शुक्रवार, 11 मार्च 2011

क्यों लेखन को ब्लॉग कहते,ब्लॉग शब्द को निरंतर ढोते


405—75-03-11


क्यों
लेखन को ब्लॉग
कहते
ब्लॉग शब्द को
 निरंतर ढोते
अंग्रेज़ी शब्दों को
हिंदी लेखन में
प्रोत्साहन देते
क्यों ना चर्चा
इस पर करते
क्यों ना
नया नाम ढूंढते
ब्लॉग को
कुछ और कहते
आओ मिलकर ये
कार्य करें
हिन्दी का उत्थान
करें 
11—03-2011
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर",अजमेर

5 टिप्पणियाँ:

Asha Lata Saxena ने कहा…

हिन्दी के उत्थान के लिए अच्छा सन्देश |
आशा

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

अच्छा विचार है ...कोई शब्द ढूँढा क्या ?

हरीश सिंह ने कहा…

हम अंग्रेजी बोलने से अंग्रेज नहीं हो जाते और न ही दूसरी भासा के बोलने से कुछ और हो जाते है, विश्व में तमाम तरह की भाषाएँ बोली जाती हैं. और उस भाषा को विभिन्न जातियों,समुदायों और धर्मो द्वारा बोला जाता है. अंग्रेजी के बहुत से ऐसे शब्द है. जो हमारे यहाँ बिना पढ़े लिखे लोग भी बोलते है. नाम ब्लॉग हो चाहे कुछ और काम तो हिंदी का ही हो रहा है. खैर आपकी कविता के लिए बधाई...

kirti hegde ने कहा…

अब बोर हो गयी पढ़ते-पढ़ते... जा रही हूँ सोने... वो अंग्रेजी में क्या कहते है GOOD NIGHT

गंगाधर ने कहा…

harish ji se sahmat.

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