3/21/2011 09:43:00 am
Nirantar
8 comments
सीप में बंद
मोती किस काम का
बिना बांटे
ज्ञान किस काम का
चिराग प्रकाश ना
फैलाए किस काम का
बंद तिजोरी में धन
किस काम का
बिना प्यार बांटे
जीवन किस काम का
बाँट सको जितना
निरंतर बाँट लो
किसे पता मौक़ा
कब तक मिलेगा
जीवन कब तक
किस का रहेगा
21-03-2011
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर",अजमेर
466—136-03-11
8 टिप्पणियाँ:
Bina Baten gyan kis kam ka..
aaj kae is yug men jab log sanchay par lage hue hai to kriti ki sarthakta aur badh jati hai...
sundar rachna
भई, सीप में जब तक बंद नहीं होगा मोती बनेगा कैसे, मोती जिसे खोजना हो वह सीप को खोले और मोती पाये....या गहरे सागर में डुबकी लगाये...स्वयं मोती उस तक नहीं आयेगा...
--अम्रित गागर ढकी असत-पट,मन काहे घबराया।
सत से खोल असत-पट घूंघट, पिया मिलन जो भाया ॥
बाँट सको जितना
निरंतर बाँट लो
किसे पता मौक़ा
कब तक मिलेगा
जीवन कब तक
किस का रहेगा
Bahut sundar vichar hain!
Harishji,aapka aamantran(Bikhare Sitare blog pe tippanee ke roopme) saharsh sweekar hai. Zaroor batayen,maine kya karna hoga.
such kaha aapne ki wo khazana kis kaam ka hai jise mese payr lutaya na jaye....bhut sunadr rachna hai aapki...aapko bhut bhut badhai...
दार्शनिकता से ओत प्रोत कृति!
aparna ने कहा…
दार्शनिकता से ओत प्रोत कृति!
२२ मार्च २०११ ११:४६ पूर्वाह्न
bahut khoob....
achchhi rachna.
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