वो अपने हैं लेकिन दग़ा दे रहे हैं
मेरे जलते घर को हवा दे रहे हैं
क़सम ले के पहले मुझसे न मिलने की
मुझे अपने घर का पता दे रहे हैं
रविवार, 27 फ़रवरी 2011
घर का पता
2/27/2011 03:41:00 pm
DR. ANWER JAMAL
7 comments
भारतीय ब्लोगरों तथा लेखकों का एक सशक्त परिवार
वो अपने हैं लेकिन दग़ा दे रहे हैं
मेरे जलते घर को हवा दे रहे हैं
क़सम ले के पहले मुझसे न मिलने की
मुझे अपने घर का पता दे रहे हैं
7 टिप्पणियाँ:
शुक्रिया भाई साहब !
हरीश जी ! आप HBFI में भी भदोही के मास्टर साहब वाली प्रेरक पोस्ट डालिएगा ।
nice
thik hai anwar bhai.
bahut khoob
@ @ @ हरीश जी , शिखा जी और वकील साहिबा , आप सभी का शुक्रिया ।
@ शिखा जी ! आज मैंने मु. नि. रश्मि जी से आपकी सिफारिश की है कि आपकी रचनाओं को वे अपनी online पत्रिका वटवृक्ष में भी जगह दिया करें। जल्दी ही यह पत्रिका प्रिंट भी होने वाली है । आप अपने नेता जी कहते हैं का लिंक रश्मि जी को ज़रूर भेज दीजिए ।
----शानदार कतआ...
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