बुधवार, 6 जुलाई 2011

जिन्दगी खूबसूरत है.....





जिन्दगी खूबसूरत है
बस देखने के लिए
एक नजर चाहिए ......

क्या देखा कभी ध्यान से
नीले - नीले अम्बर में
कहीं रंगों भरे कैनवास भी हैं ......
शांत से दिखने वाले जल में
कितना गहरा संसार भी है ......
बारिश की बूंदों में
रुनझुन रुनझुन आवाज भी है ......
ची ची करती चिड़ियों में
कहीं मनमोहक गान भी है .......
रंग बिरंगे फूलों में
खूबसूरत मुस्कान भी है ......
हवा के ठन्डे झोखों में
एक अल्हड़ सी पुकार भी है .....
इठलाती बलखाती  तितलियों में
कहीं प्यार का राग भी है ......
कहीं मंदिर के घंटों में
आत्म बोध का ज्ञान  भी है ....
कही चौकड़ी भरते बच्चों में
जीवन का आधार भी है .......

देख सको तो देख लो एक बार -
जिन्दगी खूबसूरत है
बस देखने के लिए
एक नजर चाहिए .................



प्रियंका राठौर




9 टिप्पणियाँ:

हरीश सिंह ने कहा…

रंग बिरंगे फूलों में
खूबसूरत मुस्कान भी है ......
हवा के ठन्डे झोखों में
एक अल्हड़ सी पुकार भी है .....
क्या बात है प्रियंका जी, बहुत दिन के बाद आप वापस आई है. खैर आपसे सभी शिकायते दूर हो गयी. इतनी अच्छी कविता के साथ आपकी वापसी भी अच्छी है. शुभकामना .

शिखा कौशिक ने कहा…

bahut sundar v manmohak rachna prastut ki hai Priyanka ji .badhai .

shyam gupta ने कहा…

हाँ ख़ूबसूरत है...

गंगाधर ने कहा…

जिन्दगी सचमुच खूबसूरत है.

विभूति" ने कहा…

such me jindgi bhut khubsurat hai...

PRIYANKA RATHORE ने कहा…

aap sabhi ka bahut bahut dhanybad...aabhar

virendra sharma ने कहा…

प्रकृति नटी झली खोले खड़ी है हम लेने को तैयार नहीं .सच मुच का सौन्दर्य उडेला आपकी पंक्तियों ने चहूँ ओर.

rubi sinha ने कहा…

हाँ ख़ूबसूरत है...

Minakshi Pant ने कहा…

सकारात्मक विचार हर चीज़ को खुबसूरत बना देता है दोस्त बहुत सुन्दर रचना |

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