इस घोषणा को मैं मोमेंटो के साथ करना चाहता था. पर आवश्यक था,
क्यों ...? पहले इसे पढ़े. ......
४ जजों में दो ने भाग नहीं लिया, दो जजों को फैसला देना था जो आपस में लेखन के चिर प्रतिद्वंदी है.. दोनों जजों के विचार कभी मेल नहीं खाते. अगर किसी पोस्ट पर खाए भी तो कुछ न कुछ विरोधाभास अवस्य रहा. डॉ. अनवर जमाल खान और डॉ. श्याम गुप्ता.
सबसे पहले जवाब आया डॉ. गुप्ता जी का........
प्रिय हरीश जी----
प्रेम -महाभारत...फ़ैसला....( डा श्याम गुप्त )
बहुत सुन्दर सुन्दर , विचाररपूर्ण, तार्किकता, भावना से भरपूर व ग्यान के आलोक से प्रकाशित आलेख लिखे गये । प्रेम पर इतने अच्छे कथनों को पढवाने के लिये हरीश जी तो बधाई के पात्र हैं ही, सभी प्रतियोगी भी बधाई के पात्र हैं।
प्रियन्का, अमित तिवारी, अवनीश व मन्गल यादव सभी ने बहुत अच्छा लिखा परन्तु आलेख वास्तव में सिर्फ़ कथोपकथन नहीं होते बिना उदाहरणों के उनमें स्पष्टता व वैचारिक संगतता नहीं आपाती ,वे एक नीरस वर्णन की भांति लगते हैं। अत्यंत संक्षिप्त आलेख भी सिर्फ़ रटे रटाये कथन या स्वकथन मात्र लगते हैं । अधिकांश ने दिये हुए शीर्षक का भी प्रयोग नहीं किया। सौरभ दुबे जी का आलेख भी अत्यन्त सुन्दर बन पडा है परंतु सिर्फ़ विवरणात्मकता तक ही सीमित रहने के कारण मेरे विचार से तीसरे स्थान तक आपाया ।
मुझे मुख्य प्रतियोगिता शालिनी व शिखा जी के आलेखों में प्रतीत हुई एवं द्वन्द्वात्मक स्थिति में दोनों में निर्णय करना कठिन था। दोनों आलेख श्रेष्ठ व उच्चकोटि के हैं । जहां शालिनी जी के आलेख में वैग्यानिक तार्किकता व साहित्यिक्ता व उद्धरणों के सौन्दर्य का भरपूर संयोजन है वहीं शिखा जी के आलेख में भी साहित्यिक तार्किकता, उच्चकोटि के उद्धरण-सुषमा, वैचारिकता, दर्शन, वैग्यानिकता,सामाजिक विग्यान जीवन से जुडे वक्तव्यों का सौन्दर्य भी परिलक्षित है । अतः मुझे वह अधिक समीचीन जान पडा । अतः शिखाजी का आलेख में सबसे ऊपर रखता हूं । इस प्रकार मेरे विचार से प्रथम तीन आलेख इस प्रकार हैं....
प्रथम---शिखा कौशिक जी..
द्वितीय...शालिनी कौशिक जी
त्रितीय....सौरभ दुबे जी ...
---डा श्याम गुप्त...
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प्रेम -महाभारत...फ़ैसला....( डा श्याम गुप्त )
बहुत सुन्दर सुन्दर , विचाररपूर्ण, तार्किकता, भावना से भरपूर व ग्यान के आलोक से प्रकाशित आलेख लिखे गये । प्रेम पर इतने अच्छे कथनों को पढवाने के लिये हरीश जी तो बधाई के पात्र हैं ही, सभी प्रतियोगी भी बधाई के पात्र हैं।
प्रियन्का, अमित तिवारी, अवनीश व मन्गल यादव सभी ने बहुत अच्छा लिखा परन्तु आलेख वास्तव में सिर्फ़ कथोपकथन नहीं होते बिना उदाहरणों के उनमें स्पष्टता व वैचारिक संगतता नहीं आपाती ,वे एक नीरस वर्णन की भांति लगते हैं। अत्यंत संक्षिप्त आलेख भी सिर्फ़ रटे रटाये कथन या स्वकथन मात्र लगते हैं । अधिकांश ने दिये हुए शीर्षक का भी प्रयोग नहीं किया। सौरभ दुबे जी का आलेख भी अत्यन्त सुन्दर बन पडा है परंतु सिर्फ़ विवरणात्मकता तक ही सीमित रहने के कारण मेरे विचार से तीसरे स्थान तक आपाया ।
मुझे मुख्य प्रतियोगिता शालिनी व शिखा जी के आलेखों में प्रतीत हुई एवं द्वन्द्वात्मक स्थिति में दोनों में निर्णय करना कठिन था। दोनों आलेख श्रेष्ठ व उच्चकोटि के हैं । जहां शालिनी जी के आलेख में वैग्यानिक तार्किकता व साहित्यिक्ता व उद्धरणों के सौन्दर्य का भरपूर संयोजन है वहीं शिखा जी के आलेख में भी साहित्यिक तार्किकता, उच्चकोटि के उद्धरण-सुषमा, वैचारिकता, दर्शन, वैग्यानिकता,सामाजिक विग्यान जीवन से जुडे वक्तव्यों का सौन्दर्य भी परिलक्षित है । अतः मुझे वह अधिक समीचीन जान पडा । अतः शिखाजी का आलेख में सबसे ऊपर रखता हूं । इस प्रकार मेरे विचार से प्रथम तीन आलेख इस प्रकार हैं....
प्रथम---शिखा कौशिक जी..
द्वितीय...शालिनी कौशिक जी
त्रितीय....सौरभ दुबे जी ...
---डा श्याम गुप्त...
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अब डॉ. अनवर जमाल साहब........
प्यारे भाई हरीश जी ! मैंने आपके द्वारा भेजे गए सात लेख पढ़े और उन्हें मोटे तौर पर दो चीज़ों को आधार बनाकर परखा ।
1. लेख की भाषा शैली कैसी है ?
2. लेख अपमेरा फ़ैसला : शालिनी कौशिक जी का लेख सर्वश्रेष्ठ है
ने विषय को कितना स्पष्ट कर पाया है ?
पहले बिन्दु को मैंने भाषा-शैली का शीर्षक दिया और दूसरे बिन्दु को भाव का। अब मैं आपको सातों लेख के बारे में बताता हूं कि मैंने उन्हें अपनी नज़र में कैसा पाया ?
सभी लेख अच्छे हैं और प्रेम के किसी न किसी कोण को सामने रखते हैं और अच्छे लगते हैं। सभी प्रशंसा के हक़दार हैं लेकिन बात प्रतियोगिता की है तो किसी न किसी को तो श्रेष्ठ कहना निर्णायक की मजबूरी है। लिहाज़ा मैंने पाया कि सभी लेखकों की भाषा-शैली सुबोध है और पाठक उनके मंतव्य को आसानी से समझ सकता है।
लेकिन जब मैंने भाव की दृष्टि से लेखों को परखा तो वे दो हिस्सों में बंट गए-
पहले हिस्से में तो शिखा कौशिक जी , प्रियंका राठौर जी, अमित तिवारी जी और अवनीश कुमार जी के लेख आते हैं
और
दूसरे हिस्से में शालिनी कौशिक जी, मंगल यादव और सौरभ दुबे के लेख आते हैं।
पहले हिस्से में जो लेख आते हैं वे भाव की दृष्टि से मध्यम हैं जबकि दूसरे हिस्से में जो लेख आते हैं वे भाव की दृष्टि से उत्तम हैं ।
अब मुझे इन तीन उत्तम लेखों में से एक श्रेष्ठ को चुनना था तो मैंने देखा कि शालिनी कौशिक जी ने अपने लेख में न सिर्फ़ विषय को पूरी तरह खोलकर बयान किया है बल्कि अपने लेख में साहित्यिक तर्कों के साथ वैज्ञानिक अन्वेषण का समावेश भी किया है जिससे उसकी उपयोगिता भी बढ़ गई है और वह सामयिक समस्याओं का एक हल भी पेश करता है।
मेरा निर्णय आपके विचारार्थ सादर प्रेषित है।
इज़्ज़त अफ़ज़ाई के लिए मैं आपका शुक्रगुज़ार हूं।
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1. लेख की भाषा शैली कैसी है ?
2. लेख अपमेरा फ़ैसला : शालिनी कौशिक जी का लेख सर्वश्रेष्ठ है
ने विषय को कितना स्पष्ट कर पाया है ?
पहले बिन्दु को मैंने भाषा-शैली का शीर्षक दिया और दूसरे बिन्दु को भाव का। अब मैं आपको सातों लेख के बारे में बताता हूं कि मैंने उन्हें अपनी नज़र में कैसा पाया ?
सभी लेख अच्छे हैं और प्रेम के किसी न किसी कोण को सामने रखते हैं और अच्छे लगते हैं। सभी प्रशंसा के हक़दार हैं लेकिन बात प्रतियोगिता की है तो किसी न किसी को तो श्रेष्ठ कहना निर्णायक की मजबूरी है। लिहाज़ा मैंने पाया कि सभी लेखकों की भाषा-शैली सुबोध है और पाठक उनके मंतव्य को आसानी से समझ सकता है।
लेकिन जब मैंने भाव की दृष्टि से लेखों को परखा तो वे दो हिस्सों में बंट गए-
पहले हिस्से में तो शिखा कौशिक जी , प्रियंका राठौर जी, अमित तिवारी जी और अवनीश कुमार जी के लेख आते हैं
और
दूसरे हिस्से में शालिनी कौशिक जी, मंगल यादव और सौरभ दुबे के लेख आते हैं।
पहले हिस्से में जो लेख आते हैं वे भाव की दृष्टि से मध्यम हैं जबकि दूसरे हिस्से में जो लेख आते हैं वे भाव की दृष्टि से उत्तम हैं ।
अब मुझे इन तीन उत्तम लेखों में से एक श्रेष्ठ को चुनना था तो मैंने देखा कि शालिनी कौशिक जी ने अपने लेख में न सिर्फ़ विषय को पूरी तरह खोलकर बयान किया है बल्कि अपने लेख में साहित्यिक तर्कों के साथ वैज्ञानिक अन्वेषण का समावेश भी किया है जिससे उसकी उपयोगिता भी बढ़ गई है और वह सामयिक समस्याओं का एक हल भी पेश करता है।
मेरा निर्णय आपके विचारार्थ सादर प्रेषित है।
इज़्ज़त अफ़ज़ाई के लिए मैं आपका शुक्रगुज़ार हूं।
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मैं दुविधा में था, भाई रियल्टी शो में भी वोट का जमाना है तो हमने भी वोट के लिए सभी के पास भेजा पर किसी का जवाब नहीं आया. फिर आज हमने डॉ. गुप्ता जी की पोस्ट पढ़ी. आप भी देंखे....
14 टिप्पणियाँ:
टिप्पणी अवश्य करे.. यहाँ भी आयें.....
डंके की चोट पर
Hareesh ji
prabhu ki krapa rahi to ''Upendra'' shighr thheek ho jayengen. hamari shubhkamnayen aapke samast parivar ke sath hain .
@ हरीश जी ! सभी विजेताओं और उपविजेताओं को बधाई !
मेरे लेख में बिन्दु न, २ आपसे Correction चाहता है .
कृपया उसे मेरे द्वारा भेजे गए लेख के अनुसार कर दीजिये.
1. लेख की भाषा शैली कैसी है ?
2. लेख अपने विषय को कितना स्पष्ट कर पाया है ?
मैं आपके किसी काम आ सकता हूँ तो ज़रूर आऊंगा, BBLM की चिंता आप न करें और उपेन्द्र जी को अपनी भरपूर तवज्जो दें .
मैंने आपको कल जिस डाक्टर का नाम और पता दिया है , वह कैंसर के १०० मरीजों को मालिक के हुक्म से मुक्ति दिला चुका है .
उसके बारे में भी जानकारी हासिल करें , इंशा अल्लाह उपेन्द्र इस जीवन संघर्ष में विजयी रहेगा . मैंने कल रात से दुआ शुरू कर दी है.
हरीश भाई..
१ इश्वर आप के भतीजे को इस कष्ट और पीड़ा से लड़ने और बाहर आने की ताकत प्रदान करें..
यदि कोई हमारे लायक सहयोग हो तो जरुर याद करें..मेरा निवास वर्तमान में दिल्ली में है...अगर यहाँ का कुछ कार्य हो तो बताएं ..
२ विजेता बहन शिखा और शालिनी कौशिक जी को बधाइयाँ
३ आप का ईमेल मिला था हमारी राय जानने वाला विजेताओं के सन्दर्भ में...मैं अपने आप को इस प्रेम के व्याख्यान के संदर्भ में अभी अनुभवहीन पा रहा था इसलिए को राय नहीं दे पाया..उम्मीद है अन्यथा नहीं लेंगे..
आशुतोष
upendra ji swastya labh ki kamna krti hu...
shikha ji n shalini ji ko meri bahut bahut bdhayi....aap log yuhi safalta ki bulandiyo ko chuye...
priyanka rathore
शालिनी व शिखा जी को बधाई...
हरीश जी---प्रिय उपेन्द्र स्वास्थ्य लाभ करे एसी शुभकामना है...
Hareesh ji
Upendr ji jald se jald swasth ho jaye aisi bhagvan se prathna kartee hun .Upendr ji ke sath ham sab ki shubhkamnayen hain .
'Mahabhart 'ka parinan sukhad raha .vastav me sabhi vijeta hai jinhone prayas kiya .
Harish bhaiya mai bhagwan se dua karunga ki upendra ji jald hee swasth ho jaye, es dukh ki ghadi me pura pariwar aapke sath hai.
sabhi vijataon ko badhayi
सभी विजेताओ को बधाई. उपेन्द्र जी के स्वस्थ जीवन के लिए इश्वर से प्रार्थना करूँगा.
सभी विजेताओ को बधाई. उपेन्द्र जी के स्वस्थ जीवन के लिए इश्वर से प्रार्थना
सभी विजेताओ को बधाई. उपेन्द्र जी के स्वस्थ जीवन के लिए इश्वर से प्रार्थना
सभी विजेताओ को बधाई. उपेन्द्र जी के स्वस्थ जीवन के लिए इश्वर से प्रार्थना
Harish ji mai bhagwan se dua karunga ki upendra ji jald hee swasth ho jaye, es dukh ki ghadi me pura pariwar aapke sath hai.
विजेताओ को बधाई
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