शुक्रवार, 24 जून 2011

बारिश आयी


बारिश आयी
खेत में बोये बीज जिसने
उसके चेहरे पर खुशी लायी
सर पर छप्पर नहीं
उसके चेहरे पर दुःख लायी
एक अच्छी फसल की
उम्मीद में खुश हुआ
दूजा जान माल जाने के
डर से परेशान हुआ
एक हंस रहा,एक रो रहा
निरंतर कोई खुश ना रहता
ना ही कोई रोता सदा
सुख,दुःख हिस्से जीवन के
हर हाल में जीना होता
 
विधि का विधान
ऐसा ही होता
 
24-06-2011 
1093-120-06-11

2 टिप्पणियाँ:

विभूति" ने कहा…

barish aayi nayi umeede nayi khwasihe laayi... bhut hi sunder rachna...

rubi sinha ने कहा…

sundar rachna....

Add to Google Reader or Homepage

 
Design by Free WordPress Themes | Bloggerized by Lasantha - Premium Blogger Themes | cna certification