शनिवार, 19 फ़रवरी 2011

बाल गीत-- गणेश....डा श्याम गुप्त....

            आजकल जो बाल गीत लिखे जारहे हैं उनमें अधिकांश.. ..मैं बलशाली.... मैं सबसे अच्चा बच्चा..कितने अच्छे पिल्ले...मैंढक...तितली..आदि के मनोरन्जक गीत ही लिखे जारहे हैं....बच्चों के लिये अपनी संस्क्रिति, सभ्यता , पुरा ग्यान के गीत भी यदि लिखे जायं तो उनमें प्रारम्भ से ही अपने संस्कार, शुचि संस्कारों को जानने की इच्छा उत्पन्न होगी.....यहां हम कुछ एसे गीतों को प्रस्तुत करेंगे जो बच्चों को अपने  देवी-देवताओं के रूप-भावों के बारे में बतायेंगे.......प्रस्तुत है...गणपति गणेश से...

           गणपति गणेश....
लम्बी सूंड कान पन्खे से, छोटी छोटी आँखें  हैं |
हाथी जैसा सर है जिनका,एकदंत कहलाते हैं ||

मोटा पेट हाथ में मोदक,चूहे की है बनी सवारी |
ओउम कमल औ शंख हाथ में,माथे पर त्रिशूल धारी ||

ये गणेश हैं गणनायक हैं,सर्वप्रथम पूजे जाते |
क्यों हैं एसा वेष बनाए,आओ बच्चो बतलाते ||

तुच्छ जीव है मूषक लेकिन, पहुँच हर जगह है उसकी |
पास रखें इसे लोगों को,एसी कुशल नीति जिसकी ||

सूक्ष्म निरीक्षण वाली आँखें, सबकी सुनाने वाले कान |
सच को तुरत सूंघ ले एसी, रखते नाक गणेश सुजान ||

बड़े भेद औ राज की बातें,बड़े पेट में भरी रहें |
शंख घोष है,कमल सी मृदुता,कोमल मन में सजी रहें ||

सबका हो कल्याण, ॐ से सजे हस्त से वर देते |
मोदक का है अर्थ,सभी को प्रिय कहते,प्रिय कर देते ||

अमित भाव-गुण युत ये बच्चो!,रूप अनेकों सजते |कभी नृत्य-रत,कभी खेल रत,कभी ग्रन्थ भी लिखते ॥

इसे सारे गुण हों  बच्चो! वे ही नायक कहलाते |
हैं गणेश देवों के नायक,सर्वप्रथम पूजे जाते ||

                                      --सभी चित्र ..साभार..                                    


4 टिप्पणियाँ:

Shikha Kaushik ने कहा…

bahut achchha baal geet .aapne sach kaha hai bachchon ko aise baal geeton dwara apni sanskriti se sahaj me hi avgat karaya ja sakta hai .

शिव शंकर ने कहा…

बच्चों के लिये अपनी संस्क्रिति, सभ्यता , पुरा ग्यान के गीत भी यदि लिखे जायं तो उनमें प्रारम्भ से ही अपने संस्कार, शुचि संस्कारों को जानने की इच्छा उत्पन्न होगी..

aapne sach kha bachpan se hi bacho me sanskar hoge tabhi ve apne sath sath desh ka vikash karne me shayak sidh hoge .
aapki bal geet achhi hai.

namasker ji.

हरीश सिंह ने कहा…

वास्तव में बच्चो को बचपन से ही अच्छी शिक्षा दी जानी चाहिए तभी एक अच्छे समाज का निर्माण होगा. सुन्दर गीत.

shyam gupta ने कहा…

धन्यवाद--हरीश जी,शिखा व शिव्शंकर जी---उद्देश्य को पहचानने के लिये....

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