रविवार, 4 दिसंबर 2011

खुदरा बाजार में ऍफ़ डी आई ....डा श्याम गुप्त


                                     खुदरा बाजार में ऍफ़ डी आई  पर विरोध  पर मोंटेक सिंह अहलूवालिया  का कथन है कि.... ...मौजूदा आपूर्ति श्रृंखला में कई खामियां हैं ,किसानों को उपज का उचित दाम नहीं मिलता....आपूर्ति-तंत्र में अक्षमता , बिचौलिआपन तथा बरबादी है ...कोल्ड स्टोरेज बगैरह की व्यवस्था नहीं है.....आदि आदि....
            यदि एसा है तो यह तो आपकी सरकार की ही अक्षमता है | उसे ठीक करने के उपाय की बजाय आप विदेशियों को अपने घर में घुसा लेंगे क्या |   फिर तो राजनीति में , नेताओं के चरित्र में , मंत्रियों  के कार्यों में जाने कितनी खामियां हैं ...फिर क्यों हम भारतीय लोगों, नेताओं को ही सत्ता पर काविज़ करें , क्यों न विदेशियों को ही चुनाव में खड़ा होने का न्योता दें, क्यों न उन्हें ही नेता, मंत्री, मुख्य-मंत्री, राष्ट्रपति बनने का न्योता व मौक़ा दें ताकि देश की ये सारी समस्याओं का सरल , बिना कष्ट किये , बिना कठिनाई के  हल ऍफ़ डी आई  होजाय |
           आप सब लोगों का क्या ख्याल है.....

1 टिप्पणियाँ:

तेजवानी गिरधर ने कहा…

बेहद घटिया तर्क है, इसे कुतर्क कहें तो और अधिक उचित होगा, आशचर्य है कि इस प्रकार की टिप्पणियां ब्लॉग्स पर आ रही हैं, क्यों कि हमारे देश में बोलने की आजादी है और उसके कोई मापदंड नहीं हैं, जिसके मन में जो आ रही है, वह यूं का यूं प्रकाशित हो रहा है, अफसोस

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