सोमवार, 25 अप्रैल 2011

जान बचाने के लिए,किसी भ्रष्ट नेता का खून चढाओ


एक घोटालेबाज़,
भ्रष्ट नेता ने कई दिनों से
कोई घोटाला नहीं किया
इस दुःख में संताप ग्रस्त हो कर 
सख्त  बीमार हुआ
मरणासन्न अवस्था में पहुँच गया
डाक्टरों ने कहा खून चढ़ाना पढेगा
माँ,बाप बच्चों के खून  का
मिलान  किया गया
किसी का खून नहीं मिला
सब को बहुत आश्चर्य हुआ
क्या करें समझ नहीं आ रहा था
एक बुजुर्ग अनुभवी डाक्टर को
बुलाया गया
आते ही उसने
समस्या का निदान किया
किसी भ्रष्ट और घाघ नेता का 
खून मिलाओ अवश्य मिलेगा
निरंतर
कई दिन बिना घोटाला करे
रहने से बीमार पडा है
वैसे तो इसे संसार से
विदा होना चाहिए
फिर भी दिल नहीं माने तो 
जान बचाने के लिए
किसी भ्रष्ट नेता का
खून चढाओ
बच जाएगा
24-04-2011
748-168-04-11

4 टिप्पणियाँ:

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " ने कहा…

सार्थक और सामयिक- सटीक व्यंग्य कविता ...

Vaanbhatt ने कहा…

asali brasht neta bina paise ke kisi aur ke kaam aajaye ye mumkin nahin...khoon dena to door ki baat hai...

Nirantar ने कहा…

पैसे की बात इसमें नहीं है.अनुभवी डाक्टर ने केवल सलाह दी मूल बात नेताओं की फितरत की है.खून तक भ्रष्ट हो गया है

Vaanbhatt ने कहा…

sahmat hoon...pure samundar mein bhang mili hai...khoon kaise saaf rah sakata hai...

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