शुक्रवार, 13 अप्रैल 2012

मंज़िल पास आएगी.


मिशन लन्दन ओलम्पिक हॉकी गोल्ड 
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हौसले कर बुलंद अपने ,मंज़िल पास आएगी,
जोश भर ले दिल में अपने मंज़िल पास आएगी.

तक रहा है बैठकर क्यों भागती परछाइयाँ ,
उठ ज़रा बढ़ ले तू आगे मंज़िल पास आएगी.

दूसरों का देखकर मुंह न पायेगा फ़तेह कभी ,
रख ज़रा विश्वास खुद पर मंज़िल पास आएगी.

भूल से भी मत समझना खुद को तू सबसे बड़ा,
सर झुका मेहनत के आगे मंज़िल पास आएगी.

गर नशा करना है तुझको चूर हो जा काम में ,
लक्ष्य का पीछा करे तो मंज़िल पास आएगी.

''शालिनी'' कहती है तुझको मान जीवन को चुनौती ,
बिन डरे अपना ले इसको मंज़िल पास आएगी.

                              शालिनी कौशिक 
                                    [कौशल ]

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