ये तिरंगा नहीं हमारी जान है !
ये तिरंगा नहीं हमारी जान है ;
फलक पर फहरता तिरंगा भारत का सम्मान है .
ते तिरंगा नहीं ................
लाखो देशभक्तों ने प्राण न्यौछावर किये ;
१५ अगस्त ४७ को तब आजाद हुए ,
याद दिलाता तिरंगा शहीदों की पहचान है .
ये तिरंगा नहीं .......
गाँधी के सत्याग्रह ने गोरी सरकार हिलाई ;
'अंग्रेजो भारत 'छोडो ने मुक्ति जोत जगाई ,
फहरता तिरंगा उसी बापू की पहचान है .
ये तिरंगा ......
भगत सिंह संग राजगुरु सुखदेव चढ़ गए फांसी पर ;
क्रूर ब्रिटिश सत्ता से आजाद ने ली थी टक्कर ,
शहीदों की कुर्बानी का तिरंगा पहचान है .
ये तिरंगा नहीं .....
जयहिंद के नारे से सुभाष ने गगन गुंजाया ;
नेहरू और पटेल ने प्राणों का दांव लगाया ,
आजादी की तिरंगा रौशन मशाल है .
ये तिरंगा नहीं .....
है प्रण ये हमारा हम इसको झुकने न देंगे ;
आंच कभी आजादी पर भारत की आने न देंगे ,
धर्म हमारा तिरंगा ..ये स्वाभिमान है .
ये तिरंगा नहीं .............
जय हिंद !
शिखा कौशिक
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें