जिन्दगी खूबसूरत है
बस देखने के लिए
एक नजर चाहिए ......
क्या देखा कभी ध्यान से
नीले - नीले अम्बर में
कहीं रंगों भरे कैनवास भी हैं ......
शांत से दिखने वाले जल में
कितना गहरा संसार भी है ......
बारिश की बूंदों में
रुनझुन रुनझुन आवाज भी है ......
ची ची करती चिड़ियों में
कहीं मनमोहक गान भी है .......
रंग बिरंगे फूलों में
खूबसूरत मुस्कान भी है ......
हवा के ठन्डे झोखों में
एक अल्हड़ सी पुकार भी है .....
इठलाती बलखाती तितलियों में
कहीं प्यार का राग भी है ......
कहीं मंदिर के घंटों में
आत्म बोध का ज्ञान भी है ....
कही चौकड़ी भरते बच्चों में
जीवन का आधार भी है .......
देख सको तो देख लो एक बार -
जिन्दगी खूबसूरत है
बस देखने के लिए
एक नजर चाहिए .................
प्रियंका राठौर
9 टिप्पणियाँ:
रंग बिरंगे फूलों में
खूबसूरत मुस्कान भी है ......
हवा के ठन्डे झोखों में
एक अल्हड़ सी पुकार भी है .....
क्या बात है प्रियंका जी, बहुत दिन के बाद आप वापस आई है. खैर आपसे सभी शिकायते दूर हो गयी. इतनी अच्छी कविता के साथ आपकी वापसी भी अच्छी है. शुभकामना .
bahut sundar v manmohak rachna prastut ki hai Priyanka ji .badhai .
हाँ ख़ूबसूरत है...
जिन्दगी सचमुच खूबसूरत है.
such me jindgi bhut khubsurat hai...
aap sabhi ka bahut bahut dhanybad...aabhar
प्रकृति नटी झली खोले खड़ी है हम लेने को तैयार नहीं .सच मुच का सौन्दर्य उडेला आपकी पंक्तियों ने चहूँ ओर.
हाँ ख़ूबसूरत है...
सकारात्मक विचार हर चीज़ को खुबसूरत बना देता है दोस्त बहुत सुन्दर रचना |
एक टिप्पणी भेजें