6 महीने के बच्चे को भी गोलिओं का शिकार बना डाला |
फ़ोर्ब्सगंज में 90 लाख की ज़मीन के लिए बिहार सरकार ने 4 करोड़ की चहारदीवारी लगवा दी वो भी मुफ़्त में ! और तो और बिहार पुलिस ने हद तो तब कर दी जब इसी ज़मीन की ख़रीद-फ़रोख्त के विरोध करने पर एक मासूम और गर्भवती महिला समेत 4 लोगों गोलिओं से सरेआम भून भी डाला और ये सब होता रहा हमारे बिहार के सुशासन बाबू कहलाने वाले मुख्यमंत्री नितीश कुमार जी की नाक के नीचे. सबसे अफ़सोसनाक तो यह रहा कि इस मसअले पर न तो मानवाधिकार आयोग ने कोई तत्परता दिखाई और न ही महिला संगठनों ने कोई हलचल.... क्यूँ? आगे बताता हूँ कि क्यूँ?
भारत में तो कोई कुछ न बोला मगर सात समंदर पार अमेरिका के एक इंडियन मुस्लिम संगठन ने इस बात की सुध ली और यह जागरण किया कि मुख्यमंत्री नितीश कुमार जी के फ़ोन नम्बर पर कॉल करके इस मुद्दे के बाबत कोई फ़ैसला लेने पर मजबूर किया जाए.
बताते चलें कि पूरे देश ने IBN7 न्यूज़ चैनल के ज़रिये ये जाना कि किस तरह से ज़मीन को गैर कानूनी तरीके से कानून के नुमाइंदों ने हथिया लिया और विरोध करने पर जवाब में गोलिओं से भून डाला. अब सुशासन का डंका पीटने वाले नीतीश कुमार की सरकार से और क्या अपेक्षा की जा सकती है. बीजेपी MLC सौरभ अग्रवाल ने अरारिया ज़िले के फ़ोर्ब्सगंज इलाके के भजनपुर गाँव में 33 एकड़ ज़मीन को 90 साल के लिए मात्र 90 लाख में ले लिया. यही नहीं हमारे सुशासन बाबू की सरकार ने सरकारी खर्चे से इसके चारो ओर 4 करोड़ की लागत लगा कर चहारदीवारी खिंचवा दी और सौरभ अग्रवाल को यूँ ही दे दी, उनसे एक भी पैसा नहीं लिया. ये ज़मीन बिहार इंडस्ट्रियल एरिया डेवेलपमेंट अथोरिटी (BIADA) जो कि बिहार सरकार की एक बॉडी है ने दिया.
यही वह ज़मीन है जिसने भजनपुर गाँव की रोड को हड़प लिया जिसके विरोध में भजनपुर गाँव के वासियों ने 3 जून 2011 को आवाज़ उठाई तो उन्हें इस दुनिया से ही उठा दिया गया. 4 लोग मारे गए-- चारों के चार मुसलमान - उनमें एक मासूम बच्चा और एक गर्भवती महिला !!! प्रदेश के मुख्यमंत्री नितीश कुमार न तो मरने वालों को एक भी पैसा देने का ऐलान किया और न ही उस गाँव ही गए. हाँ मुख्यमंत्री होने के नाते उन्होंने न्यायिक जांच का आदेश तत्परता से दिया.
कहते है कि कुर्बानी कभी व्यर्थ नहीं जाती और यही हुआ भी अब नितीश सरकार अपनी जदयू-भाजपा सरकार के मंत्रियों के क़रीबी रिश्तेदारों को ज़मीन औने-पौने दाम में देने के मामले में बुरी तरह से फंसती दिखाई दे रही है. फ़ोर्ब्सगंज की उक्त ज़मीन भी नितीश कुमार के क़रीबी रिश्तेदार को दिए जाने के कारण भी विवाद में आयी, नितीश कुमार ने निजी रूप से विरोध के विरोध गोलियां चलवा दीं.
इस भूमि घोटाले के खुलासे के बाद सरकार की चुप्पी और निष्क्रियता इस बात की चुगली कर रही है बिहार सरकार सिर्फ घोटालेबाज़ ही नहीं बल्कि मुस्लिम विरोधी भी है क्यूंकि चार निर्दोष मुसलामानों के खून से नहाने के बावजूद नितीश कुमार एक भी इन्च ज़मीन वापस करने के मूड में नहीं दिखाई दे रही है.
मैं AIBA के माध्यम से आप सभी से अनुरोध करता हूँ कि बेहद सभ्य व शालीन और नायाब तरीके से बिहार पुलिस के इस अमानवीय कृत्य की निंदा करें और बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार के निम्न नम्बर पर सधे व सही शब्दों में अपना विरोध दर्ज कराएं. आपके विरोध में निम्न तथ्य होने चाहिए:::
- 3 जून 2011 को फ़ोर्ब्सगंज के नरसंहार में शामिल पुलिसवालों का तत्काल बर्ख़ास्त किया जाए.
- तत्काल प्रभाव से मारे गए लोगों के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करना.
- CBI जांच की मांग करना.
कोई भी फ़ोन उठाये आप अपनी बात रखें, हो सके तो अपना नाम पता व नम्बर भी दें ताकि शिकायत वास्तविक व वाजिब नज़रिए की लगे. भावावेश में कदापि न आये.
मुख्यमंत्री नितीश कुमार का नम्बर है-
- +91-612-2201000
- +91-612-2222079
सम्बंधित खबरें:::
TwoCircles.net:
Forbesganj Firing: Police killed women, infant at pointblank range
Rediff:
Forbesganj firing: A tale of police brutality
IBN Live:
Sharad Yadav says judicial probe in Forbesganj firing “discourages private investment”
http://ibnlive.in.com/generalnewsfeed/news/sharad-disapproves-judicial-probe-in-forbesganj-police-firing/731444.html
Ummid.com:
Indian Muslim leaders' apathy towards Forbesganj killing painful.
http://www.ummid.com/news/2011/June/18.06.2011/indian_muslims_n_forbesganj_killing.htm
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सलीम ख़ान
संस्थापक
ऑल इंडिया ब्लॉगर्स एसोशियेशन
1 टिप्पणियाँ:
बिल्कुल ठीक कह रहे हो भाईजान।
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