प्रेम -- किसी एक तुला द्वारा नहीं तौला जा सकता , किसी एक नियम द्वारा नियमित नहीं किया जासकता ; वह एक विहंगम भाव है | प्रस्तुत है ..षष्ठ -सुमनान्जलि....रस श्रृंगार... इस सुमनांजलि में प्रेम के श्रृंगारिक भाव का वर्णन किया जायगा ...जो तीन खण्डों में ......(क)..संयोग श्रृंगार....(ख)..ऋतु-श्रृंगार तथा (ग)..वियोग श्रृंगार ....में दर्शाया गया है...
प्रथम भाग (क)- संयोग श्रृंगार में --पाती, क्या कह दिया , मान सको तो, मैं चाँद तुझे कैसे....., प्रिय तुमने किया श्रृंगार , पायल, प्रियतम जब इस द्वारे आये, सखि ! कैसे व मांग सिंदूरी ...आदि ९ रचनाएँ प्रस्तुत की जायगीं | प्रस्तुत है द्वितीय रचना...क्या कह दिया...
तुमने आकर के हाथों से क्या छू दिया ,
मेरा आँचल निखर कंचनी होगया |
जाने नयनों ने नयनों से क्या क्या कहा ,
रूप पुलकित धवल चांदनी होगया |
तुमने आकर के हाथों से क्या छूदिया ,
मेरा आंचल निखर कंचनी हो गया ||
तेरी बातों में जाने कहाँ खोये हम,
भूल कर दीन-दुनिया तुम्हारे हुए |
तुमको ख्यालों में पाकर के बेसुध हुए ,
राज सारे ही दिल के बयाँ होगये ||
मृदु स्वरों से न जाने क्या तुमने कहा,
तन खनकती हुई करधनी होगया ||
आँगन आँगन फिरूं मन में होके मगन,
अब सुहाने लगे सब नदी बाग़ वन |
मन की मैना व कोकिल लगीं कूकने ,
एक होने लगे जैसे धरती - गगन ||
नर्म होठों से तुमने ये क्या छू दिया,
मेरा तन मन महक चंदनी होगया ||
मन का हिरना फिरे है इधर से उधर,
मस्त वीणा की झंकार मन में उठी |
मन में मलयज की शीतल लहर बह चली ,
पग की पायल झनन झन झनाने लगी |
तुमने साँसों में बस कर ये क्या कर दिया ,
तन बदन खिल कमल-पांखुरी होगया ||
मन में मनसिज कुसुम-शर से चलने लगे,
रंग बासन्ती आँखों में छाने लगा |
सारे तन में यूं कलियाँ चिटखने लगीं ,
मन तेरे सुर में ही सुर मिलाने लगा |
कितने रंगों से आँचल मेरा भर दिया,
मन तेरे प्यार की बांसुरी होगया ||
जाने नयनों ने नयनों से क्या क्या कहा,
रूप पुलकित धवल चांदनी होगया ||
4 टिप्पणियाँ:
tarif ke liye shabd nahi hai.....atyant sumadhur geetkavya
जाने नयनों ने नयनों से क्या कह दिया ,
रूप पुलकित धवल चांदनी हो गया .बेहतरीन श्रृंगार-इक रचना -ये नयनों का मांजरा ही ऐसा है -
तनिक कंकरी परत नैन होत बे -चैन ,
उन नैनं की क्या दशा जिन नैनं में नैन ।
वाह वाह .....वीरू भाई ..क्या बात है....
भरे भौन में करत हैं नैनन ही सौं बात ...
धन्यवाद अनाजी ...तारीफ़ उस खुदा की....
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