक परिवार के सदस्य हैं. हमारा धर्म ब्लोगिंग और जाति लेखक है. 
यह भूल जाय की हम हिन्दू मुसलमान  होने से पहले भारतीय है. जिस भारत की कल्पना हम सभी साकार करते है और वह अपनी कल्पना में, और यह सोच सिर्फ जुबान पर नहीं वरन दिल में भी होनी चाहिए... हम वह पत्रिका न जिसके कवर पर "आयुर्वेद" लिखा हो और अन्दर के पन्ने पर "अंग्रेजी और होमिओ पैथिक" दवाओ के नाम दिखे, धर्म के नाम पर हम सभी किसी न किसी ब्लॉग पर लड़ रहे हैं. 
सशक्त परिवार..... यदि आप चाहते हैं की  जब हम कभी किसी मोड़ पर मिले तो एक दुसरे से नजरे न चुरानी पड़े, तो सभी को कुछ देर के लिए  अपने अहम् को भूलने  की कोशिस करनी होगी चाहे वह हिन्दू हो या मुसलमान .
बिना किसी लाग लपेट के अब यह कहना चाहूँगा की अनवर भाई की यह पोस्ट.

घूंघट में सन्यासी : भारत के इतिहास में पहली बार, बाबा रामदेव जी का अनोखा 'योग'-दान

विवाद की शुरुआत का कारण बनी... क्योंकि उनका यह शीर्षक ही चिढाने के अंदाज़ में है. बाबा के करोडो अनुयायी हैं. इस मंच पर भी उनके कई भक्त है और कई विरोधी, यह बात हम भी मानते है की बाबा की सशत्र सेना बनाने की बात गलत है, जिसको बाबा ने भी अहसास किया, और अपनी बात वापस ली, अभी तक हम लोग ही बाबा का नाम जप रहे थे आज बाबा इतने बुरे हो गए. जब इन्द्रासन पर बैठने वालो को एक सन्यासी ने डिगा दिया तो सत्ता में बैठे लोग कैसे चाहेंगे की भ्रष्टाचार से लड़ने वाला एक साधारण व्यक्ति कैसे सिंहासन डिगाने का साहस करेगा. अपने विचार आप सभ्य भासा में दे सकते थे पर नहीं दिए. यही नहीं आज तो एक बंधू ने ५ मिनट में ३ पोस्ट लगा दिए. खैर जहाँ प्रेम है वहा पोस्ट के आंकड़े  मायने नहीं रखते, 

आज के बाद कृपया आप सभी जिम्मेदार बने अन्यथा, आप किसी के भी जाने का हमें दुःख होगा. उम्मीद है आप मंच की गरिमा का ध्यान रखेंगे... ध्यान दे यह हरीश सिंह, मिथिलेश द्विवेदी या योगेन्द्र पाल का विचार नहीं बल्कि ..... 

"भारतीय ब्लॉग लेखक मंच"  के हैं. 

जो भी ब्लोगर इस मंच के नियमो का अनुपालन नहीं करेगा. वह बाहर जा सकता है.

12 टिप्पणियाँ:

Shalini kaushik ने कहा…

der se hi sahi par durust aaye.ek sahi pahal.aur ham sab ek hain yahi kah sakte hain.

mangal yadav ने कहा…

aap bilkul theek kah rahe hain. esse blog ki Garima ko thes pahuchti hai.aap ki achchi pahal

PARAM ARYA ने कहा…

इतने दिन तक कहाँ सोये रहे और अब आए क्यों ?

जब भी कोई सुधारक अपना राजनीतिक , सामाजिक अथवा धार्मिक अभियान शुरू करता है तो उसका विरोध होता ही है परंतु शीघ्र ही वह आर्य पताका लहराता है ।

स्वागत है मेरे ब्लॉग पर ।

भारतीय ब्लॉग लेखक मंच ने कहा…

धन्यवाद शालिनी जी व मंगल जी, मंच की गरिमा बनाकर रखनी है तो कुछ अप्रिय निर्णय हमें लेने होंगे. हर बात की हद होती है. और परम आर्य जी, जब किसी संगठन के नियम बनते है तो लोग उस नियम और विचार से जुड़ते हैं, किसी व्यक्ति से नहीं. कोई सो नहीं रहा है. हां मौका अवश्य दिया जाता है. पर मनमानी करने की छूट नहीं.

Mithilesh dubey ने कहा…

धन्यवाद शालिनी जी व मंगल जी, मंच की गरिमा बनाकर रखनी है तो कुछ अप्रिय निर्णय हमें लेने होंगे. हर बात की हद होती है. और परम आर्य जी, जब किसी संगठन के नियम बनते है तो लोग उस नियम और विचार से जुड़ते हैं, किसी व्यक्ति से नहीं. कोई सो नहीं रहा है. हां मौका अवश्य दिया जाता है. पर मनमानी करने की छूट नहीं.

Saleem Khan ने कहा…

मिथिलेश, शादी की मुबारकवाद ! वैसे मुझे तुमसे शिकायत है कि शादी में बुलाने का वादा करके फ़िर नहीं बुलाये ! चलो कोई बात नहीं...! मैं तुम्हें अपनी शादी में ज़रूर बुलाऊंगा ! और

रहा सवाल धार्मिक लेखों के जंग का तो मुझे नहीं लगता कि आज कल BBLM अथवा पूरे ब्लॉग जगत में ऐसा कोई कर रहा हो... सभी शांत हैं... ! हाँ आजकल बाबा रामदेव के खिलाफ टी वी से लेकर अखबार तक और वेबसाइट से लेकर ब्लॉग तक खूब लिखा जा रहा है जिसमें हिन्दू भी हैं और मुसलमान भी... कुछ समर्थन में तो कुछ विरोध में !

अगर कोई ऐसी पोस्ट है जो आपत्तिजनक है तो उसे सार्वजनकि करें और उसका बहिष्कार करने में सलीम का नाम अवाल नम्बर पर होगा... और पाल साहब काहे बुरा रहे हैं भैया ! वो तो एक एग्रीगेटर के मालिक है BBLM के योगदानकर्ता ... वो खुद ही बहुत पहले मेरे ब्लॉग पर कह चुके हैं कि क्षमा बडन को चाहिए....आदि आदि !!!

खैर ! ये सब से अच्छा है कि हम सब हिंदी को बढ़ावा दें !

आशुतोष की कलम ने कहा…

क्यों ये नूरा कुश्ती कर रहें हैं मुल्ला हरीश खान..
योगेन्द्र जी ने बात की थी अनवर जमाल को निष्काषित करने की या खुद ये मंच छोड़ने की १५ तक...
मैं एक टिप्पणीकार के हैसियत से इंतजार में हूँ परिणाम के....

हरीश सिंह ने कहा…

आशुतोष जी, यह भारतीय ब्लॉग लेखक मंच का नियम है. जब कोई संगठन बनता है तो उसका नियम भी होता है, भूल सभी से होती है, और भारतीय लेखक मंच ने चेतावनी भी दी है. यदि नियमो का कोई सदस्य पालन नहीं करता तो उसे जाना ही होगा. यह हरीश सिंह की व्यक्तिगत बात नहीं है, और आप पूरी पोस्ट पढ़कर कमेन्ट करे. इस तरह किसी पर व्यक्तिगत आक्षेप लगाना उचित नहीं.

आशुतोष की कलम ने कहा…

मैंने पूरी पोस्ट पढ़कर ही टिपण्णी दिया है..
बात आप के संचालक मंडल के एक सदस्य के प्रण की है..
आप ने निकलना तो दूर वो पोस्ट भी नहीं हटाई..आप लोग तुष्टिकरण से क्या पा सकते हैं???
खैर आप से ज्यादा उम्मीद नहीं है..मैं योगेन्द्र जी के निर्णय का इंतजार कर रहा हूँ.....१५ तारीख आने वाली है...
अनवर भी इसी मंच पर हैं अभी और योगेन्द्र जी भी...

हरीश सिंह ने कहा…

मेरी हमेशा यही सोच रही है की सभी लोग मिलजुल कर रहे, अपने ब्लोगों पर लोग क्या लिखते हैं लिखे, पर यह साहित्यिक मंच है और इसकी गरिमा बनाये रखना सभी का दायित्व है. आप जो भी बात कहते हैं वह मुझे इंगित करके कहते हैं, पर मेरा जो भी निर्णय होगा वह BBLM के नियमो से ही होगा. किसी के भी कहने से मैं मंच का नियम नहीं बदलने वाला. इस मंच से जुड़ने वाले सभी लोग नियम का पालन करेंगे. ऐसा मेरा विश्वास है.

आशुतोष की कलम ने कहा…

आज सुबह डा.सुब्रमण्यम स्वामी ने देहरादून में ये आरोप लगाया की इधर देश में कोहराम मचा है और राजमाता सोनिया जी और युवराज पिछले चार दिन से switzerland में बैठे हैं ................पिछले कुछ सालों में उन्होंने बहुत बड़े बड़े ....विशालकाय घोटाले खोजे हैं ....उनपे बड़ी व्यापक खोजबीन की है ......अब इतनी बड़ी बात कह दी उन्होंने आज सुबह .........आरोप लगाया की दोनों माँ बेटा switzerland गए हैं अपने खातों की देखरेख करने .........पूरे देश में आम आदमी ये बात खुल कर कहता है और मानता है की प्रधानमन्त्री श्री मनमोहन सिंह जी व्यक्तिगत रूप से बेहद इमानदार होते हुए भी भ्रष्टाचार एवं काले धन पर कोई प्रभावी कदम इसलिए नहीं उठा पा रहे क्योंकि कांग्रेस के बड़े नेता गण......( गाँधी परिवार समेत ) की गर्दन सबसे पहले नप जाएगी ........अब ऐसे माहौल में आज कोढ़ में खाज हो गयी ....कमबख्त ..........मुए स्वामी ने इतनी बड़ी बात कह दी किसी एक चैनल पर ............अब हमारे जैसे लोग चिपक गए भैया टीवी से ...वैसे भी हम लोग चिपके ही रहते हैं ........पर वाह ....क्या बात है .......किसी भी माई के लाल हमारे न्यूज़ चैनल ने उस बयान को दुबारा नहीं दिखाया ....खोज बीन करना....बाल की खाल निकालना तो दूर की बात है ........सारा दिन टीवी पर surfing करने के बाद ( हांलाकि न्यूज़ तो अब भी चल रही है ) शाम को हमने इन्टरनेट पर गोते लगाए ........सारी न्यूज़ खोज मारी ..........कहीं तो कुछ निकलेगा .......कहीं तो कोई चर्चा होगी ...किसी ने डॉ स्वामी को quote ही किया होगा ...कहीं से कोई खंडन ही आया होगा ..........अब हम क्या जानें दिल्ली में कौन क्या कर रहा है ....पर दिल्ली वाले तो जानते हैं की कहाँ हैं सोनिया जी ....कहाँ हैं अपने राहुल बाबा .....और इन मीडिया वालों के लिए तो ये एक मिनट का काम है .....एक फोन मारा और ये लो .....हो गयी पुष्टि ....या ये रहा खंडन ..........पर कुछ नहीं ....शांति ...एकदम मरघट वाली शांति है आज ........न पुष्टि.... न खंडन ............
पर दोस्तों .....मरघट की ये शांति .......चीख चीख कर कुछ कह रही है ..............ध्यान से सुनिए .....दूर वहां कोई रो रहा है .........किसी की मौत पर .....पर मुझे सचमुच विश्वास नहीं होता की वो मर गया ..........इतनी आसानी से मरने वाला वो था तो नहीं ....बड़ी सख्त जान था कमबख्त .......क्या वाकई मर गया ...खबरनवीस ............न कोई आवाज़ न हलचल ........माजरा क्या है .....
आज सुबह एक लेख लिखा मैंने की कैसे सरकार हमारे मूल अधिकारों को कुचल रही है .....इसके अलावा मैं लिखता रहा हूँ की कैसे न्यूज़ मर रही है ............पिछले दस दिनों से मैं महसूस कर रहा हूँ की news channels पर सरकारी विज्ञापनों की बाढ़ सी आ गयी है .........अब ये कोई खोजी पत्रकार या संस्था ही आंकड़े खोजेगी की किस महीने में कब कितने सरकारी विज्ञापन आये news channels पर, और अखबारों में ........... .....सच्चाई सामने आनी ही चाहिए ...........और जैसे ही इन्हें सरकारी विज्ञापन मिले इनकी तोपों का मुह सिविल सोसाइटी की तरफ मुड़ गया ..........ये लगे जन आन्दोलन को बदनाम करने ....सरकार और पार्टी का गुणगान करने और भ्रम फैलाने ..............जो मीडिया एक एक byte के लिए मारा मारा फिरता है ....आज डॉ सुब्रमण्यम स्वामी के इतने सनसनीखेज बयान के बाद भी चुप है ....मरघट सी शांति है .......पुष्टि नहीं तो खंडन तो आना चाहिए ........सरकार की तरफ से न सही पार्टी की तरफ से ही सही .......अगर सोनिया जी और राहुल जी देश में हैं तो बताया जाए और डॉ स्वामी से कहा जाए की प्रलाप बंद करो ......और अगर कहीं बाहर हैं तो ये भी बताया जाए की कहाँ हैं .......... चुप्पी साध के देश का मीडिया गाँधी परिवार को बचा रहा है क्या ??????? या ये मुद्दा...ये प्रश्न ....सचमुच इतना छोटा ...इतना घटिया है की इसपे टिप्पणी करना नहीं चाहता ............पर ये बहुत कडवी सच्चाई है की आज अधिकाँश लोग ...चाहे वो कांग्रेस समर्थक लोग ही क्यों न हों........ ये मानते हैं की गांधी परिवार के खाते हैं...... विदेशी banks में .......अब इसका जवाब या तो हाँ में हो सकता है या ना में ........चुप रहना कोई जवाब नहीं है ....और चुप रहे तो गाँधी परिवार रहे ....मीडिया क्यों चुप है ???????? कुत्ते का काम है भोंकना ........यहाँ कुत्ते को एक गाली के रूप में न ले कर एक रक्षक के रूप में लिया जाए please ........कुत्ते का काम है भोंकना और गुर्राना ....ज़रा सी आहट पर भी भोंकना ..........क्यों चुप है आज ...आहट सुनाई नहीं दी ........या हड्डी चूसने में इतना मगन है .......देखो कहीं मर तो नहीं गया ........खबरनवीस बिक गया क्या ???????? लोकतंत्र का चौथा खम्बा भी टूट रहा है क्या ????????




Posted by Ajit Singh Taimur

गंगाधर ने कहा…

हिन्दू धर्म के संतो का मजाक उड़ाना अनवर की आदत है. ऐसे लोंगो से ही मंच बदनाम होगा. हो सकता है इसे बदनाम करने की यह साजिश हो. मैंने भी देखा है उस पोस्ट को और सलीम की पोस्ट को दोनों रामदेव जी का मजाक उड़ा रहे हैं.

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