ये कोई व्यंग नहीं है और ना हीं कोई कटाक्ष है,साधारण और स्पस्ट भाषा में ये एक आलेख है|मौजूदा भारतीये हालातों पे गौर किया जाये तो ये काफी तर्कसंगत विषय है|corruption यानि की भ्रसटाचार क्या है?मेरे हिसाब से ये जो आचार हम निभाते है जिससे सब ने भ्रष्ट होने का आरोप लगाया है ये गलत है,अगेर ये भ्रष्ट होता तो कब का बंद हो गया होता|हमारे नेतागण जो की इतने समझदार और कुटिल राजनतिज्ञ हैं उन्हें जरुर इसपे आपत्ति होती,परन्तु ऐसा नही है और जो है वो भ्रष्ट नही है|१.२५ अरब और गणना जारी है,इतनी बड़ी जनसँख्या गलत नहीं हो सकती,गलत तो वो लोग है जो इसे गलत कह रहे है|
इसे तो हमारे संविधान में एह अनुच्छेद के तहद लागु करना चाहिए|इससे हमारे देख का काला धन हमरे हीं देश में रहेगा,यहाँ की तरलता को कम करेगा और हमारी अर्थव्यवस्था और मुद्रा के दर की डॉलर के मुकाबले और मजबूत करेगा|और इससे सबसे बड़ा फायेदा ये होगा की यहाँ के गरीब ख़त्म होजाएंगे और साथ में गरीबी भी ले जायेंगे|कोई भी काम करवाने ये लिए ये एक अतिरिक्त शुल्क के तौर पे लिया जायेगा और इसपे आपको कोई भी कर नहीं लगेगा|तरकश ! Turkash !: Right To Corruption
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