शुक्रवार, 11 मार्च 2011

चाँद पे दाग है ....





चाँद पे दाग है .....
सुहागिन का श्रंगार है ,
प्रियतम का इंतजार है ,
माँ का लाल है ,
फिर भी -
चाँद पे दाग है .....
आसमान का ताज है ,
अँधेरे की आस है ,
चकोर की प्यास है ,
फिर भी -
चाँद पे दाग है .....!!



प्रियंका राठौर




13 टिप्पणियाँ:

मंगल यादव ने कहा…

बहुत खूबसूरत रचना प्रियंका जी। आपने तो परोक्ष रुप से समाज की सच्चाई बयां कर दी। इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

अनुतरित से प्रश्न ...सुन्दर रचना

Dr. Yogendra Pal ने कहा…

पर यह दाग भी जरूरी है, नहीं तो चाँद घमंडी ना हो जायेगा?

माफ कीजिये पर कविता कुछ समझ में नहीं आई,

सुहागिन का श्रृंगार है,
प्रियतम का इंतज़ार है,
माँ का लाल है,

फिर भी....

कुछ अधूरा सा लग रहा है

हरीश सिंह ने कहा…

प्रियंका जी, चाँद में दाग है नहीं यह नहीं पता क्योंकि वैज्ञानिको ने वहा गड्ढे बता दिए. पर आपने हमारा निमंत्रण स्वीकार कर इस परिवार में चांदनी अवश्य बिखेर दी. आपका बहुत-बहुत स्वागत........ एक सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई. आभार.

Shikha Kaushik ने कहा…

गहन भावों से युक्त आपकी रचना सराहनीय है .......बधाई .

PRIYANKA RATHORE ने कहा…

@योगेन्द्र जी ,हरीश जी -

हमारे समाज में चाँद की उपमा दी जाती है ...यह परम्परा सदियों से चली आ रही है ....लेकिन साथ साथ ये भी कहा जाता है , चाँद सबकी खुशियाँ है ,परन्तु उस पर दाग भी है ....जो उसकी सुन्दरता को कम भी करता है ..मेरी इस कविता का आशय सिर्फ इतना ही है ....अगर एक चाँद से सभी की खुशिया जुडी है ..तो लोग उसके दाग को नजरंदाज क्यों नहीं कर पाते...

इस कविता में चाँद सिर्फ इन्सान का प्रतीक मात्र ही है ...इसलिए मैंने इस कविता मे "फिर भी" का प्रयोग किया है
("फिर भी -
चाँद पे दाग है .....!!")

शायद अब आप लोग इस कविता को नए कलेवर में देख पाएंगे ....धन्यबाद .

@ मंगल जी , संगीता जी ,शिखा जी ....आप लोगो का भी बहुत बहुत धन्यबाद ....बस युही अपना आशिर्बाद बनाये रखियेगा ....आभार .

kirti hegde ने कहा…

sundar rachna badhai.

Kunal Verma ने कहा…

गहन भावना युक्त पँक्तियाँ।
बहुत खूब

गंगाधर ने कहा…

सुन्दर पंक्ति, दाग तो सभी में है पर उन्ही में अच्छाईया भी होती है. स्वागत.

वाणी गीत ने कहा…

फिर भी ने ही तो इतने प्रश्न खड़े किये कि जब चाँद में सब गुण है तो एक अवगुण को अनदेखा क्यों नही किया जा सकता ...
अच्छा प्रश्न ...!

Anupama Tripathi ने कहा…

सच्चाई से बहुत समीप है आपकी रचना -
बहुत सुन्दरता से मन के भावों को प्रकट किया है |
बधाई एवं शुभकामनाएं

प्रतिभा सक्सेना ने कहा…

यह दाग़ नहीं उसकी उज्ज्वलता को इंगित करता चिह्न है !

Kailash Sharma ने कहा…

थोड़ी बहुत कमी किस में नहीं होती..सुन्दर रचना..

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