इल्तजा
खुदा से करता
मुझे ना बदलना
बदलनी है तो
मेरी फितरत बदल
नफरत को प्यार में
बदल
अन्दर पल रही
निराशा को बदल
मेरे ख्यालों को बदल
उन्हें
उम्मीदों से भर
मेरे चेहरे का नक्शा
बदल
उसे हंसी और
मुस्कराहट से भर
निरंतर सब को खुश
रख सकूं
जहन को
ऐसे जज्बे से भर
23-04-2011
740-162-04-11
5 टिप्पणियाँ:
बहुत ही सुन्दर ...आशावादी सोच की कृति
आशावादी सोच की कृति
सुन्दर
tela ji, dusaron ko khush dekhane ka khayal hi aapki fitrat ko darshata hai...is fitrat ko badalne na dijiye...auron mein bhi aisi fitrat paida ho dua kijiye...
बदलनी है तो
मेरी फितरत बदल
नफरत को प्यार में
बदल
अन्दर पल रही
निराशा को बदल
मेरे ख्यालों को बदल
उन्हें
उम्मीदों से भर
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति।
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