मेरे पिता -मेरे जीवनदाता
सूरज की चमक भी उनसे कम है;
फूलों की महक भी उनसे कम है ;
वो रख दें सिर पे हाथ जो आशीषों वाला ;
जन्नत की ख़ुशी भी उससे कम है ;
वो मेरे पिता हैं -मेरे जीवन दाता .
सूरज की ......
उनकी नजरों से देखा जग सारा ;
हर पल देते हैं हमको वो सहारा ;
अनुशासन में हैं पक्के,हर बात में दम है .
सूरज की ......
दुनिया के सातों रंग दिखाते ;
दुनियादारी के ढंग सिखाते ,
जब साथ मिला है उनका तो क्या कोई ग़म है !
सूरज की .....
शिखा कौशिक
3 टिप्पणियाँ:
father's day par aapki ye sundar bhavnatmak prastuti sangrahniy hai.aapko bahut bahut badhai.
वाह ! क्या बात है....सुन्दर भावपूर्ण कविता....
आपके पूरे परिवार को पितृ दिवस पर शुभकामनाएँ ! सुंदर पोस्ट!
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