बुधवार, 13 जुलाई 2011

दोनों की मजबूरी थी

घर में मौत हो गयी
दिलों में गमी छा गयी
पड़ोस में शादी की
शहनाई बज रही
इधर रोना धोना हो रहा 
उधर नाच गाना हो रहा
दोनों की मजबूरी थी
उनके लिए रोना ज़रूरी
इनके लिए गाना ज़रूरी
जिसकी शादी थी
वो खुशी से पागल थी
जिसकी मौत हुयी
वो खामोश लेटी थी
दोनों की मजबूरी थी
इधर तीसरे की बैठक
हो रही
उधर डोली सज़ रही
इधर बैठक उठी
उधर डोली उठी
दोनों तरफ आँखें
नम थी
दोनों की मजबूरी थी
13-07-2011
1176-59-07-11

0 टिप्पणियाँ:

Add to Google Reader or Homepage

 
Design by Free WordPress Themes | Bloggerized by Lasantha - Premium Blogger Themes | cna certification