फैला रहे
अन्धेरा मनों में
बढ़ा रहे
नफरत दिलों में
मार रहे उनको
जिनसे
रंजिश भी नहीं
रंजिश भी नहीं
दहशतगर्दों का कोई
धर्म ईमान नहीं है
शमशान को निरंतर
लाशों से सज़ा रहे
बच्चों को अनाथ
कर रहे
कर रहे
सुकून को दहशत में
बदल रहे
सज़ा-ऐ-मौत के
अलावा इनका
कोई इलाज नहीं
14-07-2011
1182-65-07-11
7/14/2011 06:06:00 pm
Nirantar
Posted in: 


2 टिप्पणियाँ:
वाकई ठीक कह रहे हैं आप
किसी भी धर्म को मानने वाले लोग इस तरह का जघन्य कांड करने का कभी नही सोचेंगे | इस तरह का कांड तो कोई शैतान को मानने वाला ही कर सकता है| मेरी भगवान से प्रार्थना है की वह इन शैतानो को पालने वालो के साथ इन शैतानो को भी पूरी दुनिया से ख़त्म करे|
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