बुद्धवार को चंडीगढ़ में भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाले सेमीफाइनल के अहम मुकाबले में बेशक कोई टीम जीते लेकिन भारत ने क्रिकेट के बहाने कुटनीतिज्ञ वार्ता का मैच अवश्य जीत लिया है। इस जीत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है पाकिस्तानी जेल में बंद 1984 से भारतीय नागरिक गोपालदास की बाकी की सजा मॉफ कर पाकिस्तान ने भारत के हवाले कर दिया है।
एक ओर जहां दोनों देश के खेल प्रशंसक क्रिकेट के रंग में डूबे हुए हैं और अपनी-अपनी टीम के लिए जीत की दुआ मांग रहें हैं। वहीं दूसरी तरफ दोनो देशों के गृह सचिवों की सोमवार और मंगलवार को बैठक हुई। जिसमें कई बकाया मुद्दों पर खुले दिमाग से बात हुई। गौरतलब है 30 मार्च को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री युसुफ रजा गिलानी मोहाली का महामुलाबला देखने भारत आ रहें हैं जो अपने भारतीय समकक्ष मनमोहन सिंह के साथ मैच का लुफ्त उठायेगें। अंग्रेजी दैनिक “द नैशन” में छपी रिपोर्ट के अनुसार, मैच के बाद दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच अनौपचारिक बैठक होने की उम्मीद है जो कि कई अहम मुद्दों पर बातचीत हो सकती है।
यह कोई पहला मौका नही है जब पाकिस्तान के कोई नेता मैच देखने आ रहें हैं इसके पहले भी 1987 में तत्कालीन पाकिस्तानी राष्ट्रपति जिया उल हक जयपुर में और 2005 में परवेज मुशर्रफ भी फिरोजशाह कोटला में मैच देखने आ चुके हैं। वार्ता की पिच पर सदैव ही बातचीत की बैटिंग फ्लॉप ही रही है जिसका कोई सार्थक परिणाम देखने को नही मिला है। यह कोई नई बात नही है जब क्रिकेट के बहाने दोनों देशों की बातचीत पुनः शुरु होने की कोशिश हुई है।
परिणाम की बात की जाय तो पाकिस्तान सदैव भारत पर ही आरोप मढ़ा है कि उसके हठपूर्ण रवैया ने ही बातचीत का महौल खराब किया है। इसलिए हमें ज्यादा खुशी होने की जरुरत नही है। गिलानी को बातचीत के मैदान बुलाकर भारत को भले ही लगे कि कोई कुटनीतिज्ञ सफलता हासिल की है। लेकिन दोनों देशों के रिस्ते जब भी मधुर होने को हुए हैं तब पाकिस्तान ने विश्वास घात किया है और विश्व मंच को बरगलाने के लिए कश्मीर राग अलापा है इतिहास इसका गवाह है।
मुनाफाखोरियों ने की खेल प्रेमियों जेब हल्की
एक बार फिर मुनाफाखोरी की कलई खुल गयी। एक न्यूज टीबी चैनल के अनुसार, मोहाली में मैच फीस की बड़ी तेजी से दाम बढ़ाएं गये हैं निश्चित रुप से खेल प्रेमियों को निराशा हुई है। मैच टिकटों की बुकिंग के साथ होटल और एअर लाइंस के टिकटों में भी कई गुना बढ़ोतरी की गयी है। इस रोमांचक मैच का आनन्द कई वी.आई.पी लोगों के अलावा आम खेल प्रेमी भी देखेगें। इसी का फायदा उठाकर मुफाखोर अपनी जेब भारी करने में जुटे हुए हैं लेकिन प्रशासन इन काली कमाई करने वालों के खिलाफ अभी तक कोई ठोस उठाता नही दिख रहा है।
3 टिप्पणियाँ:
मंगल जी बहुत अच्छा लिखा है।
बेहतरीन आलेख।
thanks
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