बैठा था मैं, चाय की दुकान पर, इलाका था धौला कुआं
मिला एक देश का भविष्य, उड़ाते हुए सिगरेट का धुंआ
पूछा उससे मैंने, अरे बच्चे उम्र है कितनी तेरी
इतराते हुए बोला, उम्र है तेरह बरस की मेरी
मैंने कहा, सिगरेट पी रहा है, क्या शर्म तुझे आती नही
बोला, सिगरेट ही पी रहा हूँ, कोई डाका डाला नहीं कहीं
ये तू सिगरेट पी रहा है, ये क्या किसी डाके से कम है
तेरह बरस का है तू मासूम, तुझे किस बात का गम है
बोला, ओ ओ अंकल, चाय पीओ, ज्यादा टेंशन मत लो
ये गाँधी के उपदेश अपने पास ही रखो, मुझे मत दो
आजाद देश का नागरिक हूँ, मुझे कोई रोक सकता नहीं
पीता हूँ अपने पैसों की, किसी के बाप से मैं डरता नहीं
सही है तो कह रहा है वो, कि वो आजाद है
तो किस बात पर मेरा और उसका विवाद है
शर्म तो आनी चाहिए उस बोर्ड पर, जिस पर लिखा है
18 से कम आयु के बच्चे को तम्बाकू बेचना अपराध है!!!
मिला एक देश का भविष्य, उड़ाते हुए सिगरेट का धुंआ
पूछा उससे मैंने, अरे बच्चे उम्र है कितनी तेरी
इतराते हुए बोला, उम्र है तेरह बरस की मेरी
मैंने कहा, सिगरेट पी रहा है, क्या शर्म तुझे आती नही
बोला, सिगरेट ही पी रहा हूँ, कोई डाका डाला नहीं कहीं
ये तू सिगरेट पी रहा है, ये क्या किसी डाके से कम है
तेरह बरस का है तू मासूम, तुझे किस बात का गम है
बोला, ओ ओ अंकल, चाय पीओ, ज्यादा टेंशन मत लो
ये गाँधी के उपदेश अपने पास ही रखो, मुझे मत दो
आजाद देश का नागरिक हूँ, मुझे कोई रोक सकता नहीं
पीता हूँ अपने पैसों की, किसी के बाप से मैं डरता नहीं
सही है तो कह रहा है वो, कि वो आजाद है
तो किस बात पर मेरा और उसका विवाद है
शर्म तो आनी चाहिए उस बोर्ड पर, जिस पर लिखा है
18 से कम आयु के बच्चे को तम्बाकू बेचना अपराध है!!!
9 टिप्पणियाँ:
बहुत सही व्याख्या...दोष तो बेचने, बेचने देने वालों व बनाने की स्वीक्रिति देने वालों का है....सब धन्धेखोरों की बात है...
वास्तविक रूप में दोषी यह बच्चे नहीं हमारी व्यवस्था है.
आज पेट भरने के लिए फुटपाथों पर, ट्रेनों में छोटे छोटे बच्चे गुटखा पान बीडी सिगरेट बेच रहे है क्या यह सब उन्हें दिखाई नहीं देता जो सर्व शिक्षा अभियान के पैसे अपनी जेबों में भर लेते है. यह कौन सी नै बात है हर जगह हो रहा है पर दोषी तो हम आप भी है. फ़िलहाल मार्मिक प्रस्तुति के लिए आभार.
जय कलमाडी और राजा की
Gambhir vishay..
Shayad itli men aaisa hi hota hai..isliye humare gulam desh men bhi....
dr shya gupta ji,
bhut bhut dhanywad...
aapne shayad sahi kaha , sab dhandhe khoro ki hi baat hai.
kirti ji,
dhanywad...
system hi sabse bada doshi hai..
shri gangadhar ji...
apka bhut bhut aabhar,
dishi to system ke sath-sath hum or tum bhi hai...
darshan ji, aasutosh ji,
aapka bhut bhut aabhar..
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