गुरुवार, 21 अप्रैल 2011

आमंत्रण

प्रेम वह शक्ति है जो बडे से बडे पत्थरोँ को भी झकझोड देती है।
एक बार आएँ http://premkibhasha.blogspot.com पर।

2 टिप्पणियाँ:

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

शुक्रिया।

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भगवान के अवतारों से बचिए...
जीवन के निचोड़ से बनते हैं फ़लसफे़।

हरीश सिंह ने कहा…

कुणाल जी, इस ब्लॉग के कुछ नियम बनाये गए हैं और वे सभी पर लागू होते हैं. हम पर भी, ध्यान रखे आपकी यह पोस्ट आपके ब्लॉग का प्रचार करती है. आप जो लेख लिखे उसके लिंक दे पर पूरी पोस्ट लगायें. यह आपको टिप्पणी बॉक्स में लिखना चाहिए था. पहले आपने अंग्रेजी में पोस्ट लगायी, फिर अधोरी पोस्ट लगायी, अब ब्लॉग का प्रचार कर रहे हैं, यदि यही काम सब करने लगे तो ब्लॉग की उपयोगिता नहीं रह जाएगी. यह अंतिम चेतावनी है.

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