(मित्रों, क्षमा चाहता हूँ कि आज एक ऐसी रचना पोस्ट कर रहा हूँ, जिसमे से कायरता की बू आ रही हो. पर मजबूरी है, ऐसा लिखना पड़ रहा है, क्योंकि हमारी सरकार और हमारे कानून तो आतंकियों को सजा नहीं दिला सकते है. आप सभी जानते ही है कि अजमल कसाब और अफजल गुरु के साथ क्या हो रहा है....अगर मैंने कुछ सच लिखने की कोशिश की हो या आप मुझसे सहमत हो तो मुझे बताये, आपके सुझाव एवं प्रतिक्रिया का स्वागत है....) -विभोर गुप्ता
एक और मुद्दा राजनीतिक केंद्र बनने को तैयार है
एक बार फिर मुंबई पर हुआ आतंकियों का वार है
फिर ना कहीं आतंकी दोषियों पर सियासत गरमाए
इससे तो अच्छा है हमलावर दोषी पकडे ही ना जाए
वैसे भी, आजकल देश में महंगाई का दौर बढ़ा है
इन दिनों मुर्गों और बकरों का भाव भी चढ़ा है
फिर ना कोई जेलों में ताजा चिकन-बिरयानी खाए
इससे तो अच्छा है हमलावर दोषी पकडे ही ना जाए
आवाम देश की गरीबी, भूखमरी से जूझ रही है
और सिंहासन को दोषियों को पकड़ने की सूझ रही है
फिर ना किसी की सुरक्षा पर करोड़ों-अरबों रूपये बहायें
इससे तो अच्छा है हमलावर दोषी पकडे ही ना जाए
आतंकी हमले के दोषी को पकड़ने से भी क्या होगा
चलेंगे सालो साल मुक़दमे, इससे ज्यादा क्या होगा
फिर ना जेल में कोई आतंकी बेख़ौफ़ आराम फरमाए
इससे तो अच्छा है हमलावर दोषी पकडे ही ना जाए
अफजल को फांसी मुक़र्रर, मिली नहीं अब तक भी
आतंक से थर्राया देश, पर सत्ता हिली नहीं अब तक भी
फिर अफजल, कसाब जैसे कानून को ठेंगा दिखलायें
इससे तो अच्छा है हमलावर दोषी पकडे ही ना जाए.
-विभोर गुप्ता (9319308534)
शुक्रवार, 15 जुलाई 2011
अच्छा है हमलावर दोषी पकडे ही ना जाए
7/15/2011 04:41:00 pm
Vibhor Gupta
8 comments
8 टिप्पणियाँ:
bahut bahut achchhi rachna ....shayad bahut rosh me likhi gayi hai .vastav me in darindon ko turant maut ke ghat utar dena chahiye par aisa hota nahi hai .
bilkul sahi kaha apne...isse to kasab ko un deshon ko soup diya jana chahiye tha jinke nagrik taj me mare the...kam se kam ab tak koi faisala to hota..hamari nikammi sarkar se to kuchh hone se raha....
दुनिया खतरनाक है , उन लोगों की वजह से नहीं जो इसे नुकसान पहुंचाते हैं , उन लोगों के चलते जो चुप बैठे रहते हैं। हमे अएक जुट होकर सरकार के खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए. सरकार का घमंड तो तोड़ना चाहिए चुनाव जीतने के बाद तो ये समझने लगते है जैसे इन्होने देश को ठेके पर पाँच साल के लिए छुड़वा लिया
इन हमलों में जिन लोगों ने अपनों को खोया है उनकी प्रति हमारी पूर्ण संवेदना है और हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि उनके परिवार को यह दर्द सहने की शक्ति दे।
dhaanywaad sikha ji,
ye rachna vastav mein rosh mein hi likhi gyi hai...
dhanywaad kavita ji, main aapse sahmat hoon, kasab ko peediti ko sonp diya jana chahiye
bahut bahut aabhar aapka madan sharma ji...
sach kaha.
जब मेहमान ही बनाना है तो यही ठीक होगा, बेवजह देश का पैसा खर्च होगा.
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