रविवार, 19 जून 2011

मेरे पिता -मेरे जीवनदाता


मेरे  पिता -मेरे जीवनदाता 
सूरज की चमक भी उनसे कम है;
फूलों की महक भी उनसे कम है ;
वो रख दें सिर पे हाथ जो आशीषों वाला ;
जन्नत की ख़ुशी भी उससे  कम है ;
वो मेरे पिता हैं -मेरे जीवन दाता .
सूरज की ......

उनकी नजरों से देखा जग सारा ;
हर पल देते हैं हमको वो सहारा ;
अनुशासन में हैं पक्के,हर बात में दम है .
सूरज की ......

दुनिया  के सातों रंग दिखाते ;
दुनियादारी के ढंग सिखाते ,
जब साथ मिला है उनका तो क्या कोई ग़म है !
सूरज की .....
                                शिखा कौशिक 

3 टिप्पणियाँ:

Shalini kaushik ने कहा…

father's day par aapki ye sundar bhavnatmak prastuti sangrahniy hai.aapko bahut bahut badhai.

shyam gupta ने कहा…

वाह ! क्या बात है....सुन्दर भावपूर्ण कविता....

Anita ने कहा…

आपके पूरे परिवार को पितृ दिवस पर शुभकामनाएँ ! सुंदर पोस्ट!

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