शनिवार, 10 सितंबर 2011

खोया जनाधार पाने के लिए भाजपा और हजकां में गठबंधन

हिसार, हरियाणा

हिसार लोकसभा सीट पर उपचुनाव से पहले भाजपा और हजकां के बीच हुआ चुनावी समझौता दोनों पार्टियों के लिए ही जरूरी था। पिछले लोकसभा चुनावों में अपनी एक मात्र सीट गंवा चुकी भाजपा विधानसभा चुनावों में भी वापसी नहीं कर पार्इ और तमाम कोषिषों के बावजूद चार सीटों पर सिमट कर रह गर्इ थी।
बंसीलाल के साथ प्रदेष की सरकार चला चुकी भाजपा हरियाणा में एक बार फिर से अपने खोये हुए जनाधार को वापस पाना चाहती है। उधर, अपने दम पर चुनाव लड़कर पहली ही बार विधानसभा की छह सीटें जीतकर कुलदीप बिष्नोर्इ की हजकां की षुरूआत तो बेहतरीन रही लेकिन पांच विधायकों के कांग्रेस में षामिल होने के बाद कुलदीप फिर से पार्टी में अकेले रह गये। पिता भजनलाल के निधन के बाद हिसार के मतदाताओं में भरोसा बनाये रखना भी कुलदीप बिष्नोर्इ के लिए बड़ी जिम्मेदारी है। पिछले लोकसभा चुनाव में भजनलाल ने हिसार के नौ विधानसभा क्षेत्रों में से छह पर बढ़त हासिल की थी।
भजनलाल जैसा विष्वास मतदाताओं बनाये रखना कुलदीप बिष्नोर्इ के लिए बहुत जरूरी है। जानकारों का मानना है कि भजनलाल के निधन के बाद एक जाति विषेश के लोग हजकां से कुछ दूर हुये हैं और भाजपा का उस वोट बैंक पर अच्छाखासा अधिकार है। इस गठबंधन का एक बड़ा कारण इसे भी माना जा रहा है।
गठबंधन ने कुलदीप बिष्नोर्इ को हिसार लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए उम्मीदवार घोशित किया है। कुलदीप का चुनाव लड़ना साफ बताता है कि हजकां और भाजपा किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहती हैं और एक बेहतरीन जीत के साथ मजबूत गठबंधन को संकेत प्रदेष के लोगों को देना चाहती हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में भजनलाल नलवा, आदमपुर, हिसार, बरवाला, हांसी और बवानीखेड़ा में अपने खिलाफ खड़े दूसरी पार्टी के उम्मीदवारों से कहीं आगे रहे थे लेकिन यहां ये भी गौर करने लायक है कि विधानसभा चुनावों में हजकां इन सभी छह सीटों में सिर्फ एक आदमपुर की सीट ही जीत पार्इ थी। साफ है लोकसभा चुनावों में लोगों ने हजकां को नहीं बलिक भजनलाल को वोट दिया था।
प्रदेष की राजनीति में अपना वजूद मजबूत बनाने के लिए कुलदीप को ये करिष्मा दोहराना होगा। हिसार लोकसभा सीट ही नहीं समझौता दोनों पार्टी के बीच प्रदेष में आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों को लेकर भी हुआ है। लोकसभा में भाजपा आठ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी और विधानसभा की 45-45 सीटों पर हजकां और भाजपा चुनाव लड़ेगी। लोकसभा और विधानसभा चुनावों में अभी काफी वक्त है लेकिन इस गठबंधन से प्रदेष की राजनीति में नये समिकरण तो बने ही हैं।

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