सोमवार, 20 जून 2011

हर जिंदगी का मोड़ ..!!

हर मोड़ जिंदगी का लगे , है इक सीधा रास्ता ,
जिसके हर मोड़ से लगे ,है सीधा वास्ता ,

उन लम्हों को सजा रखा है, दिल के फूलदानों में ,
हसरतों ने महफूज़ किया ,जिन्हें वक्त के तूफानों में ,

नजर भर कर देखें तो कहते ,क्या हुआ प्यार है ,
ना देखा जब उस नजर से ,तो हुआ जीना दुश्वार है ,

इस कदर हो बंदिशें जमाने की, जिन्दगी जीने पर ,
तो जमाना क्यों हलकान होता है, हमारे पीने पर ,

मिले सबको किसी की चाहत ,ये नही कोई जरूरी है ,
दुनिया में कितनो की अब तक, हसरत रही अधूरी है ,

'कमलेश' कभी वक्त की कश्ती रुकी नही किनारे पर ,
किनारा खुद मिले कश्ती को, वक्त के इशारे पर

2 टिप्पणियाँ:

ana ने कहा…

bahut hi sundar likha hai apne.....bhashapravah ati sundar

विभूति" ने कहा…

bhut hi sunder bhaav abhivakti ki apne...

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