ब्लॉगरोँ की दुनिया World of best writers and poets: ना धन से, ना बल से, ना नाम से, ना पद से ,खुशी किसी...: "422—92-03-11 धन अगर राज़ खुशी का होता हर धनवान खुश होतानिरंतर सड़क पर नाचतागरीब का पेट भरत..."
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ब्लॉगरोँ की दुनिया World of best writers and poets: ना धन से, ना बल से, ना नाम से, ना पद से ,खुशी किसी...: "422—92-03-11 धन अगर राज़ खुशी का होता हर धनवान खुश होतानिरंतर सड़क पर नाचतागरीब का पेट भरत..."
2 टिप्पणियाँ:
कुणाल जी, आप हर पोस्ट पर टिप्पणी कर लेखको का उत्साहवर्धन करते हैं. आपकी यह आदत हमें बहुत प्यारी लगती है. बस यही सुधार कर लीजिये की पूरी पोस्ट लगायें. यह मेरा निवेदन है. उम्मीद है आप मेरी भावनाओ का ख्याल रखेंगे.
हरीश जी के कमेन्ट को ही मेरा मान लें। धन्यवाद।
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