बुधवार, 9 मार्च 2011

मेरा पन्ना: अश्लीलता का बाज़ार

मेरा पन्ना: अश्लीलता का बाज़ार: "आज के इस कलयुग मेँ मनुष्य मेँ प्रतिदिन नये-नये विकाश हो रहे हैँ।बच्चे 2 साल के हुए और मोबाईल से उनका नाता जुड गया।नये-नये तकनीक रोज़ नयी-नयी ..."

2 टिप्पणियाँ:

surendrashuklabhramar ने कहा…

सम्माननीय हरीश जी एवं मिथलेश जी यूं तो आप लोगों से यदा कदा जागरण जंक्शन पर मुलाकात होती रही, आज जब हरीश जी मेरे ब्लॉग पर पधारे - सबको साथ में ले चलने की आप की सराहनीय कोशिश देख मै भी आप के मंच पर आ गया हूँ शायद जुड़ जाऊं -आप के लेख संग्रह बहुत ही सुन्दर लगे और मन की भंडास निकलने का सुंदर मंच -आप सब से समर्थन व् सुझाव की आस लिए -शुक्लाभ्रमर५

हरीश सिंह ने कहा…

सबसे पहले सुरेन्द्र जी को शुभकामना ,
---- कुणाल जी आपके ब्लॉग पर जाकर लेख पढ़ा अच्छा लगा. कृपा करके आप इस ब्लॉग के नियम भंग मत करिए, पूरी पोस्ट यहाँ प्रकाशित करें. अपने ब्लॉग पर भी करें. इस ब्लॉग पर प्रकाशित करने के बाद लिंक दे, अच्छा लगेगा. यह मेरा आदेश नहीं निवेदन है. . आभार.

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