आइये १६ अगस्त के गीत ( जंतर मंतर ) की तयारी करें :
आओ बच्चो तुम्हें दिखाएँ, झांकी बेशरम , बेगैरत, आलसी , लालची, भ्रष्ट , हिन्दुस्तान की
आओ बच्चो तुम्हें दिखाएँ झांकी हिन्दुस्तान की (१५ अगस्त का लाल किले का )
आओ बच्चों तुम्हें दिखाए
झांकी घपलिस्तानकी
इस मिट्टी पे सर पटको
इस मिट्टी पे सर पटको
ये धरती है बेईमान की
बंदों में है दम,
राडिया-विनायकयम्
बंदों में है दम,
बंदों में है दम,
राडिया-विनायकम्
उत्तर में घोटाले करती
उत्तर में घोटाले करती
मायावती महान है
दक्षिण में राजा-कनिमोझी
दक्षिण में राजा-कनिमोझी
करुणा की संतान है
जमुना जी के तट को देखो
जमुना जी के तट को देखो
कलमाडी की शान है
घाट-घाट का पानी पीते
घाट-घाट का पानी पीते
चावला की मुस्कान है.
देखो ये जागीर बनी है
देखो ये जागीर बनी है
बरखा-वीर महान की
इस मिट्टी पे सर पटको
इस मिट्टी पे सर पटको
ये धरती है बेईमान की
बन्दों में है दम...राडिया-विनायकम्.
ये है अपना जयचंदाना
नाज़ इसे गद्दारीपे
इसने केवल मूंग दला है
इसने केवल मूंग दला है
मजलूमों की छाती पे
ये समाज का कोढ़ पल रहा
ये समाज का कोढ़ पल रहा
साम्यवाद केनारों पे
बदल गए हैं सभी
बदल गए हैं सभी
अधर्मी भाडे के हत्यारे में
हिंसा-मक्कारी ही अब
हिंसा-मक्कारी ही अब
पहचान है हिन्दुस्तान की
इस मिट्टी पे सर पटको
इस मिट्टी पे सर पटको
ये धरती है हैवान की
बन्दों में है दम...राडिया-विनायकम्.
देखो मुल्क दलालों का,
देखो मुल्क दलालों का,
ईमान जहां पेडोला था.
सत्ता की ताकत को
सत्ता की ताकत को
चांदी के जूतों से तोला था.
हर विभाग बाज़ार बना था,
हर विभाग बाज़ार बना था,
हर वजीर इकप्यादा था.
बोली लगी यहाँ
बोली लगी यहाँ
सारे मंत्री और अफसरान की.
इस मिट्टी पे सर पटको
इस मिट्टी पे सर पटको
ये धरती है शैतान की.
बन्दों में है दम... नंगे-बेशरम....!
बन्दों में है दम... नंगे-बेशरम....!
1 टिप्पणियाँ:
yathart batati hui saarthak post.badhaai aapko.
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