बुधवार, 16 मार्च 2011

मनमोहन सोनिया और महंगाई पर इस्तीफ़ा




                                                       cartoonature.blogspot.com  से साभार                   

भेष बदल कर नगर भ्रमण करते मनमोहन सिंग को एक घर से मालकिन और नौकरानी का संवाद सुनाई पड़ा । मालकिन अच्छा काम न कर पाने के लिये नौकरानी को डांट रही थी तभी नौकरानी भड़क कर बोली ए बाई मै मनमोहन सिंग नही हुं जो गालियां खाने के बाद भी नौकरी न छोड़ूं पकड़ो अपनी झाड़ू मै चली । इतना सुनते ही सन्न मनमोहन घर की ओर लौट चले ।

 मनमोहन ने  सहायक को इस्तीफ़ा तैयार करने को कहा इस पर पत्नी बोली क्या जी हर रोज नया इस्तीफ़ा लिखवाते हो इस पर सहायक ने धीरे से कहा हर रोज इस्तीफ़े का विषय अलग होता है मांजी कभी म्रष्टाचार कामनवेल्थ खेल , 2 जी घोटाला ,किसानो की आत्महत्या ,महंगाई, नक्सलवाद,  अब प्रधानमंत्री का इस्तीफ़ा भी अप टु डेट होना चाहिये कि नही  और फ़िर जिस दिन साहब की जेब मे अहमद पटेल को इस्तीफ़ा नजर नही आया उस दिन तो काम तमाम ही समझो  । सहायक के जाते ही पत्नी ने मनमोहन को दही शक्कर खिलाकर विदा करते वक्त पूछा क्या बात है आज आप बड़े दुखी नजर आ रहे हो मनमोहन बोले कुछ नही सामान पैक कर लेना वापस चलेंगे हम तुम  । हतप्रभ पत्नि ने पूछा कहा तो मनमोहन बोले वर्ल्ड बैंक की नौकरी मे वाशिंगटन और कहां । पत्नी अचकचाई और बोली अभी भी तो आप उन्ही का काम कर रहें हैं सुनिये एक काम का दो जगह से तनख्वाह आपको कही और नही मिलेगी इस्तीफ़ा मत दीजीये । मनमोहन बिना कुछ बोले 10 जनपथ रवाना हो गये ।

10 जनपथ पहुंचते ही  उन्होने सीधे  सोनिया को इस्तीफ़ा पकड़ाया और बोले मै पद छोड़ रहा हूं अचंभित सोनिया ने कहा अरे ये  बात तो आप रोज अहमद पटेल से करते हो फ़िर मेरा समय खराब क्यों कर रहे हो । नही मम्मी जी अब मै इस पद पर रहना नही चाहता मेरा इरादा अटल है । सोनिया बैठने का इशारा किया और बोली आपके लिये तिहाड़ मे राजा के बाजू मे अच्छी कोठरी तैयार करवा देती हूं ।  मनमोहन के चेहरे मे हवाईयां उड़ने लगी बोले इतने सालो की सेवा का ये फ़ल मम्मी जी । बकवास मत करो मनमोहन जी इस धंधे मे जो आता है वो बाहर नही जा सकता ये बात आप अच्छी तरह जानते थे । सरकार और पार्टी पर लग रहे ये तमाम आरोप आप की लापरवाही का नतीजा हैं । आप ने सब बिगाड़ा है आप ही ठीक करो ।

इस पर मनमोहन बोले मम्मी जी म्रष्टाचार तो मेरा किया नही है आपके मंत्री कर रहे हैं इस पर सोनिया भड़क कर बोली रास्ता तो तुम्हारे अधिकारी ही दिखा रहे हैं क्यो नही बेईमान मंत्रियो के पास इमानदार अफ़सर लगाते आपसे तो बोलना ही बेकार है सी वी सी भी दागी को नियुक्त कर दिया । मनमोहन बोले मम्मी जी ये सब पीगू इफ़ेक्ट का नतीजा है जिसमे एक को देखकर दूसरा बिगड़ जाता है अब कोई अधिकारी इमानदार हो तो लगाउं  । और गरीबी चारो तरफ़ हाहाकार मचा हुआ है उसका क्या । मम्मी जी वो विसश सर्कल आफ़ पावर्टी के कारण है उसमे गरीब आदमी खाना कम मिलने के कारण कमजोर होता जाता है और उसकी कमाई उत्तरोत्तर कम होती - सोनिया ने कहा  बस बस ये सब मुझे मत बताओ क्या मुझे अर्थशास्त्र के ओलंपिक मे जाना है । ये बताओ किसान आत्महत्या क्यों कर रहे हैं ।

मम्मी जी वो क्या है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण मौसम कई बार धोखा  दे देता है और आजकल जो हमने हाइब्रीड बीज दिये हैं न वो भी कभी कभी फ़ेल हो जाते हैं और सरकारी खाद तो सरकारी ठेकेदार ही सप्लाई करते हैं न । इसलिये आजकल खेती एक जुआं बन गयी है अब जुयें मे तो कोई रोज रोज जीत नही सकता न मम्मी जी क्या करे किसान कभी कभी हार भी जाता है बेचारा  । सोनिया बोली चलो इसको भी छोड़ो ये बताओ महंगाई कैसे कम होगी ।

मनमोहन बोले  वो योजनाओं के पैसे आम आदमी तक पहुच नही पा रहे रास्ते मे नेता अधिकारी और ठेकेदार मिल कर गायब कर देते हैं  और इससे उन लोगो के पास अकूत दौलत इकठ्ठा हो जाती है और वे अनाप शनाप भाव मे चीजें लेने लगते हैं जिससे महंगाई आ जाती है । हां नरेगा और सस्ते चावल से आम आदमी का पेट भर तो रहा है  पर ये आम आदमी बोलेगा कि सब्जी दूध शिक्षा इलाज ये सब मिले तो फ़िर वो आम आदमी रह कहां जायेगा मम्मी जी  और ये लोग शराब भी बहुत पीते हैं । सोनिया बोली उसमे कौन सी बड़ी बात है आदमी तो सदियो से शराब पीता आया है । मनमोहन बोले अब फ़र्क ये आया है मम्मीजी कि पहले इन लोग जंगलो से महुआ आदि बीन कर मुफ़्त मे शराब बना लेते थे उससे सरकार को राजस्व का नुकसान होता था । अब हमने वो सब पेड़ कटवा दिये हैं और इनको ठेके से देशी शराब लेनी पड़ रही है उससे इनका पैसा तो बरबाद होता ही है और बीमारी भी आती है ।

 एक रास्ता है महंगाई कम करने का आप कहें तो जो हजारो करोड़ॊ रूपये हमने मंदी से बचने के लिये छपवाये थे उनको मार्केट से हटा लें सोनिया चौंक कर बोली उससे क्या फ़ायदा होगा । उससे ये होगा मम्मी जी कि मार्केट मे मुद्रा की कमी हो जायेगी जिससे मांग घट जायेगी और सब चीजे सस्ती हो जायेगी । तभी पीछे से प्रणब दा आकर बोले ये  आपको झूठ बात बताता है मैडम मोशाय पैसा वापस लेने से तो अमीर के ज्यादा पैसा थोड़ा कमती हो जायेगा पर गरीब आदमी का भूखा मरने का नौबत आ जायेगा । सोनिया झल्ला कर बोली तो करें क्या प्रनब दा बोले करने कुछ नही सकता है मैडम इसको बोलो अपने बास लोग से बोल के इंडिया मे खूब पैसा लगवायेगा तभी हम अपना ज्यादा पैसा वापस करने सकता है और नई तो  इसको और अपना पार्टी का दुई चार मंत्री लोगो को तिहार मे भर्ती करने से ही इज्जत बचेगा नही तो मिस्र का माफ़िक यहां भी जनता का जलजला हो जायेगा । सोनिया ने कहा मेरे तो सर मे दर्द होने लगा कल बात करेंगे इस बारे मे । मनमोहन जी ने फ़ौरन मम्मी जी के पैर छुये  इस्तीफ़ा उठाया और प्रनब दादा को कोसते हुये घर निकल गये ।

1 टिप्पणियाँ:

हरीश सिंह ने कहा…

बहुत अच्छे भैया, बढ़िया लिखा.

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